वैभव पवार,
११,वसुंधरा नगर
नवयुग विद्यालय
अंबड।
प्रिय मित्र,
नमस्ते!
मुझे कल तुम्हारा पत्र मिला। उसमें तुमने तुम्हारी परीक्षा के परिणाम लिखे हैं। मुझे यह पत्र पढ़ कर बहुत दुख हुआ कि तुम इस वर्ष नवी कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए हैं। दोस्त ऐसा कैसे हो सकता है? मैं इस बारे में सपने में भी सोच नहीं सकता।
तुम्हारा पत्र पढ़कर मैं सोच में पड़ गया हूं कि तुम्हारी इतने कम परिणाम कैसे आए? तुम्हारे जो पिछली कक्षा में 85% आए थे तो अब इतने कम कैसे दोस्त? परीक्षा के समय तुम्हें कोई चिंता सता रही थी क्या? तुमने पढ़ाई क्या ठीक तरह से नहीं की थी? तुम्हारी पढ़ाई तो अच्छी हो गई थी। तो पेपर में अच्छी परिणाम क्यों नहीं आए?
खैर! जाने दो। अब तुम अपना पूरा ध्यान आने वाले पेपर पर केंद्रित करना। अब तुम्हारी सारी मेहनत पढ़ाई पर होनी चाहिए। तुम्हें कुछ मेरी मदद चाहिए तो मैं अवश्य करूंगा। तुम्हें अब अच्छे परिणाम आने चाहिए तुम्हारे साथ में हम हमेशा रहूंगा। जवाब देना।
तुम्हारा मित्र,
वैभव