पर्यावरण का मतलब हमारे आसपास को जो वातावरण है, जिसमें हम आराम से रहते हैं,जीवन जीतें हैं ,वह हे पर्यावरण। जल,वायु, ध्वनि, मुद्रा और हमारे परिवर्तन में होने वाला बदलाव भी पर्यावरण ही है।पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ है कि मानव और जीव जंतु वृक्ष, पेड़, पौधे उनको होने वाली हानि को पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं।
पर्यावरण प्रदूषण पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essay on Environmental Pollution in Environmental Pollution par Nibandh Hindi mein)
जल, वायु,ध्वनि, मृदा का प्रदूषण होता है।उससे प्रकृति का प्रदूषण होता है,और पर्यावरण का भी। पर्यावरण प्रदूषण के विविध कारण हैं।औद्योगिक करण में हमारे देश में बहुत बड़ी तरक्की की है। पर उद्योगों, या कारखानों से निकला पानी धुआं ,कचरा इन सें प्रदूषण होता है।जो पर्यावरण के लिए एक घातक है। मानव के जीवन के लिए जल, वायु, मृदा आवश्यक है। उसमें से कुछ घटक घटक मिलने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता दिखता है। प्राकृतिक घटक जल, वायु, मुद्रा, प्रदूषित होते हैं। पर्यावरण प्रदूषण कई तरह होता है। पर मुख्य रूप से जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मुद्रा प्रदूषण,और ध्वनि प्रदूषण यह चार प्रकार है। जिससे पर्यावरण को सबसे ज्यादा हानि होती है।
वायु प्रदूषण:- वातावरण में फैली जहरीली गैस से वायु प्रदूषण होता है। उसका मुख्य कारण कारखानों,वाहनों से निकले वाला धुआं है। जिससे कई खतरनाक बीमारियां उत्पन्न होती है। हमें सांस लेने में भी तकलीफ होती है। वायु प्रदूषण मानव और पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा घातक ठहर रहा है।
जल प्रदूषण:- हमारे देश में जनसंख्या ज्यादा तौर पर बढ़ रही है, और कारखानों से बहने वाला गंदा पानी हमारे नदियों को प्रदूषित करके जल प्रदूषण कर रहा है ।जो हम रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं, उनसे भी जल प्रदूषण होता है।
मुद्रा प्रदूषण :-हम खेतों में खतरनाक रसायनों कीटक नाशक का ज्यादा उपयोग करने से मिट्टी अनुपजाऊ होती है। जिससे धान्य कम मात्रा में आते हैं। मुद्रा प्रदूषण होने के कारण मिट्टी कमजोर होती जा रही है। जिससे मुद्रा प्रदूषण हो रहा है।
ध्वनि प्रदूषण :-ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण कारखानों में चलने वाली बड़ी-बड़ी मशीनों से ध्वनि प्रदूषण होता है ।सड़कों पर वाहनों से निकलने वाले आवाजों से और शादी, तोहर में बजाने वाले स्पीकर से भी धोनी प्रदूषण होता है ।
पर्यावरण प्रदूषण में सबसे ज्यादा वृक्षों की तोड़ है। जो मानव अपने फायदे के लिए और उपयोग के लिए वृक्ष तोड़ करते हैं। इस तरह वृक्ष कम होते जा रहे हैं।पर्यावरण में घट हो रहा है। फैक्ट्री,कारखाने, उद्योग को बनाने के लिए वृक्ष तोड़ होती है। हमें पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाना पड़ेगा। इसके लिए वनों की कटाई को रोकना होगा। वन क्षेत्र लगाने के लिए हमें वृक्षारोपण करना होगा।जनसंख्या पर नियंत्रण करना पड़ेगा। खतरनाक रासायनिक और कीटक नाशक का कम से कम प्रयोग करके खेती को उगाना होगा। जिसे हमें अच्छे स्वास्थ्य मिलेगा,और मुद्रा प्रदूषण को कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा ।पर्यावरण प्रदूषण रोकना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
इसके लिए हमें लोगों को जागरूक करना होगा, ताकि हम कोई भी काम ना करें जिससे प्रदूषण ना हो। प्रकृति को हानि न पहुंचे, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण पाने के लिए संयुक्त रूप से हमें प्रयास करना पड़ेगा।जिससे हमारे आसपास होने वाली पर्यावरण का प्रदूषण कम से कम हो। हमारा पर्यावरण हरा भरा हो पर मानव जीवन के लिए संतुष्ट होकर संतुलन को भाव देने वाला हो।
पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए हमें अपने घर से ही शुरुआत करनी पड़ेगी और सब को प्रोत्साहित करना होगा।
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