Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 18 हुएनत्सांग की भारत यात्रा all Question and Answers complete Solution by Neha Mam. Here you will get Bihar Board Class 7 Hindi Solution all chapters.
Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 18 हुएनत्सांग की भारत यात्रा
Board |
Bihar State Board (BSEB) |
Class |
7 |
Subject |
Hindi |
Book Name |
Kislay |
प्र.1 पाठ से।
1)हुएनत्सांग भारत क्यों आना चाहते थे?
उत्तर -हुएनत्सांग चीन के थे उन्होंने भारत की खूबसूरती को स्वप्न में देखा। उनको सुमेरु पर्वत उन्हें सोना चांदी रत्नों से बना हुआ सुंदर विशाल लग रहा था। पाषाण कमल पर पैर रखते हुए उस पवित्र पर्वत तक पहुंच गए यह आनंद से विभर होकर वे भारत आना चाहते थे।
2) भारत आने में हुएनत्सांग किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
उत्तर – हुएनत्सांग ने गुप्त रास्ते से यात्रा की थी। वह हुलु नदी को नव से भी पर नहीं किया जा सकता इतनी कठिन थी। 5 सिगनल टावर को पार करना था पर वह आदमी निगरानी रखता था कोई भी आदमी अनुमति के बिना चीन से बाहर नहीं जा सकता था। यह कठिनाइयां उनको भारत आने में हुई।
3) हुएनत्सांग और शीलभद्र के मिलन का वर्णन कीजिए।
उत्तर -शीलभद्र से मिलने से पूर्व। लगभग 20 भिक्षुओं ने विभिन्न प्रकार की जानकारी दी। हुएनत्सांग शीलभद्र के सामने गए और उनके चरणों का चरणों का चुंबन किया। हुएनत्सांग कहता है कि मैं आपके निर्देश में शिक्षा ग्रहण करने के लिए चीन से यहां तक यात्रा की है। यह सुनकर शीलभद्र की आंखें भर आई वह कहता है कि हमारा संबंध गुरु शिष्य का देव निर्धारित है। चीन देश से एक भिक्षु या धर्म ज्ञान प्राप्त करने के लिए आ रहा है वह तुम्हारा शिष्य बनाकर शिक्षा ग्रहण करना चाहता है उसे तुम अच्छी तरह शिक्षित करना।
4) नालंदा का वर्णन हुएनत्सांग के किन शब्दों में किया है।
उत्तर – नालंदा के मठ के चारों ओर ईटों की दीवारें थी। वहां पर एक द्वारा महाविद्यालय के रास्ते में खुलता था वहां पर आठ कक्षा थे। वृक्ष के पत्तों पर जैसे चांद की रश्मि झील मिलती रहती थी वहां पर के तालाब में। नील कमल खिलते थे। आम कुंजो के आम की बोर खुशबू वायु में घूमती रहती थी। लाल मूगीया खम्भों पर बेल बूढ़े उकरे थे। फर्श चमकदार ईटों से बनी थी। वहां का वातावरण रमनीय था
प्र.2 पाठ से आगे।
1) निम्नलिखित अंश हुएनत्सांग के किस पक्ष को दर्शाता है।
जब तक मैं बुद्ध के देश में नहीं पहुंच जाता मैं कभी चीन की तरफ मुड़कर भी नहीं देखूंगा। ऐसा करने में यदि में मेरी मृत्यु हो जाए तो उसकी भी चिंता नहीं।
उतर- हुएनत्सांग कि ईश्वर के प्रति और भगवान बुद्ध के प्रति अपना भाव और एक निश्चय पक्ष को दर्शाता है।
2) आप अपने आसपास के धार्मिक ऐसे ऐतिहासिक स्थल पर जाइए और उनकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- हमारे पास में दौलताबाद का किला है ।वह किला शिव छत्रपति शिवाजी महाराज ने बनाया था वहां पर बड़े-बड़े तोहफे है। वहां पर उनके पैरों के हाथों के निशान हैं वह किले पर एक समाधी है। वहां पर महाराज आते थे। वहां किले की रक्षा के लिए सैनिक भी रहा करते थे। किले के ऊपर एक मंदिर है वहां पर प्राचीन शिल्पा भी है।
प्र.3 कारक और उनके साथ लगने वाले चिन्ह इस प्रकार है। उपर्युक्त विभक्ति या का प्रयोग करते हुए एक एक वाक्य बनाइए।
उत्तर- 1) कर्ता -(ने)
कर्ता- सीता ने गीता को मारा।
2) कर्म (को)
सोना को बुखार आया।
कर्म -सना घर गई।
3) करण (से)
वह घर से जा रहा था।
करण- रामद्वारा शाम को बोला।
4) संम्प्रदान( को)
मैंने भी भिखारी को वस्त्र दिया।
संम्प्रदान (के लिए)- मां ने बेटी के लिए फल लाया।
5) सम्बन्ध ( का के की)
शाम का घर राम के घर से दिख रहा है।
श्याम की दादी भोजन कर रही है।
शाम अपनी मां का लाडला है।
6) अधिकरण( में पर पे)
तेरे घर पर आया हूं।
शिक्षक पर कौन बोलता है।
तुझे तो में बाद में देख लूंगी।