Haryana Board (HBSE) Class 7 History Chapter 7 Solution – सुहेलदेव एवं पृथ्वीराज चौहान. Here in this post we have provided Class 7 History सुहेलदेव एवं पृथ्वीराज चौहान Haryana State Board Solution. Haryana State Board History Class VII Students can download this Solution to Solve out Exercise Questions and Answers. Here in below we have provide Important Inside Question answer from this Chapter.
Haryana State Board Class 7 History Chapter 7 सुहेलदेव एवं पृथ्वीराज चौहान Solution:
अध्याय 7 सुहेलदेव एवं पृथ्वीराज चौहान
प्रश्न 1 सही उत्तर छाटे।
1.) चौहान वंश के शासकों ने……….तक शासन किया।
क)08 से 11 वीं सदी तक ख) 09 से 12 वीं सदी तक ग) 10 से 13 फ़ीसदी तक घ) 07 से 10 वीं सदी तक
उत्तर 09 से 12 वीं सदी तक।
2.) बहराइच के राजा ………..के उपासक थे।
क)सूर्य देव ख) भगवान राम ग) दोनों क और ख घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :सूर्य देव
3.) चौहान वंश की………..राजधानी थी ।
क) आगरा ख)अवध ग)अजमेर घ) कश्मीर
उत्तर :अजमेर
4.) राजा सुहेलदेव ने सालार मसूद को उसकी सेना के साथ पराजित करने के बाद जीत के उपलक्ष्य में ……….बनवाए।
क)पोखर ख)बांध ग)सड़क घ) महल
उत्तर: सड़कें
5.) पृथ्वीराज ……..वर्ष की आयु में सिंहासन पर बैठे।
क)10 ख)11 ग)12 घ) 13
उत्तर :13
प्रश्न 2 रिक्त स्थान की पूर्ति करें।
1.) सुहेलदेव ………..राज्य के शासक थे ।
उत्तर :बहराइच
2.) नायकी देवी गुजरात के राजा ….,……की मां थी ।
उत्तर मूलराज द्वितीय
3.) चौहान वंश की प्रारंभिक राजधानी ………थी।
उत्तर: शांकभरी
4.) पृथ्वीराजरासो नामक ग्रंथ के लेखक ………..था ।
उत्तर :चंद्रबरदाई
5.) तराइन का दूसरा युद्ध………..ई. में हुआ।
उत्तर 1192 ई.
प्रश्न 3 निम्नलिखित कथनों में सही (√) अथवा गलत (×) का निशान लगाओ।
1.) राजा सुहेलदेव ने 1027 ई. से 1077 ई. तक शासन किया।
उत्तर√)
2.) चौहान राजवंश के संस्थापक का नाम कृष्ण देव चौहान था।
उत्तर×)
3.) पृथ्वीराज चौहान के विषय में जानकारी का एकमात्र स्रोत पृथ्वीराज रासो है।
उत्तर×)
4.) पृथ्वीराज चौहान को राय पिथौरा भी कहा जाता था।
उत्तर√)
5.) सुहेलदेव एवं सालार मसूद के बीच निर्णायक युद्ध का क्षेत्र चित्तौड़ झील से हठिला और अनारकली तक फैला हुआ था।
उत्तर√)
प्रश्न 4 उचित मिलान करें।
1.) प्रशासनिक क्षेत्र क) सुहेलदेव
2.) बहराइच ख) बहराइच सेना का हमला 3.पृथ्वीराज चौहान ग) 1191 ई.
4.) तराइन का प्रथम युद्ध घ)21
5.) जून 1034 ई. च) 6 भाषाओं का ध्यान।
उत्तर:1. घ 2. क 3. च 4. ग 5. ख
प्रश्न 5 लघु उत्तर वाले प्रश्न।
1.) राजा सुहेलदेव ने युद्ध में किसे हराया था तथा भारत सरकार ने उनके प्रति किस प्रकार सम्मान व्यक्त किया है?
उत्तर: राजा सुहेलदेव ने सालार मसूद को युद्ध में हराया था और भारत सरकार ने डाक टिकट जारी करके उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया है।
2.) पृथ्वीराज चौहान कौन थे उनके जीवन तथा कार्यों की जानकारी के प्रमुख स्रोत क्या है?
उत्तर: पृथ्वीराज चौहान अजमेर के शासक सोमेश्वर और कमला देवी के पुत्र थे। उनके जीवन तथा कार्यों की जानकारी के मुख्य स्रोत पृथ्वीराज विजय हम्मीर महाकाव्य पृथ्वीराज रासो यह है।
3.) पृथ्वीराज चौहान का राज्य कहां तक फैला हुआ था?उनके राज्य का प्रशासनिक प्रबंधन किस प्रकार का था?
उत्तर: राज्य का प्रशासनिक प्रबंध कुशल था। शासन राजतंत्र व्यवस्था थी राजा प्रधान था सभी शक्तियां राजा के अधीन थी सबसे बड़ा कानून निर्माता शासक प्रबंधक सेनापति व न्यायाधीश भी राजा होता था। पृथ्वीराज चौहान का राज्य राजस्थान और हरियाणा तक फैला था।
प्रश्न 6 आइए विचार करें।
1.) राजा सुहेलदेव के प्रतिरोध की संक्षेप में व्याख्या करें।
उत्तर: राजा प्रसनजीत की मृत्यु के बाद सुहेलदेव बहराइच राज्य शासक बने। सुहेलदेव ने विभिन्न क्षेत्रों को संगठित कर एक सुदृढ़ राज्य बनाया। सुहेलदेव की सीमाओं का विस्तार गोरखपुर से सीतापुर ,गोंडा ,लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव ,लखीमपुर तक फैला हुआ था। सुहेलदेव ने अपनी बुद्धिमत्ता है वह पराक्रम से राज्य सीमाओं का विस्तार किया। जून 1034 ई. को सुहेलदेव के नेतृत्व में एक बड़ी सेना ने सालार मसूद की फौज पर आक्रमण किया। सालार मसूद इस युद्ध में अधिक देर तक ना ठहर सका। सुहेलदेव द्वारा एक विषयुक्त धनुष छोड़ा गया वह सालार मसूद के गले में जा लगा जिससे उसके देहांत हो गया।
2.) पृथ्वीराज चौहान द्वारा अपने साम्राज्य में स्थित प्रशासन एक आर्थिक और सामाजिक व्यवस्थाओं के बारे में संक्षेप में व्याख्या करें।
उत्तर: प्रशासनिक व्यवस्था : पृथ्वीराज चौहान के राज्य में शासन राज्य तंत्र में होता था। राजा राजा का प्रधान होता था राज्य की सभी शक्तियां राजा के पास होती थी राजा सबसे बड़ा कानून निर्माता, शासन प्रबंधक, न्यायाधीश, सेनापति होता था।
आर्थिक व्यवस्था : आर्थिक व्यवस्था कृषि आधारित थी। उद्योग और व्यापार भी उल्लेख थे। पत्थर की मूर्तियां, बर्तन, कपड़ा संबंधित उद्योग भी प्रमुख थे।
सामाजिक व्यवस्था। राज्य में वर्णाश्रम समाज का मुख्य आधार था। आज आने का उपजातियां भी बन चुकी थी। उस समय सती प्रथा व जौहर प्रथा समाज में प्रचलित थी।
3.) तराइन के प्रथम एवं द्वितीय युद्ध का विश्लेषणात्मक वर्णन करें।
उत्तर: तराइन का प्रथम युद्ध 1191 ई. गु : मोहम्मद गोरी ने दिल्ली विजय की योजना 1191 ई. मे बनाई। तराइन में मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के मध्य घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान ने अपनी पूरी ताकत के साथ मोहम्मद गौरी पर हमला कर उसको घायल कर दिया। इस युद्ध में मोहम्मद गौरी की बुरी तरह से पराजय हुई।
तराइन का द्वितीय युद्ध 1192 ई. : प्रथम युद्ध के हारने के बाद मोहम्मद गौरी गजनी लौट गया। परंतु अपनी पराजय का बदला लेने हेतु उसने भारत पर पुनः हमला कर दिया। पृथ्वीराज भी इस आक्रमण के लिए तैयार हो गया था। परंतु वह मोहम्मद गोरी ने रणनीति बनाकर सुबह-सुबह राजपूतों के शिविर पर हमला कर सैनिकों की हत्या कर दी। पृथ्वीराज चौहान को पकड़कर उसकी भी हत्या कर दी गई। इस विनाशक युद्ध के पश्चात भारत में दिल्ली सल्तनत की स्थापना हुई।
4.) जून 1034 ई. में सुहेलदेव एवं सालार मसूद के मध्य लड़े गए युद्ध को निर्णायक युद्ध कैसे कह सकते हैं?
उत्तर: जून 1034 को सुहेलदेव के नेतृत्व में एक बड़ी सेना के साथ सालार मसूद की फौज पर आक्रमण किया। सुहेलदेव ने धनुष द्वारा छोड़ा गया विषबुझा बाण सालार मसूद के गले पर आकर लगा और उसका देहांत हो गया। उसके साथ उसके सारे सैनिक भी मारे गए।
सैयद मसूर की विशाल सेना को समाप्त करने के बाद सुहेलदेव ने विजय पर्व मनाया। दुर्गा सेना के इस पराजय के बाद 140 वर्षों तक किसी भी तुर्क ने भारत को लूटने वाला इस्लाम का प्रचार करने का साहस नहीं किया।