Veer Kunwar Singh Extra Questions and Answers Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 Prepared by Hindi Expert Teacher.
Veer Kunwar Singh Extra Questions and Answers Class 7 Hindi Vasant
Class |
7 |
Book Title |
Vasant |
Chapter |
17 |
Chapter Name |
Veer Kunwar Singh |
Topic |
Extra Questions and Answers |
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अ.) परिच्छेद पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखो।
1857 के आंदोलन में वीर कुँवर सिंह का नाम कई दृष्टियों से उल्लेखनीय है। कुँवर सिंह जैसे वयोवृद्ध व्यक्ति ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ बहादुरी के साथ युद्ध किया।
वीर कुँवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन् 1782 ई० में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता साहबजादा सिंह जगदीशपुर रियासत के जमींदार थे, परंतु उनको अपनी जमींदारी हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। पारिवारिक उलझनों के कारण कुँवर सिंह के पिता बचपन में उनकी ठीक से देखभाल नहीं कर सके। जगदीशपुर लौटने के बाद ही वे कुँवर सिंह की पढ़ाई-लिखाई की ठीक से व्यवस्था कर पाए।
1.) ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ बहादुरी के साथ किसने युद्ध किया?
ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ बहादुरी के साथ कुंवर सिंह जैसे वयोवृद्ध व्यक्तिने युद्ध किया।
2.) कुँवर सिंह जन्म किस जगह पर हुआ था?
कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में हुआ।
3.) पंचरतन कुँवर यह कुंवर सिंह की कौन थी?
पंचरतन कुँवर यह कुंवर सिंह की माता थी।
4.) जगदीशपुर रियासत के जमीनदार कौन थे?
जगदीशपुर रियासत के जमीनदार कुंवर सिंह के पिता साहबजादा सिंह थे।
5.) कुँवर सिंह के पिता बचपन में उनकी ठीक से देखभाल क्यों नहीं कर सके ?
पारिवारिक उलझनों के कारण कुँवर सिंह के पिता बचपन में उनकी ठीक से देखभाल नहीं कर सके।
6.) जगदीशपुर लौटने के बाद कुंवर सिंह के पिता ने क्या किया?
जगदीशपुर लौटने के बाद ही कुंवर सिंह के पिता कुँवर सिंह की पढ़ाई-लिखाई की ठीक से व्यवस्था कर पाए।
आ.) परिच्छेद पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखो।
कहा जाता है एक बार वीर कुँवर सिंह को अपनी सेना के साथ गंगा पार करनी थी। अंग्रेजी सेना निरंतर उनका पीछा कर रही थी, पर कुँवर सिंह भी कम चतुर नहीं थे। उन्होंने अफ़वाह फैला दी कि वे अपनी सेना को बलिया के पास हाथियों पर चढ़ाकर पार कराएँगे। फिर क्या था, अंग्रेज सेनापति डगलस बहुत बड़ी सेना लेकर बलिया के निकट गंगा तट पर पहुँचा और कुँवर सिंह की प्रतीक्षा करने लगा। कुँवर सिंह ने बलिया से सात मील दूर शिवराजपुर नामक स्थान पर अपनी सेनापार को नावों से गंगा पार करा दिया। जब डगलस को इस घटना की सूचना मिली तो वह भागते हुए शिवराजपुर पहुँचा, पर कुँवर सिंह की तो पूरी सेना गंगा कर चुकी थी। एक अंतिम नाव रह गई थी और कुँवर सिंह उसी पर सवार थे। अंग्रेज सेनापति डगलस को अच्छा मौका मिल गया। उसने गोलियाँ बरसानी आरंभ कर दीं, तब कुँवर सिंह के बाएँ हाथ की कलाई को भेदती हुई एक गोली निकल गई। कुँवर सिंह को लगा कि अब हाथ तो बेकार हो ही गया और गोली का जहर भी फैलेगा, उसी क्षण उन्होंने गंगा मैया की ओर भावपूर्ण नेत्रों से देखा और अपने बाएँ हाथ को काटकर गंगा मैया को अर्पित कर दिया। कुँवर सिंह ने अपने ओजस्वी स्वर में कहा, “हे गंगा मैया! अपने प्यारे की यह अकिंचन भेंट स्वीकार करो।”
1.) वीर कुँवर सिंह के सेना का पीछा कौन कर रहा था?
वीर कुंवर सिंह के सेवा का पीछा अंग्रेज कर रहे थे।
2.) अंग्रेज सेनापति डगलस किस जगह पर कुंवर सिंह की प्रतीक्षा करने लगा था?
अंग्रेज सेनापति डगलस कुंवर सिंह की प्रतीक्षा करने बलिया के निकट गंगा तट पर पहुँचा और कुँवर सिंह की प्रतीक्षा करने लगा।
3.) अंतिम नाव पर कौन सवार था?
अंतिम नाव पर वीर कुंवर सिंह सवार थे।
4.) कुंवर सिंह को गोली किस जगह पर लगी?
कुंवर सिंह को गोली बाए हाथ की कलाई पर लगी।
5.) कुंवर सिंह ने अपने बाए हाथ को क्यों कांट दिया?
कुंवर सिंह को लगा आप कलाई टूट गई है तो गोली का शहर पूरे शरीर में फैल जाएगा इस वजह से कुंवर सिंह ने अपने बाएं हाथ को काट दिया।
सही उत्तर चुनकर लिखो।
1.) कुंवर सिंह को अपनी सेना के साथ कौन सी नदी को पार करना था?
अ.) नर्मदा
आ.) यमुना
इ.) गंगा
ई.) कृष्णा
उत्तर -इ.) गंगा
2.) डगलस कौन था?
अ.) मराठा
आ.) मावला
इ.) अंग्रेजी सेनापति
ई.) अमेरिकन
उत्तर – इ.) अंग्रेजी सेनापति
3.) कुंवर सिंह को जब गोली लगी तब उन्होंने गंगा मां के तरफ किस नजर से देखा?
अ.) भावपूर्ण नेत्रों से
आ.) क्रोध से
इ.) कुचेष्ठा से
ई.) एक भी नहीं
उत्तर -अ.) भावपूर्ण नेत्रों से
4.) कुंवर सिंह ने गंगा मैया को कौन सी चीज अर्पित कर दी?
अ.) संपत्ति
आ.) बाया हाथ
इ.) राज्य
ई.) बेटा
उत्तर – आ.) बाया हाथ
प्र 1 दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक एक लिखो।
1.) ब्रिटिश शासन के जड़ों को किस विद्रोह ने हिला दिया था?
सन 1857 के व्यापक सशस्त्र विद्रोह ने भारत में ब्रिटिश शासन की जड़ों को हिला दिया था।
2.) मंगल पांडे को फांसी कब दी गई?
मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 को फांसी दे दी गई।
3.) दिल्ली के अतिरिक्त किस जगह पर अत्यंत अभिशा युद्ध हुए थे?
कानपुर, लखनऊ, बरेली, बुंदेलखंड और आर इस जगह पर दिल्ली के अतिरिक्त अत्यधिक भीषण युद्ध हुए थे।
4.) कुंवर सिंह के पिता का स्वभाव कैसा था?
कुंवर सिंह के पिता वीर होने के साथ-साथ स्वाभिमानी और उदार स्वभाव के व्यक्ति थे।
5.) कुंवर सिंह में देशभक्ति और स्वाधीनता की भावना किस ने उत्पन्न की?
कुंवर सिंह में देशभक्ति और स्वाधीनता की भावना बसुरिया बाबा ने उत्पन्न की।
6.) क्रांति का महत्वपूर्ण केंद्र कौन सा था?
क्रांति का महत्वपूर्ण केंद्र आरा बन गया था।
7.) आजमगढ़ की ओर जाने का कुंवर सिंह का क्या उद्देश्य था?
आजमगढ़ की ओर जाने का उद्देश्य यही था कि इलाहाबाद और बनारस पर आक्रमण करके शत्रुओं को पराजित करके जगदीशपुर पर अपना अधिकार जमाना।
8.) वीर कुंवर सिंह ने किस जगह से अपनी सेना को नावों से गंगा पार कर दिया?
वीर कुंवर सिंह ने बलिया से साथ मिल दूर शिवराजपुर नामक स्थान पर अपनी सेना को नावों से गंगा पार कर दिया।
9.) बिहार के प्रसिद्ध कवि मनोरंजन प्रसाद सिंह होने वीर कुंवर सिंह के कौन से गुणों का वर्णन किया है?
बिहार के प्रसिद्ध कवि मनोरंजन प्रशस्ति होने उनकी वीरता और शौर्य का प्रदर्शन अपनी कविता में किया है।
प्र.) 2 नीचे दी गई विधाने सही करके लिखो।
1.) मंगल पांडे ने छत्तीसगढ़ में अंग्रेजों की विरुद्ध बगावत की।
मंगल पांडे ने बैरकपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत की।
2.) दिल्ली में तैनात सैनिकों ने मिलकर 11 मई को झांसी पर कब्जा कर लिया।
दिल्ली में तैनात सैनिकों ने मिलकर 11 मई को दिल्ली पर कब्जा कर लिया।
3.) 1947 के आंदोलन में वीर कुंवर सिंह का नाम कई दृष्टियों से उल्लेखनीय है।
1857 के आंदोलन में वीर कुंवर सिंह का नाम कई दृष्टियों से उल्लेखनीय है।
4.) कुंवर सिंह के पिता ने कुंवर सिंह को शिक्षा दीक्षा के लिए गुरु के घर भेज दिया।
कुंवर सिंह के पिता ने कुंवर सिंह की शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था उनके घर पर ही की थी।
5.) पशु मेला माघ महीने के अवसर पर लगता है।
पशु मेला कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगता है।
6.) कुंवर सिंह की सेना अंग्रेजों से परास्त हो गई इस वजह से उनके आत्मबल टूट गया।
कुंवर सिंह की सेना अंग्रेजों से परास्त हो गई किंतु इसमें कुंवर सिंह का आत्म बल टूटा नहीं।
7.) वीर कुंवर सिंह जी के दाएं हाथ को गोली लगी थी।
वीर कुंवर सिंह जी के बाएं हाथ की कलाई को गोली लगी थी।
वीर कुंवर सिंह जी ने कोई सामाजिक कार्य नहीं किया।
वीर कुंवर सिंह जी ने ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेने के साथ-साथ अनेक सामाजिक कार्य भी किए।
प्र.) 3 दिए गए प्रश्नों के उत्तर तीन से चार वाक्य में लिखें।
1.) राष्ट्रीय एकता और आंदोलन की नियुक किस वजह से पड़ी?
ब्रिटिश शासन ने जिस दमन नीति को आरंभ किया था उसके विरुद्ध विद्रोह शुरू हो गया था। दिल्ली के कई जगहों पर भीषण युद्ध हुआ। इसके साथ-साथ कानपुर, लखनऊ, बरेली, बुंदेलखंड और आरा इन जगहों पर भी अत्यधिक भीषण युद्ध हुआ। इसके साथ-साथ देश के अन्य भागों में भी स्थानीय विद्रोह हुए थे। विद्रोह के मुख्य नेता नानासाहेब, तात्या साहेब, बख्त खान, अजीमुल्ला खान, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल, कुंवर सिंह, मौलवी अदमदुल्लाह, बहादुर खान, और राव तुलाराम थे। 1857 का आंदोलन मतलब स्वतंत्रता प्राप्ति की दिशा में एक कदम था। यही आंदोलन के कारण इसी कदम के कारण आगे चलकर राष्ट्रीय एकता और आंदोलन की नींव पड़ी।
2.) कुंवर सिंह के पिता बचपन में कुंवर सिंह की ठीक से देखभाल क्यों नहीं कर पाए?
वीर कुंवर सिंह के बचपन की अधिक जानकारी नहीं मिलती। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि कुंवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन 1782 में हुआ था। कुंवर सिंह के पिता के नाम साहबज़ादा सिंह और माता का नाम पंचरत्न कुंवर था। पिता साहबज़ादा सिंह जगदीशपुर रियासत की जमींदार थे परंतु उन्हें यही समझदारी हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था। पारिवारिक उलझनों के कारण कुंवर सिंह के पिता बचपन में उनकी ठीक से देखभाल नहीं कर सके।
3.) ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध देशव्यापी संघर्ष की स्थिति क्यों बन गई थी?
कुंवर सिंह ने अपने पिता की मृत्यु के बाद सन 1827 में अपनी रियासत की जिम्मेदारी संभाली। उन दिनों में ब्रिटिश हुकूमत का अत्याचार चरम सीमा पर था। इसे लोगों में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भयंकर असंतुष्ट उत्पन्न हो रहा था। कृषि उद्योग और व्यापार का तो बहुत बुरा हाल था। रजवाड़ उनके दरबार भी समाप्त हो गए थे। भारतीयों को अपने ही देश में महत्वपूर्ण और ऊंची नौकरियों से वंचित कर दिया था। इस वजह से ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध देश व्यापी संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
4.) कुंवर सिंह ने आरा पर विजय किस तरह से प्राप्त की?
25 जुलाई 1857 को दानपुर की सैनिक टुकड़ी ने विद्रोह कर दिया और सैनिक सोन नदी पार कर आरा की ओर चल पड़ी। कुंवर सिंह से उनका संपर्क पहले से ही था। इस मुक्ति वाहिनी के सभी बागी सैनिकों ने कुंवर सिंह का जय घोष करते हुए आरा पहुंचकर जेल की सलाखे तोड़ दी। वहां के कैदियों को आजाद कर दिया। 27 जुलाई 1857 को कुंवर सिंह ने आरा पर विजय प्राप्त की।
5.) कुंवर सिंह की सेना जब अंग्रेजों से परास्त हो गई उसके बाद कुंवर सिंह ने क्या किया?
कुंवर सिंह की सेवा जब परास्त हो गई तब कुंवर सिंह का आत्म बल टूटा नहीं। वैभवी संग्राम की योजना बनाने में लग गए। विक्रांति के अन्य संचालक नेताओं से मिले वे आजादी के लड़ाई को आगे बढ़ना चाहते थे। इसके बाद कुंवर सिंह सासाराम से मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, कानपुर और लखनऊ तक गए। लखनऊ में शांति नहीं थी इसलिए बाबू कुंवर सिंह आजमगढ़ की ओर प्रस्थान किया। उन्होंने आजादी की इस आग को बराबर जलाए रखा।
6.) कुंवर सिंह ने स्वाधीनता की विजय पताका जगदीशपुर पर किस तरह से फहराई?
कुंवर सिंह आजमगढ़ की ओर बढ़ गए। उनके उद्देश्य यही था कि इलाहाबाद और बनारस पर आक्रमण करके शत्रुओं को पराजित किया जाए और अतः जगदीशपुर पर अपना अधिकार जमा दिया जाए। अंग्रेजों और कुंवर सिंह की सेना के बीच घमासान युद्ध हुआ। उन्होंने 22 मार्च 1858 को आजमगढ़ पर कब्जा कर लिया। अंग्रेजों ने दो बार आजमगढ़ पर आक्रमण किया। कुंवर सिंह इस लड़ाई में भी अंग्रेजों को हरा दिया। इस प्रकार अंग्रेजी सेना को परास्त करके वीर कुंवर सिंह 23 अप्रैल 1858 को स्वाधीनता की विजय पता का फहराते हुए जगदीशपुर पहुंच गए।
7.) वीर कुंवर सिंह ने आजादी की लड़ाई लड़ने के साथ-साथ और कौन से कार्य किए हैं?
वीर कुंवर सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत के साथ लोहा ले लिया लेकिन इसके साथ-साथ बहुत सारे सामाजिक कार्य भी किया। आरा जिला स्कूल के लिए जमीन दान में दे दी जिस पर स्कूल के भवन का निर्माण किया गया। कहा जाता है कि उनके आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी फिर भी निर्धन व्यक्तियों की हमेशा सहायता करते थे। उन्होंने अपने इलाके में अनेक सुविधाएं प्रदान की थी। उनमें से एक है आरा जगदीशपुर सड़क और आरा बलिया सड़क का निर्माण। उसे समय जल की पूर्ति के लिए लोग कुएं खुदवाते थे और तालाब बनवेट थे। वीर कुंवर सिंह अनेक कुएं खुदवाए और जलाशय भी बनाएं।
पाठ से आगे
1.) 1857 के किसी एक स्वतंत्र सेनानी के बारे में कुछ वाक्य लिखें।
रानी लक्ष्मी बाई –
रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में हुआ। उनका नाम मणिकर्णिका था। उन्हें प्यार से सभी लोग मनु कहा करते थे। उनके पिता का नाम मोरोपंत और मां का नाम भागीरथी बाई था। मोरोपंत बाजी राव की सेवा में द। मनु जब छोटी थी तब से उसे अंग्रेज उनसे नफरत थी। वह चंचल और सुंदर भी थी। सब प्यार से उसे छबीली कहकर पुकारते थे। मनु को जब वह छोटी थी तब से शास्त्र के साथ-साथ शास्त्र की भी शिक्षा दी गई। उनका विवाह झांसी के राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ और वह झांसी की रानी हो गई। विवाह के बाद वह रानी लक्ष्मीबाई इस नाम से जानी जाने लगी। 1851 में रानी लक्ष्मी बाई को एक पुत्र हो गया लेकिन उसकी मृत्यु 4 महीने में ही हो गई। इसके बाद राजा गंगाधर राव की तबीयत भी हमेशा बिगड़ी रहती थी। इस वजह से उन्होंने दत्तक पुत्र ले लिया। उसका नाम दामोदर राव रख लिया।
इस बीच अंग्रेजों ने अनेक कायदे कानून झांसी पर लगा दिए थे। यह कानून झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को कभी भी मंजूर नहीं हुए। वह हर वक्त अंग्रेजों से लड़ती रहती थी। अन ब्रिटिश अधिकारियों ने राज्य का खजाना भी जप्त कर लिया था। इस वजह से रानी लक्ष्मीबाई को अपने रानी महल में जाना पड़ा था। 1857 के संग्राम में जो युद्ध हुआ था उसका प्रमुख केंद्र झांसी भी था। रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी की सुरक्षा खुद की थी। उन्होंने अनेक महिलाओं को भी शस्त्र प्रशिक्षण दिया था। आम जनता ने भी इस युद्ध में रानी लक्ष्मीबाई का बहुत सहयोग किया। रानी लक्ष्मीबाई अपने राज्य के बचाव में अंग्रेजों से बहुत कल तक लड़ती रही। जब अंग्रेजों ने झांसी को घेर लिया था तब रानी लक्ष्मीबाई अपने दामोदर के साथ वहां से भाग निकल गई। वह आगे जाकर तात्या टोपे से मिली। इस प्रकार लड़ते-लड़ते ग्वालियर के पास कोटा के सराय में रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई।
2.) 1857 में जो लड़ाइयां हुई उसका उद्देश्य क्या था? ऐसा आपको लगता हैं?
अंग्रेजों ने भारत में अपने कायदे कानून लगा रखे थे। जो यहां के आम जनता के लिए बहुत हानिकारक थे। आम नागरिक को कोई भी रास्ता नहीं दिख रहा था इस वजह से वह अंग्रेजों के कायदे कानून का पालन कर रहे थे। इसी का अंग्रेजों ने फायदा उठा लिया। इसी वजह से आम लोगों की इस कायदे कानून की वजह से बहुत हानि हुई सामाजिक आर्थिक हानि भी बहुत हुई। अंग्रेजी यहां पर व्यापार की दृष्टि से आए थे और व्यापार छोड़कर वह भारत पर कब्जा कर लेना चाहते थे। इन सब से बचने के लिए 1857 में स्वतंत्रता की लड़ाई शुरू हो गई। भारत को स्वतंत्र करना अंग्रेजों से मुक्ति दिलाना यह एक मात्र उद्देश्य था।
3.) अगर आप 1857 में होते तो क्या आप उसे लड़ाई में भाग लेते?
अगर हम 1857 में होते तो इस लड़ाई में जरूर भाग लेते। क्योंकि यह लड़ाई भारत के लिए थी। भारत के लोगों ने इसमें सहभागी लिया था। अंग्रेजों को उखाड़ कर इस मिट्टी से दूर फेंकना था। भारत भारतीय लोगों के लिए था अंग्रेजी यहां पर जबरदस्ती कब्जा कर बैठे थे उन्हें यहां से दूर फेंकना जरूरी था। वह सिर्फ यहां पर जाकर अपना कब्जा नहीं कर रहे थे यहां की जनता को भी बहुत तकलीफ दे रहे थे। उन्होंने ऐसे कायदे कानून लगाए थे जिससे यहां की जनता त्रस्त हो जाए। इस वजह से हम 1857 की लड़ाई में जरूर भाग लेते।