Bihar Board Class 8 Social Science History Chapter 4 उपनिवेशवाद एव जनजातीय समाज all Question and Answers complete Solution by Neha Mam. Here you will get Bihar Board Class 8 Social Science History Solution all chapters.
Bihar Board Class 8 Social Science History Chapter 4 उपनिवेशवाद एव जनजातीय समाज
Board |
Bihar State Board (BSEB) |
Class |
8 |
Subject |
Social Science History |
Book Name |
Atit Se Vartman |
उपनिवेशवाद एव जनजातीय समाज
अ.) दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए।
1.) जनजातीय समाज के लोगो को आम भाषा में क्या कहते हैं?
अ.) पहाड़ी
आ.) शहरी
इ.) आदिवासी
ई.) ग्रामीण
उत्तर – आदिवासी
2.) जनजातीय लोगों का जीवन किस पर निर्भर था?
अ.) वन
आ.) पानी
इ.) समुद्र
ई.) दुकान
उत्तर – वन
3.) रेलवे की शुरुआत कब में हुई?
अ.) सन 1300
आ.) सन 1850 के बाद
इ.) सन 1830
ई.) सन 1890 के बाद
उत्तर – सन 1850 के बाद
4.) वन विभाग की स्थापना कब हुई?
अ.) सन 1864
आ.) सन 1830
इ.) सन 1856
ई.) सन 1800
उत्तर – सन 1864
5.) ईसाई मिशनरियों का वास्तविक उद्देश्य क्या था?
अ.) खेती करना
आ.) लोगों को का काम देना
इ.) काम करना
ई.) अन्य लोगों का धर्म परिवर्तन करना
उत्तर – अन्य लोगों का धर्म परिवर्तन करना
6.) आदिवासी लोग किसके पास से कर्ज लेते थे?
अ.) साहूकार
आ.) बैंक
इ.) सरकार
ई.) शहरी दुकानदार
उत्तर – साहूकार
आ.) दिए गए प्रश्नों के उत्तर तीन से चार वाक्य में लिखिए।
1.) झूम खेती किस तरीके से की जाती थी?
झूम खेती के अंतर्गत जंगल के किसी भी भाग को काट चैट कर साफ करना होता था। दो-तीन वर्षों तक उसे जगह पर खेती करने के बाद जब उसे जगह हो की उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती थी तब वह किसी और स्थान पर यह प्रक्रिया दऔरते थे कुछ वर्षों तक प्रति छोड़ देने के बाद पहले की जगह पर वापस जंगल रुक जाता था। इससे उनके खेती का काम भी हो जाता था और जंगल को भी कोई नुकसान नहीं होता था।
2.) आदिवासी लोगों की अधिकांश ज़रूरतें कहां से पूरी होती थी?
आदिवासी प्राचीन काल से ही जंगलों के पीछे आसपास रहते थे। उनके दैनिक उपयोग की बहुत सी जरूर उनकी पूर्ति जंगल से ही होती थी। हमेशा से लिए आदिवासी वर्ण संसाधनों का उपयोग करते थे। वे जंगल को साफ कर खेती योग्य बनाते थे। यह विधान दलहन मक्का उपजाते थे।
3.) आदिवासी लोग किन चीजों का व्यापार करते थे?
आदिवासी लोगों के उद्योग धंधे भी जंगल पर ही आधारित थे। हाथी के दांत, बांस और कुछ धातुओं पर की गई उनकी कलाकारी बाहरी लोगों को काफी पसंद आई थी। कुछ इलाकों में रबर, गोंद आदि चीज उन्हें जंगल से मिलती थी। उसका भी वह व्यापार करते थे। आगे चलकर कुछ जनजातीय समुदायों ने लाख और रेशम उद्योग को भी अपनाया। रेशम और लाख के कीड़े पालते और बाद में उसे व्यापारियों को बेच देते थे। इन सबसे अतिरिक्त आदिवासी महिलाएं घरों में चटाई बनाने बुनाई करने एवं वस्त्र बनाने का काम भी करती थी।
4.) अंग्रेजों के आने से पहले आदिवासी लोगों की जिंदगी कैसी थी?
आदिवासी लोग पूरी तरह से जंगलों पर निर्भर थे। इसके बावजूद भी जंगल को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते थे। वह हमेशा ही जंगल की सुरक्षा करते थे। जंगल के बाहर की दुनिया से उनका संबंध ज्यादा नहीं था। वह अपनी शांत और सरल जिंदगी से संतुष्ट थे।
5.) महाजन व साहूकार लोग किस प्रयास में रहते थे?
आदिवासी लोगों के बस्तियों तक सरकारी कर्मचारियों के पहुंचने का यह असर हुआ के कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ गई। अब आदिवासियों के क्षेत्र में गैर आदिवासी सेठ, महाजन और सूदकारों का भी प्रवेश हुआ। यह महाजन व साहूकार हमेशा इस प्रयास में रहते की किस तरह उनकी जमीनों को हत्याया जाए और अपना बंधुआ मजदूर बनाया जाए।
6.) लकड़ी का व्यापार अचानक किस तरह से बढ़ गया?
अंग्रेजों के समय जंगल के लकड़ी का व्यापार अचानक ही बढ़ गया। उसे समय कोलकाता मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े-बड़े शहर बस रहे थे। मिलो लंबी रेल लाइन बिछाई जा रही थी और बड़े-बड़े जहाज बनाए जा रहे थे। इन सबके लिए लकड़ियों की जरूरत थी। 1850 से लेकर 1910 तक करीब पचास हजार किलोमीटर रेल लाइनें बिछाई जा चुकी थी। रेल लाइनों की स्लीपरों तथा रेल डिब्बों के लिए लकड़ियों की आवश्यकता थी। इसके लिए अंग्रेजों ने बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई करनी शुरू कर दी।
7.) आदिवासी लोग बंधुआ मजदूर क्यों बनने लगे?
आदिवासी लोग पढ़े-लिखे नहीं होते थे। दे सरकार को कर देने के लिए महाजन या साहूकार से कर्ज की रकम ले लेते थे। पढ़े-लिखे ना होने के कारण सूद की रकम या उन पर कितने रुपयों का बोझ डाला है इसे वह समझ नहीं पाते थे। सूद की रकम नहीं चुका पाने की वजह से उन्हें जमीन के साथ-साथ अपने पशु, हाल-फाल आदि से भी हाथ धोना पड़ता था। आखिर में कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में उनके पास साहूकार का बंधुआ मजदूर बनने के अलावा कोई चारा नहीं होता।
इ.) रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
1.) जंगलों से उनके अन्य …………………… आवश्यकताओं की पूर्ति भी हो जाती थी।
जंगलों से उनके अन्य दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी हो जाती थी।
2.) शिकार का साधन ………………………. या छोटे हथियार होते थे।
शिकार का साधन तीर – धनुष या छोटे हथियार होते थे।
3.) जंगल की ………………. का व्यापार अचानक ही बड़ी तेजी से बढा।
जंगल की लकड़ी का व्यापार अचानक ही बड़ी तेजी से बढा।
4.) रेल लाइनों के …………………… तथा रेल के डिब्बों के लिए लकड़ियों की आवश्यकता थी।
रेल लाइनों के स्लिपरों तथा रेल के डिब्बों के लिए लकड़ियों की आवश्यकता थी।
5.) भारत में सबसे बड़ी संख्या ……………………. जनजाति की है।
भारत में सबसे बड़ी संख्या भील जनजाति की है।
6.) बिरसा की शिक्षा दीक्षा ……………………. के एक जर्मन मिशन स्कूल में हुई थी।
बिरसा की शिक्षा दीक्षा चाईबासा के एक जर्मन मिशन स्कूल में हुई थी।
ई.) नीचे दी गई विधानी सहेली या गलत बताओ।
1.) जंगलों से आदिवासियों की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो जाती थी।
सही
2.) जनजातीय समाज के लोग भोजन के लिए कुछ छोटे जानवरों जैसे हिरण, तीतर तथा अन्य पक्षियों का शिकार करते थे।
सही
3.) आदिवासियों के उद्योग धंधे शहर पर निर्भर थे।
गलत
4.) अंग्रेजों ने आदिवासियों को सभी करों से मुक्ति दी थी।
गलत
5.) अंग्रेज सरकार ने 1865 में वन अधिनियम बनाए।
सही
6.) कर्ज न चुका पाने की वजह से आदिवासी लोगों को बंधुआ मजदूरी करनी पड़ती थी।
सही
7.) इसी मिशनरो ने आदिवासियों का आर्थिक और शारीरिक शोषण किया।
सही