Chhattisgarh State Class 5 Hindi Chapter 10 सुनीता की पहिया कुर्सी Solution
Chhattisgarh State Board Class 5 Hindi Chapter 10 सुनीता की पहिया कुर्सी Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
सुनीता की पहिया कुर्सी
कहानी से
1.) सुनीता को सब लोग गौर से क्यों देख रहे थे ?
सुनीता और बच्चों जैसे नहीं थी। वह अपाहिज थी। इसलिए उसे पहिया कुर्सी की जरूरत लगती थी। वह अपनी पहिया कुर्सी लेकर बाजार जा रही थी। इसलिए सब लोगों से गौर से देख रहे थे।
2.) सुनीता को दुकानदार का व्यवहार क्यों बुरा लगा?
दुकानदार ने चीनी की थैली सुनीता के हाथ में न देकर उसमें गोद में रख दी। वह दुकानदार सुनीता की मदद करना चाहता था। लेकिन सुनीता को ऐसा लगा कि वह दुकानदार मुझे और बच्चों जैसे नहीं समझता। मुझे कोई काम नहीं आता ऐसा उसे लगता है। इसीलिए सुनीता को उसे दुकानदार का व्यवहार बुरा लगा।
मजेदार
सुनीता को सड़क की जिंदगी देखने में मजा आता हैं।
(क) तुम्हारे विचार से सुनीता को सड़क देखना अच्छा क्यों लगता होगा?
सड़क पर सुनीता को तरह-तरह के लोग दिखाई देते हैं। वहां पर बच्चे खेल रहे होते हैं। लोग गाड़ियां चल रहे होते हैं। तरह-तरह की दुकान होती है। इसीलिए सुनीता को सड़क की जिंदगी देखने में मजा आता है।
(ख) अपने घर के आसपास की सड़क को ध्यान से देखों और बताओं-
1.) तुम्हें क्या-क्या चीजें नजर आती है?
रास्ते पर चलती हुई गाड़ियां, फुटपाथ पर चलते हुए लोग, पेड़ पौधे, दुकान, सब्जी वाले, पुलिस यह सब चीज हमें सड़क पर दिखाई देती है
2.) लोग क्या-क्या करते हुए नजर आते है?
लोग सब्जी लेते हुए, मिठाई लेते हुए, एक दूसरे की मदद करते हुए, कभी-कभी एक दूसरे से झगड़ते हुए, मोबाइल पर बातचीत करते हुए दिखाई देते हैं।
फरीदा की माँ ने कहा, इस तरह के सवाल नहीं पूछने चाहिए।”
फरीदा पहिया कुर्सी के बारे में जानना चाहती थी पर उसकी माँ ने उसे रोक दिया।
1.) माँ ने फरीदा को क्यों रोक दिया होगा?
फरीदा सुमिता से कुछ प्रश्न पूछना चाहती थी, शायद यह प्रश्न सुनकर सुनीता को बुरा लग जाता। इसीलिए मां ने फरीदा को रोक दिया होगा
2.) क्या फरीदा को पहिया कुर्सी के बारे में नहीं पूछना चाहिए था? तुम्हें क्या लगता है?
फरीदा को सुनीता से ऐसे सवाल नहीं पूछने चाहिए थे। लेकिन फरीदा भी एक छोटी बच्ची थी। उससे क्या पूछना चाहिए और किस से क्या कहना चाहिए यह समझ में नहीं आता।
3.) क्या तुम्हे भी कोई काम करने या कोई बात कहने से मना किया जाता है ? कौन मना करता है? कब मना करता है?
अगर हम कोई गलत बात कर रहे हो तो हमें हमारे मन बाबा वह बात कहने से रोक देते हैं।
मैं भी कुछ सकती हूँ
(क) यदि सुनीता तुम्हारी पाठशाला में आए तो उसे किन-किन कामों में परेशानी आएगी?
यदि सुनीता हमारे पाठशाला में आएगी तो उसे सीढ़ियां चढ़ने उतरने के लिए परेशान हो जाएगी। उसे अपनी पहिया कुर्सी को छोड़कर एक जगह बेंच पर बैठना होगा इसमें उसे परेशानी आ सकती है।
(ख) उसे यह परेशानी न हो इसके लिए अपनी पाठशाला में क्या तुम कुछ बदलाव कर सकते हो?
हम सुनीता की मदद कर सकते हैं। उसे सीढ़ियां चढ़ने के लिए उतरने के लिए मदद कर सकते हैं। जो लोग अपाहिज होते हैं जिनके पास पहिया गाड़ी होती है वह आसानी से स्कूल में आ सके ऐसी सुविधा करने के लिए हमारे प्राध्यापक से कह सकते हैं।
प्यारी सुनीता सुनीता के बारे में पढ़कर तुम्हारे मन में कई सवाल और बातें आ रही होगी। वे बातें सुनीता को चिट्टी लिखकर बताओ।
सुनीता सेनी
राजपतनगर
दिल्ली
प्रिय सुनीता
कैसे हो…? मैं तुम्हारी कहानी पढ़ी। ऐसा लगता है कि तुम बहुत बहादुर हो। तुम्हें अपनी जिंदगी में आगे बढ़ाने के लिए कुछ ना कुछ करना है। तुम पाठशाला जा रही हो ना…? अपने इस व्यंग्य की वजह से घर पर मत बैठे रहना। मैं तुम्हें पढ़ने के लिए किताबी भेज दूंगी। तुम उसे पढ़ते रहना और निराश मत होना।
तुम्हें किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत हो तो मुझे कह देना। मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगी हां और तुम्हें मिलने भी आऊंगी।
तुम्हारी दोस्त
सयाली
कहानी से आगे
सुनीता ने कहा, “मैं पैरों से चल ही नहीं सकती।”
(क) सुनीता अपने पैरों से चल-फिर नहीं सकती। इसी तरह तुमने कुछ ऐसे बच्चों के बारे में पढ़ा होगा जो देख नहीं सकते फिर स्कूल आते हैं किताबें पढ़ लेते हैं वे किस तरह की किताबें पढ़ सकते हैं?
ऐसे बच्चों के लिए ब्रेन लिपि तैयार की गई है इसकी मदद से वह अपने पढ़ाई कर सकते हैं।
उस तरह की किताबों के बारे में सबसे पहले किसने सोचा?
ब्रेन लिपि ऐसे किताबों के बारे में पहली बार हेलन केलर ने सोचा।
(ख) तुम आस-पास कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी बात की गई है जो सुन बोल नहीं सकते हैं।
क्या तुम ऐसे किसी बच्चे को जानते हो जो सुन- बोल नहीं सकता?
हमारे गांव में ऐसा एक आश्रम है जहां पर कई बच्चे ऐसे होते हैं जो सुन बोल नहीं सकते।
तुम उसे किस तरह से अपनी बात समझाते हो?
हम ऐसे बच्चों को हावभाव के द्वारा अपनी बात समझाते हैं।