Bihar Board Class 6 Social Science History Chapter 13 संस्कृति और विज्ञान all Question and Answers complete Solution by Neha Mam. Here you will get Bihar Board Class 6 Social Science History Solution all chapters.
Bihar Board Class 6 Social Science History Chapter 13 संस्कृति और विज्ञान
Board |
Bihar State Board (BSEB) |
Class |
6 |
Subject |
Social Science History |
Book Name |
Atit Se Vartman |
संस्कृति और विज्ञान
अ.) रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।
1.) ……………….के नाटक सुखांत और प्रेम – प्रधान है।
कालिदास के नाटक सुखांत और प्रेम – प्रधान है।
2.) विशाखादत्त ने ………………. एव देवी …………………….. नामक दो नाटकों की रचना की।
विशाखादत्त ने मुद्राराक्षस एव देवी चंद्रगुप्त नामक दो नाटकों की रचना की।
3.) स्वयं हर्षवर्धन भी उच्चकोटी का …………………… था।
स्वयं हर्षवर्धन भी उच्चकोटी का नाटककार था।
4.) इस काल के गुहा मदीरों का सर्वश्रेष्ठ नमूना ……………………. का गुहामंदिर है।
इस काल के गुहा मदीरों का सर्वश्रेष्ठ नमूना उदयगिरी का गुहामंदिर है।
5.) …………………………. से सातवीं सदी के बीच विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र के बीच विशेष प्रगति हुई।
चौथी से सातवीं सदी के बीच विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र के बीच विशेष प्रगति हुई।
6.) आर्यभट्ट इस कल के महान …………………… थे।
आर्यभट्ट इस कल के महान वैज्ञानिक थे।
7.) चंद्रगुप्त द्वितीय के नवरत्नों में से एक अमर सिंह ने अमर कोष की रचना की।
चंद्रगुप्त द्वितीय के नवरत्नों में से एक अमर सिंह ने ………………………. की रचना की।
आ.) दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक–एक वाक्य में लिखिए।
1.) पृथ्वी गोल है यह किसने बताया?
पृथ्वी गोल है यह महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट ने बताया।
2.) नागार्जुन किस चीज के जानकारी थे?
नागार्जुन धातु विज्ञान एवं रसायन शास्त्र के जानकारी थे।
3.) मालविकाग्निमित्रम यह नाटक किसके इतिहास पर आधारित है?
मालविकाग्निमित्रम यह नाटक शुंगवंश के इतिहास पर आधारित है।
4.) मंदिर निर्माण की शुरुआत कहां से होती थी?
मंदिर निर्माण की शुरुआत गर्भगृह से होती थी।
5.) वैष्णो धाम से संबंधित वास्तुकला का महत्वपूर्ण उदाहरण कहां पर है?
उत्तर प्रदेश जिले में देवगढ़ का दशावतार मंदिर है यह वैष्णव धर्म से संबंधित वास्तु कला का महत्वपूर्ण उदाहरण है।
6.) चौथी से सातवीं सदी के बीच हुए विद्वानों के नाम लिखों।
आर्यभट्ट, वराहमिहिर, भाष्कर प्रथम एवं ब्रह्मगुप्त जैसे गणितज्ञ और ज्योतिष विद्या के विद्वान चौथी से सातवीं सदी के बीच हुए।
7.) आर्यभट्ट की कर्मभूमि कहां पर थी?
आर्यभट्ट की कर्मभूमि बिहार में पटना के नजदीक तारेगना नामक स्थान पर थी।
इ.) दिए गए प्रश्नों के उत्तर चार से पांच वाक्य में लिखिए।
1.) वास्तुकला तथा स्थापत्य कला में क्या प्रगति हुई?
इस समय साहित्य के साथ-साथ वास्तुकला के क्षेत्र में भी कहीं उपलब्ध दिया हासिल हुई। इस समय के बनाए गए बौद्ध विहार और मठ आज भी विद्यमान है। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया इस समय से ही शुरू हुई थी। लेकिन मंदिरों के अवशेष हमें नहीं मिले हैं। दक्षिण भारत में भी मठ मंदिरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
2.) पुराणों की रचना में हमें कौन–कौन सी कथाएं और रचनाएं मिलती है?
पुराने से हमें धार्मिक सामाजिक कहानियों के अतिरिक्त राजवंशों की वंशावली भी मिलती है। हिंदू रीति रिवाज और कानून से संबंधित कई पुस्तकों की रचना इसी काल में हुई थी। रामायण और महाभारत की रचना कई 100 वर्षों में हुई लेकिन इसे अंतिम रूप से पुराने की तरह इसी समय संकलित किया गया था।
3.) इलांगो नमक कवि ने सिलप्पदिकारम की रचना की है उसमें उसने किसकी कहानी लिखी है?
इलांगो नमक कवि ने सिलप्पदिकारम की रचना की है इसमें कोवलन नमक व्यापारिक का उल्लेख है। जो अपनी पत्नी कन्नगी को छोड़कर माधवी नामक एक वेश्या से प्रेम करता है और राज जौहरी के द्वारा चोरी का झूठा आरोप लगाने पर राजा के महल में उसे प्राण दंड दिया जाता है। उसकी पत्नी कन्नगी ने इस अन्याय के विरोध में मदुरा शहर का नाश कर डाला। यह कहानी सिलप्पदिकारम की रचना में मिलती है।
4.) उदयगिरी के गुहा मंदिर का वर्णन करो
गुहा मंदिरों का सर्वश्रेष्ठ नमूना उदयगिरि का गुहा मंदिर है। इसे चंद्रगुप्त द्वितीय का सेनापति वीरसेन ने बनवाया था। इसके भीतर एक गर्भगृह और उसके सामने मंडप है। इसमें वराह अवतार की विशाल मूर्ति है। दीवारों पर अलंकरण और पच्चीकारी भी है।
ई.) वर्णन करो।
1.) मूर्तिकला –
मूर्ति कला के क्षेत्र में चौथी से सातवीं सदी के बीच मथुरा सारनाथ और पाटलिपुत्र महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर आया। कुषाण कालीन मूर्तियों में शरीर सौंदर्य दिखाया गया था इस वक्त गुप्त काल में मूर्तिकारों ने बड़े-बड़े वस्त्रो का प्रदर्शन किया। देवी देवताओं के मानव रूप दिखाए गए। इस काल में बुद्ध की प्रतिभाओं के साथ-साथ विष्णु की मूर्ति भी बनाई गई।
2.) चित्रकला–
चित्र कल का सबसे बड़ा उदाहरण अजंता गुफाओं में मिले भित्ति है। अजंता के चित्र में रंगों का बड़ा ही सुंदर मिश्रण देखने मिलता है। अजंता की चित्रकारी में जहां धार्मिक दृश्यों की प्रधानता है वही बाघ की गुफाओं में सांसारिक विषयों का चित्रण है। अधिकांश चित्र धार्मिक विषयों से हटकर जैसे नृत्य, ज्ञान, राजकीय जुलूस, हाथी दौड़ शोकाकुल युवती आदि की है।
3.) विज्ञान एवं तकनीक–
इस समय आर्यभट्ट, वराहमिहिर भाष्कर प्रथम एवं ब्रह्मगुप्त जैसे गणितज्ञ और ज्योतिष विद्या के विद्वान हुए। आर्यभट्ट इस कल के महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने शून्य का संख्या के रूप में सबसे पहले प्रयोग किया। आयुर्वेद के विद्वान और चिकित्सक धनवंतरी चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में थे। इस काल में मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों की भी चिकित्सा होती थी। इस काल में धातु संबंधी ज्ञान की भी अच्छी प्रगति हुई। इस तकनीक के विकास में शिल्पा समुदाय का सराहनीय योगदान था।
उ.) जोड़ियां लगाए।
1.) कालीदास अमरकोश
2.) विशाखादत सारनाथ और पाटलिपुत्र
3.) अमरसिंह अजंता
4.) देवगढ़ मालविकाग्निमित्रम
5.) मूर्तिकला मुद्राराक्षस
6.) चित्रकला दशावतार मंदिर
उत्तर –
1.) कालीदास मालविकाग्निमित्रम
2.) विशाखादत मुद्राराक्षस
3.) अमरसिंह अमरकोश
4.) देवगढ़ दशावतार मंदिर
5.) मूर्तिकला सारनाथ और पाटलिपुत्र
6.) चित्रकला अजंता