DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 8 – दोहे
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दोहे
2.) निम्नलिखित पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार स्पष्ट कीजिए–
(क) उस वक्त मारे क्रोध के तनु काँपने लगा।
मानो हवा के शोर से सोता हुआ सागर जगा ।।
जैसे बहुत जोर से हवा बहती है और उसे वजह से सागर जाग उठता है वैसे ही उसे वक्त क्रोध से कांप रहा था। क्रोध से जो शरीर कांप रहा था वह उपमेय है और हवा के जोर से सागर का जागना यह उपमेय है। इन पंक्तियों में मानो यह शब्द आया है इस वजह से यहां पर उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग हुआ है।
(ख) पाहुन ज्यों आए हो गाँव में शहर के
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।।
गांव में जिस तरह से थाट बांट से सज सवरकर दामाद आता है वैसे ही सज सवरकर मेघ भी आए हैं। यहां पर मेघ आना मतलब उपमेय और गांव में जो सज सवरकर दामाद आता है वह उपमान है। इन पंक्तियों में ज्यों इस शब्द का प्रयोग हुआ है इस वजह से यहां पर उत्प्रेक्षा अलंकार है।
4.) निम्नलिखित पंक्तियों में से श्लेष अलंकार छाँटकर उनका स्पष्टीकरण लिखिए–
(क) लूट लिया माली ने उपवना
इस पंक्ति में माली यह शब्द आया है और इस शब्द के दो अर्थ है।
भगवान और बागवान
इस वजह से इस पंक्ति में श्लेष अलंकार का उपयोग किया गया है।
(ख) मंगन को देख पट देत बार–बार है।
इस पंक्ति में पट यह शब्द आया है और पट के दो अर्थ होते हैं।
कपड़ा और दरवाजा
इस वजह से इस पंक्ति में श्लेष अलंकार का उपयोग किया गया है।
6.) निम्नलिखित पंक्तियों में से यमक अलंकार छाँटकर उनका स्पष्टीकरण लिखिए–
(क) कनक– कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय ।
वा खाए बौराए जग, या पाए बौराए ।
इन पंक्तियों में कड़क यह शब्द तो बार आया है और कनक का अर्थ होता है धतूरा और सोना। मतलब इन पंक्तियों में यमक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
(ख) माला फेरत जुग गया, मिटा न मनका फेर
कर का मनका डारि कर, मन का मनका फेर।।
इन पंक्तियों में मनका यह शब्द आया है मनका का इस शब्द का अर्थ होता है मन और मोती। मतलब इन पंक्तियों में यमक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
(ग) वह पाकर एक धोती, प्रतिदिन उसे धोती
इन पंक्तियों में धोती यह शब्द आया है। धोती का अर्थ है वस्त्र और धोना। मतलब इस पंक्ति में यमक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
8.) निम्नलिखित उदाहरणों में अतिशयोक्ति अलंकार स्पष्ट कीजिए–
(क) आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार राणा ने सोचा इस पार तब तक चेतक था उस पार ।।
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि महाराणा प्रताप सोच रहे थे कि इतनी बड़ी इतनी विशाल नदी है मैं अपने घोड़े चेतक के साथ यह नदी कैसे पर करूंगा जब महाराणा प्रताप यह बात सोच रहे थे तभी उन्होने नदी के उसे पर चेतन को देखा। इसलिए यहां पर अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग हुआ है।
(ख) कढ़त साथ ही म्यान तें असि रिपु तन ते प्रान
इस पंक्ति का अर्थ है कि जैसे ही म्यान में से तलवार बाहर निकली वैसे ही दुश्मनों के निकल गए। जैसे ही तलवार बयान से बाहर आती है वैसे ही दुश्मनों के प्राण भी निकल जाते हैं यह अतिशयोक्ति है मतलब इन पंक्तियों में अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग हुआ है।
9.) निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उचित विकल्प पर सही (✓ ) का निशान लगाइए–
जन्म लेते हैं जगह में एक ही
एक ही पौधा उन्हें है पालता ।
रात में उन पर चमकता चाँद भी,
एक ही सी चाँदनी है डालता।
मेघ उन पर है बरसता एक-सा
एक-सी उन पर हवाएँ हैं बहीं ।
पर सदा ही यह दिखाता है हमें,
ढंग उन के एक-से होते नहीं।
छेद कर काँटा किसी की उँगलियाँ,
फाड़ देता है किसी का वर – वसन।
फूल निज सुगंध औ निराले रंग से ।
है सदा देता कली को जो खिला ।
है खटकता एक सब की आँख में,
दूसरा है सोहता सुर शीश पर ।
किस तरह कुल की बड़ाई काम दे।
जो किसी में हो बड़प्पन की कसर ।
(क) यहाँ पौधे के किन–किन अवयवों की बात हो रही है?
फूल और फल की
फूल और पत्तियों की
फूल और काँटे की
पत्तियों और कांटे की
उत्तर – फूल और काँटे की
(ख) प्रकृति किस प्रकार दोनों को समान भाव से पालती है?
चाँदनी सभी पर चमकती है।
चाँदनी, मेघ और हवा दोनों को समान रूप से प्राप्त होते हैं।
चाँद, बादल और वर्षा समान व्यवहार करते हैं।
हवा दोनों को समान रूप से सहलाती है।
उत्तर – चाँदनी, मेघ और हवा दोनों को समान रूप से प्राप्त होते हैं।
(ग) काँटे की प्रवृत्ति क्या होती है?
उसका कोई उपयोग नहीं होता।
वह सभी को आहत करता है।
वह फूल की सुरक्षा करता है।
वह उँगली को छेद देता है।
उत्तर – वह उँगली को छेद देता है।
(घ) फूल सभी को प्यारा क्यों लगता है?
उसकी कोमल पंखुड़ीयों के कारण
उसकी खुशबू और निराले रंगों के कारण
उसकी मधुरता के कारण
उसकी आकर्षक छवि के कारण
उत्तर – उसकी खुशबू और निराले रंगों के कारण
(ङ) कुल की बढ़ाई कब काम आती है?
व्यवहार में बड़प्पन होने पर
स्वभाव में अहंकार होने पर
बड़प्पन का भाव न रहने पर
बड़प्पन में कसर रहने पर
उत्तर – व्यवहार में बड़प्पन होने पर
आओ दोहराएँ
10.) निम्नलिखित वाक्याशों के लिए एक शब्द लिखिए–
(क) जो सबके साथ समान व्यवहार करे
सदाचारी
(ख) अच्छे चरित्र वाला
सच्चरित्र
(ग) जो अपने पैरों पर खड़ा हो
स्वावलंबी
(घ) किसी वस्तु का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन करना
अतिशयोक्ति
(ङ) जो कड़वा बोलता हो
कटु भाषी
11.) नीचे लिखे वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए–
(क) पंचों ने जो निर्णय लिया वह सभी को मान्य था।
पंचों ने जो निर्णय लिया वह सभी को मान्य था।
(ख) वह गुनगुने गरम पानी से स्नान करता है।
वह गुनगुने पानी से स्नान करता है।
(ग) उसके तो सारे इरादों पर पानी बह गया।
उसके तो सारी इरादों पर पानी बह गया।
(घ) वसंत ऋतु अच्छा लगता है।
वसंत रितु अच्छा लगता है।
(ङ) उसका प्राण निकल रहा है।
उसके प्राण निकल रहे हैं।
12.) निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदलिए–
(क) डिबिया – डिब्बा
(ख)सेठ – सेठानी
(ग) सुता – सूत
(घ) रूपवती – रूपवान
13.) नी लिखे वाक्यों से जिस काल का पता चलता है, उसके सामने उस काल का नाम लिखिए–
वाक्य
(क) भारत ने नया उपग्रह छोड़ा।
काल – भूतकाल
(ख) अध्यापक विद्यार्थियों को पाठ पढ़ाएँगे।
काल – भविष्यकाल
(ग) ममता खाना पका रही है।
काल – वर्तमान काल
(घ) अनेक चित्रकारों ने सुंदर चित्र बनाए।
काल – भूतकाल
(ङ) उसने मुझे पुस्तक दी थी।
काल – भूतकाल
आओ लिखें
14.) पाठ ‘दोहे‘ में जो दोहा आपको बहुत अच्छा लगा हो, उसके मुख्य भाव पर आधारित कहानी लिखिए–
एक गांव में एक लड़का रहता था जो उसे गांव के सारे भेड़ियों को लेकर जंगल पर चराने के लिए ले जाता था। वह लड़का भेड़ियों को चराने के लिए ले जाता है इस वजह से गांव के सारे बड़े बुजुर्ग अपने-अपने काम बिना किसी चिंता के कर लेते थे। लेकिन एक दिन उसे लड़के को एक योजना सूझी। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा के देखो देखो शेर आ गया भेड़ियों को खाने के लिए शेर आ गया। उसकी आवाज सुनकर गांव के सारे मर्द जंगल की तरफ भाग गए। जब वह उसे लड़की और भेड़ियों उनके पास पहुंच गए तब उन्होंने देखा कि सारे भेड़िए शांति से रहे चर थे। और वह लड़का जोर-जोर से हंस रहा था। सारे गांव के लोग गांव में वापस आ गए दूसरे दिन भी उसे लड़के ने वैसे ही किया। सारे गांव के लोग जंगल में फिर से भाग गए। लिखित उनको वहां पर कल के जैसा ही दृश्य देखने के लिए मिला। तीसरे दिन भी उसे लड़के ने फिर से वही बात की। सारे लोग अब उसे परेशान हो गए थे। चौथे दिन भी वह लड़का जोर-जोर से वही बात चिल्लाने लगा देखो देखो शेर आ गया भेड़ियों को खाने के लिए शेर आ गया लेकिन इस बार कोई भी जंगल की ओर नहीं भागा। लेकिन उसे लड़के ने देखा तो सचमुच का ही शेर आ गया था। लड़का और जोर से चिल्ला दे लगा लेकिन कोई भी गांव से जंगल की ओर जाने के लिए तैयार ही नहीं था। वह लड़का वहीं पर बैठ गया। बहुत देर हो गई और भेड़िए लेकर वह लड़का गांव की तरफ नहीं आया इसीलिए गांव के लोग जंगल की ओर जाने लगे। उन्होंने वहां पर जाकर देखा तो वह लड़का अपना सिर पकड़ कर वहां पर बैठ गया था। वह लड़का अब उसे लोगों से कह दे लगा आज तो सचमुच का ही शेर आ गया था। तो गांव के सारे लोगों से कहने वालों के पिछले कई दे दो जो तुम शरारत कर रहे हो अगर वह तुमने नहीं की होती तो आज यह बात नहीं हुई होती। उसे दे सारे भेड़ियों को खा लिया है अब हम क्या करेंगे तुम ही बताओ। गांव के सारे लोग उसे लड़के पर इल्जाम लगाने लगे थे।
इसे यहां मालूम पड़ता है कि अगर एक बार बात बिगड़ गई तो लाख कोशिश कर लो वह बात फिर से नहीं बनती।