दहेज प्रथा की बुराइयों के बारे में अपने मित्र को पत्र लिखे | Letter to friend about the evils of dowry system
19, शनि मंदिर,
जालना।
18 मई, 2022
प्रिय मित्र राज,
कैसे हो?
आशा करता हूं कि तुम खुशहाल होंगे मैं यहां पर आनंद में हूं। तुमने लिखा है कि तुम दहेज की बुराइयों पर एक लेख लिख रहे हो। यह अच्छी बात है कि तुम अब दहेज की बुराइयों के बारे में विस्तार पूर्वक लेख में वर्णन करोगे। मैं तुम्हें बता दो थोड़ी सी दहेज की जानकारी मुझे भी है मैं भी नीचे दे रहा हूं।
हमारा भारत देश बहुत सांस्कृतिक परंपराओं को महत्व देता है। लेकिन देश में कुप्रथाएं भी बहुत सी है। उनमें से एक दहेज है। भारत देश में दहेज को एक परंपरा माना जाता है। लेकिन दहेज की वजह से बहुत लड़कियां शादी से वंचित रह जाती है। क्योंकि उनके घर के दहेज दे नहीं पाते? दहेज लेना वह देना दोनों भी बुरी बात होती है। दहेज के लिए हमारे देश में अब कानून भी बना हुआ है। अगर किसी की शादी भी हो जाए तो दहेज के लिए उसको ससुराल वाले उसको तंग भी करते हैं।
मुझे ऐसा लगता है कि हमारे देश में नई पीढ़ी ने प्रण लेना चाहिए दहेज हम लेंगे नहीं और देंगे भी नहीं। अगर यह सब होगा तब ही लड़कियों पर का अन्याय कम हो जाएगा और दहेज ऐसी कुप्रथाएं बंद हो जाएगी। अच्छा! ठीक है। तुम अच्छी तरह से लेख लिखना और मुझे पढ़ने के लिए जरूर भेजना।
तुम्हारा मित्र,
ऋतुराज
123, गुडलक चौक,
पुणे।
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