Rahim ke Dohe Extra Questions and Answers Class 7 Hindi Vasant Chapter 11 Prepared by Hindi Expert Teacher.
Rahim ke Dohe Extra Questions and Answers Class 7 Hindi Vasant
Class |
7 |
Book Title |
Vasant |
Chapter |
11 |
Chapter Name |
Rahim ke Dohe |
Topic |
Extra Questions and Answers |
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More Extra Questions and Answers
अ.) पंक्तियां पढ़े और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखो।
तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान।।
थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।।
1.) पेड़ क्या नही खाता?
पेड़ जो फल लगते है वह नहीं खाता।
2.) पानी कौन नहीं पीता?
सरोवर पानी नहीं पीता।
3.) काम किस तरह से करना चाहिए?
काम ऐसा करना चाहिए जिस से दूसरों का भला हो।
4.) मनुष्य कब पिछली बाते करने लगता हैं?
मनुष्य जब निर्धन हो जाता हैं तब वह पिछली बाते करने लगता हैं।
5.) जिन बादलों में पानी नहीं होता वह कब गरजते हैं?
जिन बादलों में पानी नहीं होता वह क्वार के मास में गरजते हैं।
6) क्वार मास के बादलों की तुलना लेखक ने किस से की है?
क्वार मास के बादलों की तुलना लेखक ने निर्धन व्यक्ति से की है
प्र.) 1 दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखो।
1.) हमारा सच्चा मित्र कौन होता है?
जो मुसीबत के समय हमारा साथ थे हमारे साथ खड़ा रहे वही हमारा सच्चा दोस्त होता है।
2.) सगे संबंधियों की तुलना किस से को गई हैं?
सखी संबंधियों की तुलना संपत्ति से की गई है।
3.) सगे संबंधी कब निर्धारित किए जाते हैं?
रीति रिवाज के बाद सगे संबंधी निर्धारित किए जाते हैं।
4.) मछली को अपने प्राण कब त्यागने पड़ते है?
जब मछली पानी से बाहर आ जाती है तब वह पानी के दूर जाने के गम में अपने प्राणों का त्याग करती है।
5.) मछली को किस बात का मोह होता है?
मछली को पानी का मोह होता है।
6.) मनुष्य के शरीर की सहनशक्ति किस के समान है?
मनुष्य के शरीर की सहनशक्ति धरती के समान है।
7.) हमारे जीवन में जो सुख दुख आते हैं उन्हें कौन सहन करता है?
हमारे जीवन में जो सुख-दुख आते हैं उन्हें हमारा शरीर सहन करता है।
8.) रहीम के दोहे हमें कौन सी शिक्षा देते हैं?
रहीम के दोहे हमें नैतिक शिक्षा देते हैं।
प्र.) 2 नीचे कुछ पंक्तियां दी गई है उनका अर्थ लिखो।
1.) बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ।।
हमारे पास हमारे अपने खाने के लिए तो बहुत से लोग होते हैं लेकिन उनमें से जो हमारे मुश्किल में साथ थे वही हमारा मित्र होता है। हमारे जीवन में विपत्ति के ऋण बहुत सारे आते हैं उन क्षणों में अपनी जो दोस्ती निभाता है वही सच्चा दोस्त होता है।
2.) रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह ।।
जब मछली पकड़ने वाला अपना जाल बिछाते हैं तब उसे जाल में पानी के साथ-साथ मछली अभी आता है। जब चल को ऊपर उठाया जाता है तब उसे जाल में से पानी निकल जाता है और मछलियां बची रहती है। लेकिन मछलीयों को पानी का मोह नहीं छूटता और वह मछलियां पानी के बिना उनके वियोग से मर जाती है।
3.) तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।
इस पंक्ति में रहीम जी कहते हैं कि जो तारु होता है मतलब जो पेड़ पौधे होते हैं वही अपने फल को नहीं खाते। इसी तरह से तालाब में जो पानी होता है वही तालाब भी अपना खुद का पानी नहीं पीता।
4.) थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
जो क्वार के महीने में बादल आते हैं वह बादल झूठे होते हैं। यह बादल सिर्फ गरजना जानते हैं। इन बादलों में पानी नहीं होता। यह बादल सिर्फ गरजते हैं कभी भी बरस से नहीं।
5.) धरती की सी रीत है, सीत घाम औ मेह।
इस पंक्ति में कहा जाता है कि हमारा शरीर जो है वह इस धरती जैसा है।
प्र.) 3 रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।
1.) बिपति ………. … जे कसे, तेई साँचे मीत ।।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ।।
2.) तरुवर फल नहिं खात है, …………. पियत न पान।
तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।
3.) जाल परे जल जात बहि, तजि ………… को मोह।
जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
4.) धनी पुरुष .) ………… भए, करें पाछिली बात।।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।।
5.) जैसी परे सो सहि रहे, त्यों ……. . … यह देह ।।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह ।।
प्र.) 4 नीचे कुछ पंक्तियों के अर्थ दिए हैं उसे पंक्तियां पहचान कर लिखो
1.) रहीम कहते हैं कि हमें संपत्ति का संचय दूसरों के भले के लिए करना चाहिए। जिस तरह से तरुवर अपने फल नहीं खाते तालाब अपना पानी नहीं पीता इस प्रकार हमने जो धन का संचय किया है उसका उपयोग भी हमें खुद के लिए नहीं करना चाहिए दूसरों के लिए करना चाहिए।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान ।।
2.) रहीम जी कहते हैं कि हमारे जो सखी संबंधी होते हैं वह हमारी संपत्ति होते हैं यह रीति रिवाज के द्वारा हमें मिलते हैं।
कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
3.) जो पुरुष निधन हो जाता है जिसके पास कुछ नहीं रहता। वह हमेशा ही अपने भूतकाल की बातें कहता रहता है। वह वर्तमान काल और भविष्य काल में कभी नहीं जीत। वह सबसे अपने पिछली बातें ही कहता रहता है।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।।
4.) हमारा जो शरीर होता है वह धरती के समान होता है जिस तरह धरती हमेशा अलग-अलग मौसमों को सहन करती है जैसे की गर्मी ठंडी बारिश सभी मौसमों से झुंझती रहती है। इस तरह ही मानव का शरीर होता है हमेशा ही सभी सुख-दुख सहन करता है।
धरती की सी रीत है, सीत घाम औ मेह।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह ।।
प्र.) 5 दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर चुनकर लिखें।
1.) रीति रिवाजों के बाद कौन निर्धारित होते हैं?
अ.) संपत्ति
आ.) जन्म
इ.) सगे संबंधी
ई.) दोस्त
उत्तर – इ.) सगे संबंधी
2.) जो संकटों से मुश्किल परिस्थितियों में से हमें बाहर निकलते हैं वह कौन होते हैं?
अ.) सच्चे दोस्त
आ.) सगे संबंधी
इ.) भाई
ई.) माता पिता
उत्तर -अ.) सच्चे दोस्त
3.) पानी का मोह किसे है?
अ.) समुद्री पौधे
आ.) मछली
इ.) आसमान
ई.) हवा
उत्तर – आ.) मछली
4.) फल कौन नही खाता?
1.) तरु
2.) बगीचा
3.) मानव
4.) पक्षी
उत्तर – 1.) तरु
5.) मनुष्य जीवन भर किसका सामना करता रहता है?
1.) बारिश
2.) सुख दुख
3.) मौसम
4.) दोस्त
उत्तर -2.) सुख दुख
भाषा की बात
प्र.) 1 दिए गए शब्दों के तुकांत शब्द लिखो।
1.) मेह – देह
2.) घहरात – बात
3.) पान – सुजान
4.) मोह – छोह
5.) रित – मीत
प्र.) 2 दिए गए शब्दों का परिवर्तन हिंदी भाषा और मातृभाषा में लिखो।
शब्द हिंदी भाषा मातृभाषा
कहि कहना सांगणे
सांचे सच्चे खरा
बिपत्ती विपत्ति संकट
नीर पानी पाणी
मीनन मछली मासा
सरवर तालाब तलाव
पाछिली पिछली मागची
प्र.) 3 दिए गए शब्दों का अर्थ लिखो।
1.) निर्धन – जिसके पास धन नहीं है।
2.) रीत – परंपरा
3.) जल – पानी
4.) सुजान – जो जानकार हो वह
5.) परकाज – दूसरोंका
6.) देह – शरीर
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