Letter to Dad explaining his plans to spend the summer vacation
तनुजा शास्त्री,
जालना।
१५ जानवारी, २०२२
आदरणीय पिताजी!
सादर चरण स्पर्श!
आशा है कि आप खुशहाल होंगे मैं भी यहां आनंद में हूं।
पिताजी मुझे आपका पत्र मिला। आप ने मुझे पत्र में पूछा कि तुम्हारी ग्रीष्मावकाश की छुट्टियां कब है? मेरी ग्रीष्मावकाश की छुट्टियां लग गई है। पिताजी मुझे मेरी ग्रीष्मावकाश बिताने के बारे में आपको बताना है। पिताजी मेरे सारे दोस्त ग्रीष्मावकाश में बाहर गांव घूमने जाने का नियोजन कर रहे हैं। हम सारे महाबलेश्वर जाने का तय कर रहे हैं। आप निश्चित रहे मैं आपको ही पूछ कर जाऊंगी। पहले मैं घर ही आऊंगी फिर आप की सहमति से जाऊंगी। मां को मेरी याद देना। मैं दो दिनों में मेरा सारा काम खत्म करके आ रही हो।
आपकी बेटी,
तनुजा