Kabir ki Sakhiya Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Vasant Chapter 7 Prepared by Hindi Expert Teacher.
Kabir ki Sakhiya Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Vasant
Class | 8 |
Book Title |
Vasant |
Chapter |
7 |
Chapter Name |
Kabir ki Sakhiya |
Topic |
Extra Questions and Answers |
अ.) दी गई पंक्तियां पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखें।
कबीर घास न नीदिए, जो पाऊँ तलि होइ।
उड़ि पड़े जब आँखि मैं, खरी दुहेली होइ।।4।।
जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होय।
या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय ।।5।।
1.) जगत में किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए इसके लिए कबीर जी किसका उदाहरण देते हैं?
जगत में किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए इसके लिए कबीरजी तिनके का उदाहरण देते हैं।
2.) हमें किस बात का घमंड नहीं करना चाहिए?
बड़े होने का घमंड हमें कभी भी नहीं करना चाहिए।
3.) मनुष्य कब संसार को खुशियों से भर सकता है?
मनुष्य जब अपने मन की विकृतियों को दूर करेगा तभी संसार को खुशियों से भर सकता है।
4.) मनुष्य को अपने अंदर से किन बातों को निकाल देना चाहिए?
मनुष्य को अपने अंदर से अपने मानसिक विकृतियों को निकाल देना चाहिए।
प्र.) 1 रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
1.) जाति न पूछो साध की, पूछ लीजिए …………………….. ।
जाति न पूछो साध की, पूछ लीजिए ज्ञान।
2.) कह ……………………. नहिं उलटिए, वही एक की एक
कह कबीर नहिं उलटिए, वही एक की एक
3.) ……………………. तो दहुँ दिसि फिरै, यह तौ सुमिरन नाहिं
मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै, यह तौ सुमिरन नाहिं
4.) कबीर ……………………… न नीदिए, जो पाऊँ तलि होइ।
कबीर घास न नीदिए, जो पाऊँ तलि होइ।
5.) या आपा को डारि दे, …………………… करै सब कोय ।
या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय ।
प्र.) 2 दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक–एक वाक्य में लिखो
1.) हमें किसी से जाती नहीं पूछनी चाहिए?
हमें ज्ञानी लोगों से मतलब साधुओं से जाती नहीं पूछनी चाहिए।
2.) मनुष्य की परख किसके आधार पर करनी चाहिए?
मनुष्य की परख ज्ञान के आधार पर होनी चाहिए।
3.) हम तलवार लेते वक्त किसकी कीमत करते है?
हम तलवार लेते वक्त तलवार की कीमत करते हैं म्यान की क़ीमत कोई नही करता।
4.) जब कोई हमें गाली देता है तो हमें क्या करना चाहिए? कबीर जी इसके बारे में क्या कहते हैं?
जब कोई हमें गाली देता है तब हमें उसे पर ध्यान नहीं देना चाहिए हमें शांत रहना चाहिए अगर हम शांत रहे जाएंगे तो वह एक की एक ही रह जाएगी वह बात वहीं पर खत्म हो जाएगी।
5.) मनुष्य का मन कैसा होता है?
मनुष्य का मन चंचल होता है।
6.) हाथ में माला लेकर मनुष्य क्या करता है?
मनुष्य हाथ में माला को लेकर मन को घुमाता है।
7.) जब छोटा सा तिनका आंख में चला जाता है तो क्या होता है?
जब छोटा सा तिनका आंख में चला जाता है तो बहुत दर्द होता है।
8.) अगर मनुष्य स्वार्थ का त्याग कर तो क्या होगा?
अगर मनुष्य स्वास्थ्य का त्याग करेगा तो वह दयावान कहलाएगा।
प्र.) 3 दिए गए पंक्तियों का अर्थ लिखो।
1.) आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक।
कह कबीर नहिं उलटिए, वही एक की एक ।
कबीर सिंह पंक्तियों के माध्यम से हमें कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति हमें गाली देता है तो उसे पलट कर हमें गाली नहीं देनी चाहिए। हमें उसे जगह पर शांत रहना चाहिए अगर हम उसकी पलट कर जवाब नहीं देंगे तो वहां पर वह गाली एक की जगह एक ही रहेगी। लेकिन अगर हम उसे गली का जवाब देने जाएंगे तो बात बढ़ती जाएगी।
2.) कबीर घास न नीदिए, जो पाऊँ तलि होइ।
उड़ि पड़े जब आँखि मैं, खरी दुहेली होइ।।
इन पंक्तियों के माध्यम से कबीर जी हमसे कहते हैं कि हमें कभी भी किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए। कभी-कभी छोटी बातें भी बहुत बड़ा काम कर जाती है। जैसे कि तिनका दिखने में तो बहुत छोटा होता है। लेकिन अगर आंख में चला जाए तो वह बहुत दर्द करता है। इस वजह से किसी को भी छोटा समझकर उसे दर्द नहीं देना चाहिए।
3.) जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होय।
या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय ।।
इन पंक्तियों से कबीर जी हमें यह संदेश देते हैं कि अगर हमारा मन शांत है तो पूरे जगत में हमसे कोई भी बैर नहीं लगा। अगर हम हमारा स्वार्थ त्याग देंगे और जरूरतमंद लोगों की मदद करेंगे तो हम दयावान कहलाएंगे। हमें अपनी कमजोरी का त्याग करना चाहिए और पूरे विश्व में प्रेम और दया का भाव फैलाना चाहिए।
प्र.) 4 नीचे कुछ पंक्तियों के अर्थ दी है उससे पंक्तियां पहचानो।
1.) अगर कोई सज्जन व्यक्ति हमें ज्ञान देता है तो हमें कभी भी उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए।
जाति न पूछो साध की, पूछ लीजिए ज्ञान।
2.) मनुष्य का मन हमेशा चंचल होता है। वह कभी स्थिर नहीं रहता। दस दिशाओं में घूमता रहता है।
मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै, यह तौ सुमिरन नाहिं ।
3.) अगर आपका मन शांत है तो इस पूरी दुनिया ऐसा कोई भी इंसान नही है जो आपका बैरी हो। अगर आपको सभी लोगों से मित्रता करनी है तो आपका मन शांत होना बहुत जरूरी है।
जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होय।
4.) अगर कोई हमारे बारे में गलत कहता है कोई अपशब तो का उपयोग करके हमसे बात करता है तो उसे उल्टा जवाब मत दो।
आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक
कविता से आगे
प्र.) 1 दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखें।
1.) आपके जीवन में कोई ज्ञानी व्यक्ति आ जाए तो आप क्या करेंगे?
अगर कोई ज्ञानी व्यक्ति हमारे जीवन में आता है तो हम उनसे ज्यादा से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। उसे ज्ञान का हम अपने जीवन में उपयोग करेंगे। इस ज्ञान की आधार पर हम अपने जीवन का स्तर ऊंचा करने का प्रयास करेंगे। क्योंकि हमारे जीवन का आधार ज्ञान ही होता है ज्ञान सभी जगह मिलता है हम उसे ज्ञान का किस तरह से उपयोग करते हैं यह हमारे ऊपर में भरा रहता है। इस वजह से हमारे जीवन में अगर कोई ज्ञानी व्यक्ति आता है तो हम उसे जितना मिलता है उतना ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश जरूर करेंगे।
2.) ऐसी कौन कौन सी छोटी चीजे है जो बड़े करतब दिखा सकती हैं?
चीटियां, छोटे छोटे कीड़े बहुत छोटे होती है लेकिन यह बड़े-बड़े करतब दिखाती है। यह चिटी यां, कीड़े समूह बनते हैं और बड़े-बड़े काम करके दिखाते हैं। समूह में रहकर बहुत कितना भी भारी वजन हो उठाकर एक और से दूसरी ओर ले जा सकते हैं। इसके साथ-साथ जब यह काटती है तो बहुत तकलीफ होती है।
3.) मन शांत क्यों होना जरूरी है?
हमारा मन शांत होना बहुत जरूरी है क्योंकि जब मन शांत होता है तो हम किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। किसी भी घटना पर विचार कर सकते हैं। लेकिन जब मैच मैन और शांत होता है चंचल होता है तब हम एक जगह बैठ नहीं सकते हम इधर-उधर घूमते रहते हैं हमारे मन में कई तरह के विचार आते हैं इस वजह से हम शांतिपूर्ण समाधान पूर्ण अपना जीवन नहीं बिता सकते। इस वजह से मन शांत होना जरूरी है। क्योंकि जब मन शांत होता है तो हमारे जीवन में भी शांति छा जाती है।
4.) जब हम दयावान होते है तो क्या होता हैं?
जब हम दयावान होते हैं तो हम हर वक्त संतुष्ट रहते हैं हमें थोड़े से में ही संतोष मिल जाता है लेकिन जब हम स्वार्थी होते हैं तो हम कभी भी शांत नहीं रह सकते हम संतुष्ट नहीं रह सकते। हमें हर वक्त किसी न किसी चीज की आस लगी रहती है। दयावान होना बहुत जरूरी है क्योंकि जब आप दयावान होते हैं तो आपको जो भी मिलता है उसमें भी थोड़े के ही ऊपर आपका जीवन चलता है। और जो भी बचता है उसमें आप बहुत सारे लोगों की मदद भी कर सकते हैं। अगर हमें अपने जीवन में संतुष्ट रहना है तो हमें दयावान बनना होगा।
5.) आपके साथ किसका झगड़ा हुआ था और उसमे आपने किसी गलत शब्दों का प्रयोग किया था। ऐसा हुआ है क्या?
हमारे झगड़े कई बार होते हैं कभी दोस्तों के साथ कभी माता-पिता के साथ कभी भाई बहनों के साथ। उन झगड़ों के विषय पर अलग-अलग होते हैं कभी छोटे विषय होते हैं तो कभी बड़े विषय होते हैं उसे टॉपिक लेकिन ऐसा कभी भी कोई भी विषय नहीं होता कि जिस पर हम चर्चा करके उसे पर कोई उत्तर ना निकल सके लेकिन ऐसे झगड़ों में हमने कभी भी अपशब्द का प्रयोग नहीं किया है क्योंकि झगड़े तो सुलझ जाते हैं लेकिन जिस तरीके से हम बात करते हैं वह बात हमेशा याद रहती हैं।
6.) अगर हम अपने ज्ञान का उपयोग नहीं करेंगे तो क्या होगा?
ज्ञान का हम जितना उपयोग करेंगे जितना हम ज्ञान को बनते जाएंगे उतना ही ज्ञान बढ़ेगा क्योंकि सभी व्यक्तियों को किसी न किसी बात के बारे में जानकारी अवश्य होती है। जब हम किसी से बात करते हैं तो सामने वाले से भी कुछ ना कुछ ज्ञान हमें प्राप्त हो ही जाता है। ज्ञान बांटने से कम नहीं होता। लेकिन जब हमारे पास जो ज्ञान है हम वह किसी को नहीं देते तब उस परिस्थिति में हमारे पास जो ज्ञान होता है उसका कोई उपयोग नहीं होता। क्योंकि हमारे बाद वह ज्ञान किसी को नहीं मिलता और वह ज्ञान हमारे तक ही सीमित रहता है। इस वजह से ज्ञान बांटना जरूरी है।
7.) हमारे मन में आत्मविश्वास होना क्यों जरूरी होता है?
हमारे मन में हमेशा आत्मविश्वास होना जरूरी होता है। क्योंकि हम अगर कोई काम करते हैं तो उसे जब हम आत्मविश्वास पूर्वक करते हैं तो वह काम अच्छी तरीके से पूर्ण हो जाता है। लेकिन जब हमारे मन में आत्मविश्वास नहीं होता और वह काम करने का तरीका हमें आता है फिर भी आत्मविश्वास ना होने के कारण वह कार्य अधूरा रह जाता है। उसे कार्य की कोई दखल भी नहीं लेता।
प्र 2 तो क्या होगा लिखो।
1.) हम में बहुत घमंड है
अगर हमें हमारे ज्ञान का या फिर हमारे पास जो की है उसका हमें बहुत घमंड है तो ऐसी वस्तुओं का ऐसे ज्ञान का कोई मूल्य नहीं होता। आपके घमंड के वजह से आपके पास कोई नहीं आता। इस वजह से आपका ज्ञान और आपको जिन वस्तुओं पर घमंड है यह बेकार हो जाती है।
2.) हमारा मन चंचल है
हमारा मन अगर चंचल है तो उसे स्थिर करना जरूरी है। क्योंकि चंचल मन का भी शांति से विचार नहीं कर सकता। अब चंचल मन हमेशा विपरीत परिस्थितियों में घबरा जाता है और गलत विचार करने लगता है। इस वजह से हमारा बहुत नुकसान होता हैं।
3.) मन में स्वार्थ भरा हुआ है
हमारे मन में अगर सिर्फ स्वार्थ भरा हुआ है तो हम अपने जीवन को कभी संतोष भरे नजरों से नही देख सकते। हमे हर वक्त किसी न किसी चीज की आस लगेगी। हम हमेशा इस दुनिया से कुछ न कुछ लेने के विषय में सोचेंगे। इस दुनिया को कुछ देना यह भी हमारा कर्तव्य है इसके बारे में हम नही सोच पाएंगे।
4.) किसी के साथ बातचीत करते समय हम गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं
जब हम किसी से बात करते समय गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं तो सामने वाले के मन में हमारी एक बुरी छवि प्रस्तुत हो जाती है। जिस भी हम बात करते समय अपशब्दों का प्रयोग करते हैं वह हर व्यक्ति हमें अच्छा नहीं मानता वह व्यक्ति हमारे बारे में अच्छा नहीं सोचता। उसके मन में यह बात हमेशा के लिए रह जाती है।
5.) अगर हम हमारे ज्ञान का उपयोग नहीं करते।
हमें जो ज्ञान मिलता है अगर हम उसका सही करें कैसे उपयोग नहीं करते तो जो हमें ज्ञान देता है और हमें जो ज्ञान मिला है उसका हम अपमान कर देते हैं। इसके वजह से हमारे जीवन में बहुत मुश्किलें आ जाती है।
6.) हम सामने वाले व्यक्ति के सिर्फ दोष देखते हैं
जब हम सामने वाले व्यक्ति के सिर्फ दोष देखते हैं उसके गुण नहीं देखते तब हम उस से अच्छी तरीके से बात नहीं करते। हर व्यक्ति में गुण और दोष होते हैं हमें उसके दो स बाजू में रखकर उसके गुना के तरफ देखना चाहिए। उसके गुना को देखकर हमें वह गुण है क्या यह विचार करना चाहिए। जब हम सामने वाले व्यक्ति के सिर्फ दोष देखते हैं तो हमें वह व्यक्ति बुरा ही नजर आता है।
भाषा की बात
प्र.) 4 दिए गए शब्दों के सही तुकांत शब्द लिखो।
1.) ज्ञान – म्यान
2.) अनेक – एक
3.) होय – कोय
प्र.) 5 दिए गए शब्दों का सही अर्थ लिखो।
1.) साध – साधु
2.) तरवार – तलवार
3.) गारी – गाली
4.) जीभि – जिव्हा
5.) घास – तिनका
6.) बैरी – शत्रु
प्र.) 6 दिए गए शब्दों का उच्चार अपने रोज के जीवन में किस तरह से करते हो वह लिखो।
1.) बैर – शत्रु, दुश्मन
2.) तरवार – तलवार
3.) साध – साधु
4.) जिभी – जीभ
5.) सीतल – शीतल
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