Haryana Board Class 8 History Chapter 3 राष्ट्रीय भक्ति आंदोलन Solution

Haryana Board (HBSE) Class 8 History Chapter 3 Solution – राष्ट्रीय भक्ति आंदोलन. Here in this post we have provided Class 8 History राष्ट्रीय भक्ति आंदोलन Haryana State Board Solution.  Haryana State Board History Class VIII Students can download this Solution to Solve out Exercise Questions and Answers. Here in below we have provide Important Inside Question answer from this Chapter.

Haryana State Board Class 8 History Chapter 3 राष्ट्रीय भक्ति आंदोलन Solution:

अध्याय 3 राष्ट्रीय भक्ति आंदोलन।

 

 प्रश्न 1 रिक्त स्थान भरिए।

1.) दक्षिण भारत के वैष्णव…………संत थे।

उत्तर अलवार।

 

2.) संत कबीर…………..भक्ति धारा के संत थे।

 उत्तर एकेश्वरवाद

 

3.) धन्ना भगत का परिवार……………..के लिए प्रसिद्ध था।

उत्तर अतिथि सत्कार

 

4.) संत कबीर अमन का वास्तविक नाम…………था ।

उत्तर सैयद इब्राहिम

 

5.)  बंगाल में भक्ति धारा का प्रचार करने वाले प्रमुख संत ………….थे।

उत्तर जयदेव चैतन्य महाप्रभु।

 

 प्रश्न 2 उचित मिलान करें।

1.नानक                    क) बंगाल

2.नामदेव                  ख)  पंजाब

3.धन्ना भगत               ग) महाराष्ट्र

4.चैतन्य                     घ) उत्तर प्रदेश

5. कबीर                    च) राजस्थान

उत्तर:  1. ख   2. ग    3.  च    4. क    5. घ

 

 प्रश्न 3 आइए विचार करें।

1.) भक्ति आंदोलन किस प्रकार राष्ट्रव्यापी था?

उत्तर: समाज में दुर्बलता को दूर करने के लिए मध्यकाल में भक्ति आंदोलन चला। 14 वी से 16 फ़ीसदी तक यह आंदोलन अपने चरम पर था। दक्षिण भारत में सूत्रपात होने के बाद यह आंदोलन भारत भर में फैल गया। व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए भक्ति मार्ग का प्रचार प्रसार संतो ने समाज में किया। अलग-अलग राज्यों से आए महापुरुषों ने जैसे रामानुजाचार्य, नामदेव, जयदेव ,चैतन्य महाप्रभु ,रामानंद ,मीराबाई, गुरुनानक ,संत कबीर इन लोगों के चलते भक्ति आंदोलन राष्ट्रव्यापी बन गया।

 

 2.) कबीर तथा गुरु रविदास के जीवन से किस प्रकार श्रम के महत्व का संदेश मिलता है?

उत्तर: कबीर गुरु रविदास अपने भक्ति का प्रसार करते हुए भी उन्होंने अपना व्यवसाय को छोड़ा नहीं तथा श्रम को महत्व को संदेश दिया। अपनी पूरी जिंदगी कबीर ने कपड़ा बनाया और रविदास ने अपने भक्ति में के साथ-साथ अपना पुश्तैनी कार्य भी किया।

 

 3.) क्या संतो ने समाज के सभी वर्गों के लिए मुक्ति का मार्ग खोल दिया?

उत्तर: समाज के हर धारा से संत  भक्ति मार्ग का प्रचार और प्रसार करने के लिए आ रहे थे तो हम कह सकते हैं कि संतों ने समाज के वर्गों के लिए मुक्ति का मार्ग खोल दिया था। इन महापुरुषों ने जाति प्रथा का विरोध किया था । समाज को संदेश देते थे की जात पात ईश्वर द्वारा निर्मित नहीं है और हर इंसान ईश्वर को अपनी भक्ति सपा प्राप्त कर सकता है।

 

4.) सगुन तथा निर्गुण संत परंपरा में मुख्य अंतर क्या था?

उत्तर: सगुण भक्ति धारा के संत ईश्वर को साकार मानते थे। तथा मूर्ति पूजा में विश्वास रखते थे। इसके विरोधी निर्गुण भक्ति के संत ईश्वर को निराकार मानते थे और मूर्ति पूजा के विरोधी थे।

For more chapters solution : ⇓

Updated: March 18, 2023 — 3:16 pm

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *