Chhattisgarh State Class 5 Hindi Chapter 1 मैं अमर शहीदों का चारण Solution
Chhattisgarh State Board Class 5 Hindi Chapter 1 मैं अमर शहीदों का चारण Exercise Multiple Choice, Fill in the Blanks, Questions and Answers here.
मैं अमर शहीदों का चारण
प्रश्न 1. यदि देशभक्तों ने अपनी कुर्बानी न दी होती तो देश पर क्या प्रभाव पड़ता?
हमारा देश ब्रिटिश उनके कब्जे में था उन्होंने इस देशवासियों को गुलाम बना के रखा था। अगर देशभक्तों ने अपने देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी नहीं दी होती तो शायद आज भी यह देश परतंत्र होता अंग्रेजों के हाथ में होता। यह भारत कभी स्वतंत्र नहीं होता।
प्रश्न 2. कवि किसका यशगान कर रहा है?
कभी उन देशभक्तों का यशगान कर रहा है जिन्होंने यह देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।
प्रश्न 3. राष्ट्र के कर्ज को कवि किस प्रकार चुकाना चाहता है?
जिस देशभक्तों ने अपने देश के लिए कुर्बानी दी है उनका यशगान करके राष्ट्र का कर्ज कभी चुकाना चाहता है।
प्रश्न 4. कवि के अनुसार यदि शहीदों को न पूजा गया तो उसका परिणाम क्या होगा?
देशभक्तों ने इस देश के लिए अपनी जान दे दी। अगर हम उनकी पूजा नहीं करेगें तो हम और हमारी अगली पीढ़ी उनसे प्रेरणा लेगी और ऐसे देशभक्त इस धरती पर पैदा नहीं होंगे।
प्रश्न 5. कवि के अनुसार जहाँ शहीदों का रक्त गिरता है, उस स्थान को क्या कहते हैं?
जिस स्थान पर शहीदों का रक्त गिरता है वह जगह हमारी भी तीर्थ स्थान से कम नहीं होती। उसे हम। तीर्थस्थान कहते है।
प्रश्न 6. कविता की उन पंक्तियों को लिखो जिनमें ये भाव आए हैं-
(क) शहीदों को न पूजने का परिणाम बताया गया है।
पूजे न गए शहीद तो फिर
वह बीज कहाँ से आएगा?
धरती को माँ कहकर मिट्टी
माथे से कौन लगाएगा?
(ख) शहीदों के बलिदान स्थल को तीर्थ कहा गया है।
गिरता है उनका रक्त जहाँ,
वे ठौर तीर्थ कहलाते हैं.
(ग) जीवन को बोझ माना गया है।
वे अगर न होते तो, भारत
मुर्दों का देश कहा जाता.
जीवन ऐसा बोझा होता.
जो हमसे नहीं सहा जाता।
प्रश्न 7. निम्नलिखित पंक्तियों के अर्थ स्पष्ट करो-
(क) यह सच है, याद शहीदों की
हम लोगों ने दफनाई है।
यह सच है, उनकी लाशों पर
चलकर आजादी आई है।
जिनकी वजह से हमे यह आजादी मिली है उन्हें देशभक्तों को हमने भुला दिया है। उनकी यादों को हमने दफना दिया है। हमें इन यादों को फिर से जागना चाहिए, क्योंकि उनकी लाशे जब जमीन गिरी थी तभी हमें आजादी मिली थी।
ख. पूजे न गए शहीद तो फिर,
धरती को माँ कहकर मिट्टी,
माथे से कौन लगाएगा?
वह बीज कहाँ से आएगा?
अगर हम इन देश भक्तों को भूल गए, उनकी कथाएं हमने नौजवानों को नहीं सुनाई तो, इस धरती पर नए देशभक्ति कैसे तैयार होंगे..? जो शत्रुओं के सामने सीना तानकर खड़े रहे, जो इस देश के लिए अपनी जान की परवाह न करें, ऐसे देशभक्त तैयार नहीं होंगे।
प्रश्न 8. “उन गाथाओं से सर्द खून को मैं गरमाया करता हूँ- यह पंक्ति लिखकर कवि, पाठकों में कौन-सा भाव जागृत करना चाहता है?
जो सैनिक सीमा पर शहीद हुई है उनकी कथाओं को उनकी कथाओं को हम भूल नहीं सकते। यह कथाएं प्रेरणादायक है। इन्हें हमें हमारे बच्चों को, नौजवानों को सुनना चाहिए जिसके कारण उनके मन में देशभक्ति की भावना जागृत हो। यह कथा गाथाएं में सारे लोगों को सुना कर उनका जो खून है उसमें देशभक्ति जागृत करना चाहता हूं।
प्रश्न 9. इस पीढ़ी में उस पीढ़ी के में भाव जगाया करता हूँ ऐसे कौन-से भाव हैं जो कवि आज की पीढ़ी में जगाना चाहता है?
हमारे देश भक्तों की जो वीरता है इन देशभक्तों ने अपने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। उनकी कथाएं मैं दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाना चाहता हूं। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक यह कथाएं पहुंचने चाहिए। तभी अगली पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जागृत हो जाएगी।
भाषातत्व और व्याकरण
प्रश्न 1 धर्म, कर्म, मर्म समान उच्चारण वाले शब्द है। ऐसे शब्द समानोच्चारित शब्द कहे जाते हैं। निम्नलिखित शब्दों के दो-दो समानोच्चारित शब्द लिखो-
चारण- धारण, सारण
अमर- समर, कमर
कर्ज- अर्ज, गर्ज
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखो (याद रखो, विदेशी शब्दों का विलोम विदेशी शब्द ही होगा, जैसे- ‘अमीर’ का विलोम ‘गरीब होगा निर्धन नहीं।)
यश- अपयश
जगाना- सुलाना
आजादी- गुलामी
मुर्दा- जिंदा
धर्म- अधर्म
धरती- आकाश
जीवन- मरण
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश के क्रम में लिखो जैसे अगर, ईख, कमल, – चलना, हँसिया आदि ।
लगाव, रसद, अमर, यश, धरती, दमन, शहद, नवल, फसल, शहीद ।
अमर, दमन, धरती,नवल, फसल, यश, रसद, लगाव, शहद, शहीद
सोचो और लिखो-
प्रश्न 4. ‘याद’ शब्द को उल्टा लिखने पर दया शब्द बनता है। इसी प्रकार के पाँच अन्य शब्द लिखो, जो उल्टा करने पर सार्थक शब्द बन जाते हो।
रमा – मार
रखा – खार
नवा – वान
शान – नशा
नहीं – हीन
रचना
सैनिकों के बारे में तुम क्या क्या जानते हो लिखो ।
सैनिक हमारे देश की रक्षा करते हैं। वह दिन-रात हमारे देश के लिए जागते हैं। हमारे देश की सेवा करते हैं गर्मी सर्दी बारिश में हर वक्त सीमा पर सीना तान के खड़े रहते हैं। उन्हें अपनी जान की कोई परवाह नहीं होती। सिर्फ अपने देश की रक्षा करना यही उनका धर्म होता है।
तुम देश की सुरक्षा में कैसे सहयोग कर सकते हो ?
हम देश के विरोध में एक भी बात नहीं बोलेंगे। जिस बात से देश का नुकसान हो ऐसी बातें हम नहीं फैलाएंगे । गलत बातों का जवाब देंगे। आने वाली नई पीढ़ी को क्रांतिकारी देशभक्ति हो की कथा सुनाएंगे।