DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 18 – दुख में हार ना मानो
DAV School Books Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 18 दुख में हार ना मानो all Question Answer. DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Textbook Chapter 18.
दुख में हार ना मानो
1.) नीचे दी गई काव्य पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए-
(क) मेरे लिए खड़ा था, दुखियों के द्वार पर तू ।
(ख) बेबस गिरे हुओं के, तू बीच में खड़ा था।
(ग) मुझको समर्थ कर तू, बस कष्ट के सहन में।
(घ) बाजे बजा-बजाकर, मैं था तुझे रिझाता ।
अब इन पंक्तियों में से मोटे काले शब्दों में जिस वर्ण की आवृत्ति हुई है, उसे लिखिए-
(क) प्रथम पंक्ति में – द
(ख) द्वितीय पंक्ति में – ब
(ग) तृतीय पंक्ति में – स
(घ) चतुर्थ पंक्ति में – ब
जहाँ एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार होती है, वहाँ ………………….. अलंकार होता है।
जहाँ एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार होती है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।
2.) नीचे दी गई पंक्तियों में यमक अलंकार स्पष्ट कीजिए-
(क) कबीरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर ।
इस पंक्ति में पीर इस शब्द का दो बार प्रयोग किया गया है। पीर शब्द के दो अर्थ निकलते हैं पीर मतलब श्रेष्ठ व्यक्ति और फिर मतलब कष्ट सहन। इस वजह से यहां पर यमक अलंकार का उपयोग किया गया है।
(ख) कहैं कवि बेनी, बेनी व्याल की चुराई लेनी ।
इस पंक्ति में बेनी यह शब्द दो बार आया है। बनी इस शब्द का अर्थ होता है एक नाम और सांप की चाल। इस वजह से इस पंक्ति में यमक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
(ग) मन न फिरावै आपना, कहाँ फिरावे मोहि
इस पंक्ति में फिरावै यह शब्द दो बार आया है। फिरावै इस शब्द का अर्थ है के अपने गति पर नियंत्रण रखना और मोती के गति पर नियंत्रण रखना। इस वजह से इस पंक्ति में यमक अलंकार का उपयोग किया गया है।
जब एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ प्रत्येक बार भिन्न हो, उसे ………………. अलंकार कहते हैं।
जब एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ प्रत्येक बार भिन्न हो, उसे यमक अलंकार कहते हैं।
3.) नीचे दी गई पंक्तियों में श्लेष अलंकार स्पष्ट कीजिए-
(क) जो रहीम गति दीप की कुल कपूत गति सोय । बारे उजियारो करै, बढ़े अंधेरो होय ।।
इन पंक्तियों का अर्थ यह है कि जैसे दीपक होता है वैसे ही कुपुत्र भी होता है जिस तरह दीपक पहले सारी जगह पर प्रकाश देता है इस तरह कुपूत का चरित्र अभी शुरुआत में अच्छा लगता है। लेकिन दीपक जैसे-जैसे बड़ा होता है और कुपित जिस तरह बड़ा होता है दोनों ही अंधेरा फैलाने लगते हैं।
(ख) मेरी भव बाधा हरो, राधा नागरि सोय।
जा तन की झाँई परै स्याम हरित दुति होय।।
जो राधा है उसकी छाया श्री कृष्णा पर पड़ी है। राधा का शरीर पीला है और श्री कृष्ण का शरीर नीला है। इस वजह से श्री कृष्णा भी अब हरे मतलब प्रसन्न दिख रहे हैं।
जहाँ शब्द तो एक ही बार प्रयुक्त किया जाए पर उसके एक से अधिक अर्थ हों, वहाँ ……………….. अलंकार होता है।
जहाँ शब्द तो एक ही बार प्रयुक्त किया जाए पर उसके एक से अधिक अर्थ हों, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।
4.) निम्नलिखित पंक्तियों में अतिशयोक्ति अलंकार स्पष्ट कीजिए-
(क) देख लो साकेत नगरी है यही
स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही ।।
इन पंक्तियों में अयोध्या का वर्णन किया गया है। अयोध्या नगरी में जो दिए जलाए हैं उनका प्रकाश इतना है कि ऐसा लग रहा है कि यह नगरी अब गगन के मार्ग से स्वर्ग में जा रही है।
(ख) औषधालय अयोध्या में बने तो थे सही।
किंतु उनमें रोगियों का नाम तक भी था नहीं।
इस पंक्ति के माध्यम से कहा जाता है कि अयोध्या में औषधालय की निर्मित की गई लेकिन अयोध्या में कोई भी व्यक्ति रोगी नहीं है। सभी का स्वास्थ्य अच्छा है। इस वजह से किसी को भी औषधालय जाने की आवश्यकता नहीं है।
जहाँ किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ाकर कहा जाए अथवा किसी की प्रशंसा इतनी बढ़ा चढ़ाकर की जाए कि वह लोक-सीमा के बाहर हो तो, वहाँ ………………………. अलंकार होता है।
जहाँ किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ाकर कहा जाए अथवा किसी की प्रशंसा इतनी बढ़ा चढ़ाकर की जाए कि वह लोक-सीमा के बाहर हो तो, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
5.) निम्नलिखित पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार स्पष्ट कीजिए-
(क) ले चला साथ मैं तुझे कनक
ज्यों भिक्षु लेकर स्वर्ण कनका
इस पंक्ति में कनक इस शब्द का अर्थ है धतूरा कवि कहता के वह हाथ में जैसे भिक्षुक सोना ले जाते हैं वैसे ही धतूरे को ले जा रहा है। इस पंक्ति में ज्यों इस शब्द का उपयोग हुआ है इस वजह से यहां पर उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ख) नील जल में या किसी को गौर,
झिलमिल देह जैसे हिल रही हो।
नीला जल मतलब नीला आकाश और झिलमिल देह मतलब सूर्य का प्रकाश यानी कोई युवती नील जल में स्नान कर रही है ऐसा लग रहा है। यहां जैसे इस शब्द का प्रयोग हुआ है इस वजह से यहां पर उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ग) कहती हुई यो उत्तरा के नेत्र जल से भर गए।
हिम के कणों से पूर्ण मानो हो पंकज नए
इन पंक्तियों में उतर के आंखों में जो पानी आ गया है उसकी तुलना हिम के कणों से की गई है। इन पंक्तियों में मानो इस शब्द का प्रयोग हुआ है इस वजह से यहां पर उत्प्रेक्षा अलंकार है।
6.) नीचे लिखे काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
सामने कुहरा घना है
और मैं सूरज नहीं हूँ
क्या इसी अहसास में जिऊँ
या जैसा भी हूँ नन्हा-सा
इक दीया तो हूँ
क्यों न उसी की उजास में जिऊँ?
हर आने वाला क्षण
मुझे यही कहता है-
अरे भई, तुम सूरज तो नहीं हो और मैं कहता हूँ-
न सही सूरज
एक नन्हा दीया तो हूँ
जितनी भी है लौ मुझ में उसे लेकर जिया तो हूँ।
कम से कम मैं उनमें तो नहीं
जो चाँद दिल के बुझाए बैठे हैं
हर रात को अमावस बनाए बैठे हैं
उड़ते फिर रहे थे जो जुगनू आँगन में
उन्हें भी मुट्ठियों में दबाए बैठे हैं।
(क) ‘कुहरा और दीया’ किसके प्रतीक हैं?
कुहरा मतलब सामाजिक समस्या और दिया मतलब उन समस्याओं से लड़ने की निशानी।
(ख) ‘जो चाँद दिल के बुझाए बैठे’ से क्या तात्पर्य है?
जिन लोगों में कुछ कर दिखाने की क्षमता है वह कुछ नहीं कर रहे हैं वह बहुत निराशा है। जो चाँद दिल के बुझाए बैठे’ से यह तात्पर्य है।
(ग) ‘उड़ते हुए जुगनू’ से क्या तात्पर्य है?
जिन बच्चों को इस दुनिया में कुछ कर दिखाना है उनके लिए उड़ते हुए जुगनू कहा गया है।
(घ) जुगनूओं को कौन मुट्ठियों में दबाए बैठा है?
जो कुछ करना नहीं चाहते निराश हुए बैठे हैं उन्होंने ही मतलब घर के लोगों ने ही जुगनू उनको मुट्ठियों में दबाए रखा है।
(ङ) इस काव्यांश से क्या संदेश मिलता है?
हमारे आसपास अनेक समस्याएं होती है उन समस्याओं से हमें लड़ना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। इस काव्य से हमें यह संदेश मिलता है।
आओ दोहराएं
7.) नीचे दिए गए शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए-
(क) उदयाचल
उदय+ अचल
(ख) सुखानुभूति
सुख + अनुभूति
(ग) सम्मान
सम्+ मान
(घ) संतोष
सम् + तोष
(ङ) वाग्व्यापार
वाक् + व्यापार
8.) नीचे दिए गए शब्दों में संधि कीजिए-
(क) मत + अनुसार = मतानुसार
(ख) कपि + ईश = कपीश
(ग) तथा + एव = तथैव
(घ) परम + अणु = परमाणु
(ङ) ब्रहम + ऋषि = ब्रह्मर्षि
१.) नीचे दिए गए शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाइए-
(क) लाल – लालिमा
(ख) भटकना – भटकंती, भटकाव
(ग) समीप – समीपता
(घ) शिव – शाक्त
10.) नीचे दिए गए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(क) दुखियों
हमें दुखियों का सहारा बनना होगा।
(ख) अधीर
अधीरता बहुत बुरी चीज होती है।
(ग) कठिनाइयों-
कठिनाइयों का सामना करके ही हम हमारा लक्ष्य पा सकते हैं।
(घ) भजन
मंदिर में हर सुबह भजन गाए जाते हैं।
(ङ) समर्थ
समर्थ रामदास स्वामी इन्होंने व्यायाम का महत्व समझाया।
11.) नीचे दिए गए वाक्यों को सही रूप में लिखिए-
(क) उन बच्चे ने सेब खा लिया।
उसे बच्चों ने सब खा लिया
(ख) उनकी रुचिएँ फ़िल्म देखना और गाना सुनना है।
उनकी रुचि है फिल्म देखना और गाना सुनना।
(ग) दो लड़की आ रही है।
दो लड़कियां आ रही है।
(घ) आकाश में अनेक पक्षी उड़ रहा है।
आकाश में पक्षी उड़ रहे हैं।
(ङ) उन कमरे में बिजली नहीं है।
उसे कमरे में बिजली नहीं है।
12.) नीचे दिए वाक्यों में कारक शब्दों पर घेरा लगाइए और कारक का भेद लिखिए-
वाक्य | कारक शब्द | कारक का भेद |
देश में कोई ईमानदार व्यक्ति रहा ही नहीं गया। | मे | अधिकरण कारक |
ईमानदार को मूर्ख समझा जाने लगा है। | को | कर्म कारक |
कानून धर्म से बड़ा है। | से | अपादान कारक |
राम घोड़े से गिर गया। | से | अपादान कारक |
हे प्रभु! मुझे शक्ति दो। | हे | संबोधन कारक |
उसने मुझे पहचान लिया है। | उसने | कर्ता कारक |
आओ लिखें
13.) सड़क के चौराहे पर लाल बली न होने से अनेक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इस संबंध में यातायात अधिकारी को पत्र लिखिए-
दिनांक – 27-07-2022
सेवा में,
श्रीमान यातायात अधिकारी
परिवहन कार्यालय,
ओरोस सिंधुदुर्ग
विषय – सड़क के चौराहे पर लाल बली न होने से अनेक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं, इस संबंध में
महोदय,
नमस्कार मैं राजन तिवारी राधा कृष्ण अपार्टमेंट ओरोस यहां पर रहता हूं। यहां पर हमारे अपार्टमेंट के सामने एक चौक है और वहां पर लाल बत्ती ना होने के कारण हमेंशाही दुर्घटनाएं होती रहती है। हमारा आपसे निवेदन है कि वहां पर लाल बत्ती लगवा दिए जाएं ताकि दुर्घटना ना हो और लोगों की जान बच जाए।
धन्यवाद
एक जिम्मेदार नागरिक
राजन तिवारी
राधा कृष्ण अपार्टमेंट
ओरोस, सिंधुदुर्ग