DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 12 – पौधे के पंख
DAV School Books Class 8 Hindi Abhyas Sagar Solution Chapter 12 पौधे के पंख all Question Answer. DAV Class 8 Hindi Abhyas Sagar Textbook Chapter 12.
पौधे के पंख
2.) नीचे दिए गए वाक्यों में निपात रेखांकित कीजिए-
(क) माताजी मुंबई से कल ही आई हैं।
निपात – ही
(ख) वह भी पिताजी के साथ चला गया।
निपात – भी
(ग) परीक्षाएँ शुरू होने में मात्र दो दिन रह गए हैं।
निपात – मात्र
(घ) मेरे पास केवल दस रुपए हैं।
निपात – केवल
(ङ) मैंने तो उसे देखा भर था।
निपात – तो
(च) वह रात तक यहीं बैठा रहा।
निपात – तक
(छ) मैं दिन भर काम कर रहा था।
निपात – भर
3.) नीचे दिए गए वाक्यों में उचित निपात लगाकर खाली स्थान भरिए-
(क) यह काम कर ……………………… लेने दो।
यह काम कर तो लेने दो।
(ख) मुझे ………………………. परेशान करते हो।
मुझे ही परेशान करते हो।
(ग) हम …………………………. चलेंगे, जल्दी क्या है।
हम भी चलेंगे, जल्दी क्या है।
(घ) वह आगरा …………………. जाएगा।
वह आगरा भी जाएगा।
(ङ) वह …………………… कब की चली गई।
वह तो कब की चली गई।
(छ) हम दोनों…………………. बहुत मेहनती है।
हम दोनों ही बहुत मेहनती है।
4.) निम्नलिखित निपातों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(क) ही –
मैंने ही वह काम किया था।
(ख) भी –
वह भी मेरे साथ चलेंगे।
(ग) तो –
तुम तो घर जाने वाले थे।
(घ) केवल –
उसने तो केवल एक ही काम किया था।
(ङ) तक –
मेरे साथ मंदिर तक तो चलो।
(च) भर –
दिन भर कहा थे तुम?
5.) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
बगदाद शहर का रहनेवाला सिंदबाद एक अमीर तथा कुशल नाविक था। उसने कई अद्भुत यात्राएँ की थीं। एक बार अपने साथियों के साथ यात्रा करते-करते उसका जहान एक टापू के किनारे जा लगा। टापू बहुत सुंदर था। फलों से लदे हुए पेड़ और मीठे पानी के बहते झरनों को देखकर सभी नाविक बहुत प्रसन्न हुए। टापू पर घूमते-घूमते सिंदबाद बहुत आगे निकल गया। थकावट के कारण वह एक छायादार पेड़ के नीचे सो गया। जब नींद खुली तो उसके साथी और जहाज़ आँखों से ओझल हो चुके थे। सिंदबाद बहुत घबरा गया। इतने में एक विशाल पक्षी नीचे उतरा। सिंदबाद ने झट से अपनी पगड़ी उतारकर स्वयं को पक्षी के पैरों से बाँध दिया। सुबह होते ही पक्षी के साथ वह दूसरी घाटी में जा उतरा। वह हीरों की घाटी थी। वहाँ चारों ओर चमचमाते हीरों के ढेर लगे थे। परंतु हीरों के साथ बढ़े-बड़े साँप भी वहाँ रेंग रहे थे। सिंदबाद के तो होश उड़ गए। उसने जल्दी से कुछ हीरे अपनी जेबों में भर लिए। थोड़ी देर में वहाँ बड़े-बड़े मांस के टुकड़े गिरने लगे। उन पर कुछ हीरे चिपक गए। सिंदबाद ने एक माँस के टुकड़े के साथ अपने आपको बाँध दिया। तभी एक विशाल पक्षी ने उसी माँस के टुकड़े को उठाया और सिदबाद को घाटी के उस पार ले उड़ा। सिंदबाद ने वहाँ खड़े हीरों के व्यापारियों को अपनी कहानी सुनाई और उन्हीं के साथ बगदाद लौट आया।
(क) सिंदबाद कौन था?
सिंदबाद एक अमीर तथा कुशल नाविक था।
(ख) क्या देखकर सभी नाविक बहुत प्रसन्न हुए?
फलों से हुए पेड़ और मीठे पानी के बहते झरनों को देख सभी नाविक प्रसन्न हुए।
(ग) सिंदबाद क्यों घबरा गया?
जब सिंदबाद की नींद खुली तो उसके साथी और जहाज आंखों से ओझल हो चुके थे। इसीलिए सिंदबाद घबरा गया।
(घ) हीरों की घाटी में क्या-क्या था?
हीरों की घाटी में हीरों के साथ साथ बड़े बड़े सांप रेंग रहे थे।
(ङ) सिंदबाद ने अपनी कहानी किसे सुनाई ?
सिंदबाद ने अपनी कहानी हीरों के व्यापारियों को सुनाई।
आओ दोहरा
6.) निम्नलिखित समस्तपदों का विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए-
समस्तपद | विग्रह | समास का नाम |
सत्याग्रह | सत्य का आग्रह | तत्पुरुष समास |
चतुर्मुख | चार मुख है जिसके | बहुब्रीही समास |
जलधारा | जल की धारा | तत्पुरुष समास |
नवरात्र | नव रात्रियों का समूह | द्विगु समास |
राजा – रंक | राजा और रंक | द्वंद्व समास |
जल – थल | जल और थल | द्वंद्व समास |
7.) निम्नलिखित विग्रहों के समस्तपद बनाकर समास का नाम लिखिए-
विग्रह रूप | समस्तपद | समास का नाम |
100 अब्दों (वर्षों) का समूह | शताब्दी | द्विगु समास |
गंगा और यमुना | गंगा – यमुना | द्वंद्व समास |
गुण से युक्त | गुणवान | तत्पुरुष समास |
तीन फूलों का समाहार | त्रिपुष्प | द्विगु समास |
शरण में आगत | शरणागत | तत्पुरूष समास |
पूर्व और पश्चिम | पूर्व – पश्चिम | द्वंद्व समास |
8.) नीचे दिए गए शब्दों में से उपसर्ग व मूल शब्द अलग करके लिखिए-
शब्द | उपसर्ग | प्रत्यय |
संपत्ति | सम् | पति |
अतिशय | अति | शय |
प्रतिकूल | प्रति | कुल |
सुकन्या | सु | कन्या |
अनुग्रह | अनु | ग्रह |
9.) नीचे दिए गए शब्दों में प्रत्यय लगाकर रिक्त स्थान भरिए-
(क) राजू बहुत ………………….. है। ( बल)
राजू बहुत बलवान है।
(ख) रमेश की आवाज़ में ……………………….. है। ( मधुर)
रमेश की आवाज़ में मधुरता है।
(ग) प्रतिमा के घर की ………………………….. देखकर आनंद आ गया। ( सजा)
प्रतिमा के घर की सजावट देखकर आनंद आ गया।
(घ) ईश्वर बहुत ………………….. है। ( दया)
ईश्वर बहुत है।
(ङ) मुझे चलते-चलते ……………………… होने लगी। ( घबरा)
मुझे चलते-चलते घबराहट होने लगी।
(च) ज्यादा काम करने से ………………………. हो रही है। ( थक)
ज्यादा काम करने से थकान हो रही है।
10.) नीचे दिए गए शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाकर लिखिए-
(क) मिलना – मिलावट
(ख) देव – देवत्व
(ग) चढाई – चढ़ना
(घ) प्रसन्न – प्रसन्नता
(ङ) युवक – यौवन
(च) चिकना – चिकनाहट
11.) निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करते हुए अर्थ बताइए-
(क) नाक में दम करना
वाक्य – मच्छरों ने तो नाक में दम करके रखा है।
अर्थ – बहुत तकलीफ देना
(ख) चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना
वाक्य – सामने पुलिस को देख चोरों के चेहरे पर से हवाइयां उड़ गई।
अर्थ- चोरी पकड़ी जाना
(ग) आसमान सिर पर उठाना
वाक्य- छोटी को किसी चीज के लिए मना कर दो तो वह आसमान सिर पर उठा देती है।
अर्थ – हट करना
आओ लिखें
12.) अपने जीवन का कोई भी अनुभव डायरी के रूप में लिखिए-
एक बार हम जंगलों में घूमने गए थे। हम सारे दोस्तों में तय कर लिया था कि हम छुट्टियों में कहीं ना कहीं पर तो घूमने जाएंगे। इस बार हम छुट्टियों में जंगलों में घूमने जाने वाले थे। जंगल में जाते वक्त जो जो तैयारी करनी होती है वह सारी तैयारी हम दोस्तों ने कर ली। और हमने एक दिन तय किया उसे सुबह 10:00 बजे जंगल की सफारी के लिए निकल पड़े। जब हम जंगल के अंदर अंदर जाने लगे तो हमें कई जगहों पर प्लास्टिक की थैलियां कुरकुरे चिप्स के पैकेट आधा बचा हुआ खाना थर्माकोल की प्लेट्स यह सब दिखाई पड़ा। लेकिन हमने स्कूल में तो पढ़ा था कि यह सब जानवरों के लिए हानिकारक होता है। क्योंकि जानवर जब खाना ढूंढते हैं तो वह प्लास्टिक की थैलियां भी खा जाते हैं। और इस वजह से उनके शरीर को हानि पहुंच सकती है। उसे वक्त हमने यह तय किया कि हम ऐसी गलती नहीं करेंगे। हमें जो जो कचरा वाहन पर देखने मिला वह हमने सारा एक बॉक्स में इकट्ठा कर लिया और जब जंगल के बाहर आ गए तो हमने वह कूड़ेदान में फेंक दिया। यह जंगल सफारी का अनुभव हमें बहुत कुछ सीख गया। हमने बहुत सारे वन्य प्राणी भी देखें वहां पर कोई कचरा नहीं किया।