Bihar Board Class 6 Social Science History Chapter 6 जीवन के विभिन्न आयाम all Question and Answers complete Solution by Neha Mam. Here you will get Bihar Board Class 6 Social Science History Solution all chapters.
Bihar Board Class 6 Social Science History Chapter 6 जीवन के विभिन्न आयाम
Board |
Bihar State Board (BSEB) |
Class |
6 |
Subject |
Social Science History |
Book Name |
Atit Se Vartman |
जीवन के विभिन्न आयाम
1.) वेदों के कितनी संख्या है?
अ.) दस
आ.) आठ
इ.) चार
ई.) छह
उत्तर – चार
2.) वैदिक साहित्य कितने श्रेणियों में विभक्त है?
अ.) दो
आ.) तीन
इ.) चार
ई.) पांच
उत्तर – दो
3.) वेदों में प्रार्थनाओंकी रचना करने वाले लोगों को क्या कहते हैं?
अ.) ब्राह्मण
आ.) क्षत्रिय
इ.) आर्य
ई.) पंजाबी
उत्तर -आर्य
4.) ऋग्वेद में आर्य निवास स्थल के लिए कौनसे शब्द का प्रयोग किया गया है?
अ.) गृह
आ.) सैंधव
इ.) गुरुकुल
ई.) सप्तसैंधव
उत्तर – सप्तसैंधव
5.) ऋगवेदिक काल में आर्यों का मुख्य पेशा क्या था?
अ.) पशुपालन
आ.) खेती
इ.) सीमाओं की रक्षा करना
ई.) प्रजा का ध्यान रखना
उत्तर – पशुपालन
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।
1.) आवश्यकता पड़ने पर समिति के सदस्य युद्ध में ………………….. भी करते थे।
आवश्यकता पड़ने पर समिति के सदस्य युद्ध में सैनिक कार्य भी करते थे।
2.) लोग कच्चे मकान में रहते थे जिनकी छत फूस और …………………….. की बनी होती थी।
लोग कच्चे मकान में रहते थे जिनकी छत फूस और सरकंडो की बनी होती थी।
3.) लोगों का जीवन …………………….. पर बहुत हद तक निर्भर करता था।
लोगों का जीवन प्रकृति पर बहुत हद तक निर्भर करता था।
4.) ……………………. काल में कृषि लोगों का प्रमुख धंधा था।
उत्तर वैदिक काल में कृषि लोगों का प्रमुख धंधा था।
5.) शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को ………………………….. में 12 वर्षों तक रहना पड़ता था।
शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को गुरु के आश्रम में 12 वर्षों तक रहना पड़ता था।
इ.) नीचे दिए गए विधाने सही है या गलत बताओ।
1.) वैदिक साहित्य के आधार पर वैदिक युग को चार कॉल करो में विभाजित किया जाता है।
गलत
2.) वेदक की भाषा को प्राक संस्कृति या वैदिक संस्कृति कहते हैं।
सही
3.) दास और आर्यों की मित्रता थी।
गलत
4.) वैदिक आर्य कई समूह में भारत आए।
सही
5.) रिग वैदिक कालीन अनेक छोटे-छोटे कबीले एक दूसरे में विलीन होकर बड़े-बड़े जनपद को जन्म दे रहे थे।
सही
ई.) दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए।
1.) हजारों साल पहले छात्र अपनी शिक्षा कहां पर रहकर प्राप्त करते थे?
हजारों साल पहले आज के जैसी पाठशालाएं नहीं थी तब छात्र अपने गुरु के घर रहकर शिक्षा प्राप्त करते थे।
2.) वैदिक साहित्य के आधार पर वैदिक युग को किन कालखंडो में विभाजित किया गया है? नाम लिखो।
वैदिक साहित्य के आधार पर वैदिक युग को दो कॉल करो में विभाजित किया गया है। ऋग वैदिक युग और उत्तर वैदिक युग।
3.) हम किन आधार पर आर्यों के विषय में जान सकते हैं?
साहित्यिक और पुरातात्विक दोनों ही स्रोतों के आधार पर हम आर्यों के विषय में जान सकते हैं।
4.) उत्तर वैदिक युग में आर्यों का फैलाव कहां तक हो गया था?
उत्तर वैदिक युग में आर्यों का फैलाव उत्तरी बिहार के गंडक नदी तक हो गया था।
5.) ऋगवेदिक काल में आर्यों का मुख्य पैसा कौन सा था?
रिग वैदिक काल में आर्यों का मुख्य पेशाब पशुपालन था।
उ.) नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर तीन से चार वाक्य में लिखिए।
1.) वैदिक कालीन शिक्षा के बारे में लिखो।
वैदिक काल में शिक्षा मौखिक रूप से दी जाती थी। वेदों के अलावा छात्रों को व्याकरण और गणित की शिक्षा दी जाती थी। अपना शिक्षण पूर्ण करने के लिए छात्राओं को गुरु के आश्रम में 12 वर्ष तक रहना पड़ता था। तब आज के जैसे पाठशालाएं नहीं थी। यह आश्रम जंगल में हुआ करते थे। वहां पर ऋषि मुनि विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करते थे।
2.) उत्तर वैदिक काल में धर्म की कितनी धाराएं दिखाई पड़ती थी?
उत्तर वैदिक काल में धर्म की दो धाराएं दिखाई पड़ती थी। एक बल कर्म पर था और दूसरी का ज्ञान पर। यज्ञ संबंधी क्रिया इनका विकास इस काल में हुआ। राजा बड़े-बड़े यज्ञ करने लगे थे। इन्हें कर्मकांड कहा जाता था। यह सब करने के लिए पुरोहितों की आवश्यकता होती थी। यह पुरोहित यज्ञ करके देवताओं को प्रसन्न करते थे। इनका उद्देश्य कृषि उत्पादन बढ़ाना, और वैदिक जनों पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना था। दूसरी धारा उपनिषदों के सिद्धांत में देखने को मिलती है। उपनिषदों में आत्मा परमात्मा और मृत्यु जैसे गुण विषयों के रहस्य जाने का प्रयत्न किया गया है।
3.) उत्तर वैदिक काल के समाज समूह के बारे में लिखें।
उत्तर वैदिक काल का समाज कई समूह में बटा हुआ था। जिन में योद्धा, पुरोहित, व्यापारी, शिल्पकार, मछली पकड़ने वाले, श्रमिक, पशुपालक, कृषक यह लोग शामिल थे। पुरोहित योद्धाओं का जीवन वैभवशाली था। कृषक और व्यापारी धनवान थे। और बाकी के लोग जैसे पशुपालक, श्रमिक, मछली पकड़ने वाले लोग, शिल्पकार, शिकारी यह सब निर्धनता का जीवन बिताते थे।
4.) अश्वमेध यज्ञ क्यों किया जाता था?
अश्वमेध यज्ञ में राजा अपने एक घोड़े को लोगों की देखरेख में स्वतंत्र रूप से विचरण के लिए छोड़ देते थे। अगर कोई दूसरा राजा इस घोड़े को रोकना था तो उसे आश्रम में करने वाले राजा के साथ युद्ध करना पड़ता था। अगर किसी क्षेत्र से घोड़े को जाने दिया जाता था तो इसका मतलब यह होता था कि अश्वमेध यज्ञ करने वाला राजा उससे ज्यादा शक्तिशाली था। अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए अश्वमेध यज्ञ किया जाता था।
5.) पुरोहितों ने लोगों को जीन वर्गों में विभाजित किया था उन वर्गों के बारे में लिखो।
पुरोहितों के अनुसार प्रत्येक वर्ण के अलग-अलग कार्य थे। पहले वर्णन ब्राह्मण कथा। इनका काम था वेदों का अध्ययन अध्यापन और यज्ञ करना इन सबके लिए उन ब्राह्मणों को बदले में उपहार मिलते थे। दूसरा स्थान शासको का था जिन्हें क्षत्रिय कहा जाता है उनका काम राज्य की सीमा ऑन की रक्षा करना युद्ध करना था तीसरे स्थान पर रहस्य थी। इन में पशुपालक व्यापारी और कृषक इन लोगों का समावेश होता था और आखिरी स्थान शूद्रों का कहा जाता था। प्रथम तीन वर्णों की सेवा करना यह इनका काम था। औरतों को भी शूद्रों के समान माना गया था। उनको अध्ययन का अधिकार नहीं था। सभी वर्णों का निर्धारण जन्म के आधार पर होता था।