JKBOSE Class 7 Hindi Chapter 4 पापा खो गए Solution
JKBOSE (Jammu Kashmir State Board Of School Education) Class 7 Hindi Solution Chapter 4 पापा खो गए all Exercise Question Answers. Students of JK Board Grade 7 Standard can download all Answer.
1.) नाटक में आपकों सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों ?
इस नाटक में सबसे बुद्धिमान पत्र हमें कौवा लगा। इसका यह कारण है कि कौवे ने लड़की को उसके पापा के ढूंढने में बहुत मदद की। वह चारों ओर घूम रहा था और वहां की खबर लाकर देता था। कवि ने उसे लड़की को दुष्ट व्यक्तियों से भी बचाया। पापा को खोजने का उपाय भी कौवे नहीं बताया इस वजह से लेटरबक्स संदेश लिख पाया।
2.) पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई ?
खंबे में बहुत गुरूर था। लेकिन एक बार ऐसी आंधी आई और खंबा पेड़ के ऊपर गिर गया। लेकिन पेट में उसे एक शब्द भी नहीं बोला। इस वजह से खंबे में जो गुरूर था वह उतर गया और उन दोनों में दोस्ती हो गई।
3.) लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे ?
लैटरबक्स का रंग लाल था बहु ऊपर से नीचे तक लाल रंग से ही रंग हुआ था इसलिए सभी उसे लाल तू कहकर करते थे। वह बातें भी बड़ों की तरह ही करता था
4.) लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है ?
लाला ताऊ चल सकता था, बोल सकता था, भजन भी गा सकता था, उसे पढ़ना लिखना भी आता था। इसीलिए वह बाकी सबसे अलग था।
5.) नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मज़ेदार लगीं ? लिखिए।
नाटक में एक ही पत्र सजीव था वह था कौवा। उसने बच्ची की भी जान बचाई थी। आंखों पर एक चुल्लू पानी डालकर अभी आया, ताऊ एक जगह बैठकर यह कैसे जान सकोगे? खूब भद्द उड़ाई। कौए की यही बातें हमको मजेदार लगी।
6.) क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे ?
वह लड़की बहुत छोटी थी उसे अपने घर का पता, अपने पापा का नाम यह कुछ भी नहीं पता था इसीलिए सभी पात्र मिलकर भी उसे उसके घर नहीं पहुंच पा रहे थे
नाटक से आगे
2.) मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक पापा खो गए क्यों रखा गया होगा ? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए ।
असल में इस नाटक में बच्ची गुम हो गई थी। इस नाटक का शीर्षक देखकर अगर कोई उसे लड़की की मदद कर देता तो वह लड़की अपने घर पहुंच जाती इसलिए इस नाटक का नाम पापा खो गए ऐसा रख दिया। इस नाटक का नाम पापा को ढूंढ रही बच्ची यह भी रख सकते थे। क्योंकी वह बच्ची अपने पापा को सचमुच ढूंढ रही थी।
3.) क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं ?
बच्ची के पापा को खोजने के लिए उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वह डाल सकते थे। पुलिस मे रिपोर्ट दर्ज करवा सकते थे। टीवी रेडियो समाचार पत्र इनके माध्यम सम विज्ञापन करके वह बच्ची के पापा को खोज सकते थे।
अनुमान और कल्पना
1.) अनुमान लगाइए कि जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा वह किस स्थिति में होगी ? क्या वह पार्क / मैदान में खेल रही होगी या घर से रूठकर भाग गई होगी या कोई अन्य कारण होगा ?
अगर बच्ची को चोर चुरा कर ले गए होते तो वह बच्चे चीखती चिल्लाती और आसपास के लोगों को इकट्ठा करने की कोशिश करती लेकिन बच्ची शायद घर में ही सो रही थी।
2.) नाटक में दिखाई गई घटना को ध्यान में रखते हुए यह भी बताइए कि अपनी सुरक्षा के लिए आजकल बच्चे क्या-क्या कर सकते हैं। संकेत के रूप में नीचे कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। आप इससे अलग कुछ और उपाय लिखिए।
समूह में चलना ।
एकजुट होकर बच्चा उठानेवालों या ऐसी घटनाओं का विरोध करना
अनजान व्यक्तियों से सावधानीपूर्वक मिलना।
बच्चों को अपनी सुरक्षा के लिए विरोध करना सिखा देना।
बच्चों के पास पापा और मम्मी का नंबर दे देना।
अगर अंजना व्यक्ति कोई चीज आपको दे रहा हो तो उसे वह चीज नहीं लेनी है यह सिखा देना।
ज्यादातर समय में बच्चों के साथ कोई ना कोई घर के सदस्य रहे यह कोशिश करना।
अगर कोई हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है तो चेक कर लोगों की मदद मांगना।
भाषा की बात
1.) आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है. जैसे सड़क / रात का समय… दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज़ । यदि – आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या-क्या करेंगे, सोचकर लिखिए ।
अगर हमें रात का मन दृश्य मंच पर दिखाना है तो फिर हमें मंच पर एक हल्की सी लाइट छोड़नी होगी जिसे सिर्फ उसे नाटक में काम करने वाले लोगों का चेहरा दिखे बाकी सारी जगह पर अंधकार हो। रात में चांद चांदनी यह सब मंच पर दिखाना होगा।
2.) पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिह्नों की ओर गया होगा। अगले पृष्ट पर दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए-
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी अरे बाप रे वो बिजली थी या आफत याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते हैं।
उत्तर –
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे वो बिजली थी या आफत! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था, खंभे महाराज! अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते हैं।
3.) आसपास की निर्जीव चीज़ों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए,
जैसे- चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद
कलम का कॉपी से संवाद
खिड़की का दरवाज़े से संवाद
उत्तर –
कुर्सी का टेबल से संवाद
पेन का वही से संवाद
लाइट का पंखे से संवाद