Pani ki Kahani Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Vasant Chapter 16 Prepared by Hindi Expert Teacher.
Pani ki Kahani Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Vasant
Class |
8 |
Book Title |
Vasant |
Chapter |
16 |
Chapter Name |
Pani ki Kahani |
Pani ki Kahanic |
Extra Questions and Answers |
Pani ki Kahani Extra Questions and Answers Very Short Type
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अ.) दिया गया परिच्छेद पढ़े और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखें।
“मुझे ठीक पता नहीं। हाँ, यह सही है कि हमारा ग्रह ठंडा होता चला गया
और मुझे याद है कि अरबों वर्ष पहले मैं हद्रजन और ओषजन के रासायनिक क्रिया के कारण उत्पन्न हुई हूँ। उन्होंने आपस में मिलकर अपना प्रत्यक्ष अस्तित्व गँवा दिया है और मुझे उत्पन्न किया है। मैं उन दिनों भाप के रूप में पृथ्वी के चारों ओर घूमती फिरती थी। उसके बाद न जाने क्या हुआ? जब मुझे होश आया तो मैंने अपने को ठोस बर्फ़ के रूप में पाया। मेरा शरीर पहले भाप-रूप में था वह अब अत्यंत छोटा हो गया था। वह पहले से कोई सतरहवाँ भाग रह गया था। मैंने देखा मेरे चारों ओर मेरे असंख्य साथी बर्फ़ बने पड़े थे। जहाँ तक दृष्टि जाती थी बर्फ़ के अतिरिक्त कुछ दिखाई न पड़ता था। जिस समय हमारे ऊपर सूर्य की किरणें पड़ती थीं तो सौंदर्य बिखर पड़ता था। हमारे कितने साथी ऐसे भी थे जो बड़ी उत्सुकता से आँधी में ऊँचा उड़ने, उछलने-कूदने के लिए कमर कसे तैयार बैठे रहते थे।”
1.) भापों के रूप में पानी किस के चारों तरफ घूमता था?
भापों के रूप में पानी पृथ्वी के चारों तरफ घूमता था।
2.) किन के बीच रसायनिक क्रिया हुई?
हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच रसायनिक क्रिया हुई।
3.) बर्फ का सौंदर्य कब निखर जाता?
जब बर्फ के ऊपर सूरज के किरणे पड़ती तब बर्फ का सौंदर्य निखर जाता।
4.) जब भाप का बर्फ के रूप में परिवर्तन हो गया तो उसका कितना भाग रह गया था?
जब भाप का बर्फ के रूप में परिवर्तन हो गया तो उसका सत्रहवा भाग रह गया था।
5.) जब हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिलाप हुआ तो क्या हुआ?
जब हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिलाप हुआ तब बूंद का जो प्रत्यक्ष रूप था वह उसने गवा दिया।
6.) जब बूंद को होश आया तब वह कहा पर थी?
जब बूंद को होश आया तब वह ठोस बर्फ के रूप में थी।
7.) बूंद और उसके साथी किस बात के लिए तैयार रहते थे?
बूंद और उसके साथी आंधी में ऊंचा उड़ने, उछलने – कूदने के लिए तैयार रहते थे।
आ.) नीचे दिया गया परिच्छेद पड़े और प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
हम लोग अब एक ऐसे स्थान पर पहुँचे जहाँ पृथ्वी का गर्भ रह-रहकर हिल रहा था। एक बड़े ज़ोर का धड़ाका हुआ। हम बड़ी तेजी से बाहर फेंक दिए गए। हम ऊँचे आकाश में उड़ चले। इस दुर्घटना से हम चौंक पड़े थे। पीछे देखने से ज्ञात हुआ कि पृथ्वी फट गई है और उसमें धुआँ, रेत, पिघली धातुएँ तथा लपटें निकल रही हैं। यह दृश्य बड़ा ही शानदार था और इसे देखने की हमें बार-बार इच्छा होने लगी।”
“मैं समझ गया। तुम ज्वालामुखी की बात कह रही हो।” “हाँ, तुम लोग उसे ज्वालामुखी कहते हो। अब जब हम ऊपर पहुँचे तो हमें
एक और भाप का बड़ा दल मिला। हम गरजकर आपस में मिले और आगे बढ़े। पुरानी सहेली आँधी के भी हमें यहाँ दर्शन हुए। वह हमें पीठ पर लादे कभी इधर ले जाती कभी उधर। वह दिन बड़े आनंद के थे। हम आकाश में स्वच्छंद किलोलें करते फिरते थे।
बहुत से भाप जल-कणों के मिलने के कारण हम भारी हो चले और नीचे झुक आए और एक दिन बूँद बनकर नीचे कूद पड़े।”
“मैं एक पहाड़ पर गिरी और अपने साथियों के साथ मैली-कुचैली हो एक ओर को बह चली। पहाड़ों में एक पत्थर से दूसरे पत्थर पर कूदने और किलकारी मारने में जो आनंद आया वह भूला नहीं जा सकता।
1.) जब धमाका हुआ तब पानी की बूंदे कहा चली गई?
जब धमाका हुआ तब पानी की बूंदे आसमान में उड़ने लगी।
2.) इस दुर्घटना से उन्हें क्या ज्ञात हुआ?
इस दुर्घटना से उन्हें यह ज्ञात हुआ कि पृथ्वी फट गई है।
3.) जब उन्हें भाप का दल मिला तब उनकी मुलाकात कौन से पुरानी सहेली से हो गई?
जब उन्हें भाप का दल मिला तब उनकी मुलाकात पुरानी सहेली आंधी से हो गई।
4.) जब भाप जल कणों का रूपांतर बूंदों में हुआ तब वह किस पर गिरी?
जब भाप जल कणों का रूपांतर बूंदों में हुआ तब वह एक पहाड़ पर गिरी।
5.) कौन सा दृश्य बड़ा शानदार था?
जब पृथ्वी फूट गई थी उसमें धुआं, रेत, पिघली धातुए तथा लपटे निकल रही थी। यह दृश्य बहुत सुंदर था।
6.) किन के मिलने के कारण बूंद को भारी होने का एहसास हुआ?
बहुत से भाप जल कणों के मिलने के कारण बूंद को भारी होने का एहसास हुआ।
प्र.) 1 दिए गए प्रश्नों के उत्तर तीन से चार वाक्य में लिखें।
1.) बूंद लेखक के हाथ पर क्यों कूद पड़ी?
बूंद को लगा था कि वह पत्ते पर जब पहुंच जाएगी तब वहां से वह उड़ जाएगी लेकिन अब उसे ज्ञात हो रहा है कि अभी रात होने वाली है। और जो सूर्य उन्हें उड़ने की शक्ति देता है वह अब जा चुके हैं। अब वह पत्तों पर ही सिकुड़ पड़ी है। इस वजह से जब उसने लेखक को देखा तो वह लेखक के हाथ पर कूद पड़ी।
2.) बूंद ने समुद्र का वर्णन किन शब्दों में किया है?
बूंद समुद्र के बारे में रहती है कि मैं अभी तक समझती थी इस समुद्र में केवल मेरे बंधु और बांधव का ही राज्य है परंतु जब मैं समुद्र में पहुंची तब मुझे ज्ञात हुआ कि समुद्र में हमारे बंधु और बंधावों के अलावा भी कई जीव रहते हैं। उसमें नीरा नमक भी भरा हुआ है। समुद्र का पानी खा रहा है और यह खड़ापन मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा शुरुआत में मेरा जी मचलने लगा था लेकिन धीरे-धीरे मैं उसमें घुल गई।
3.) समुद्र के मार्ग में बूंद ने कौन–कौन से जीव देखें?
समुद्र के मार्ग में कुंदने अनेक जीव देखें। कई जीव रंगने वाले थे कई जीव जालीदार मछलियां थी कई जगहों पर भारी छुए और हाथों वाली मछलियां थी एक मछली ऐसी थी जो मनुष्य से बहुत बड़ी थी और उसके आठ हाथ थे इन्हीं हाथों से वह अपना शिकार पकड़ लेती थी।
4.) बूंद ने ज्वालामुखी का वर्णन किन शब्दों में किया है?
बूंद रहती है कि हम ऐसे स्थान पर एक बार पहुंचे जहां का घर पर रह रहकर हिल रहा था। एक बड़े जोर का धमाका हुआ और हम बड़ी तेजी से बाहर फैंक गए। इस वजह से हम आकाश में ऊंचे-ऊंचे उड़ने लगे थे। यह घटना इतनी बड़ी थी कि हम चौंक पड़े। जब हमने पीछे देखा तो हमारे समझ में आ गया कि पृथ्वी फट गई है और उसमें से धुआं, रेत और अलग-अलग जो धातुएं होती है वह पिघल कर बाहर निकल रही है। इन शब्दों में बूंद ने ज्वालामुखी का वर्णन किया है।
5.) पृथ्वी का निर्माण कैसे हुआ?
सूर्य मंडल अपने निश्चित मार्ग पर काट रहा था। उसे वक्त ब्रह्मांड में बहुत उथल-पुथल हो रही थी। अनेक ग्रह और उपग्रह बन रहे थे। तभी एक बड़ा सा प्रकाश पिंड दिखाई पड़ा। यह सूर्य की ओर बढ़ रहा था। जैसे-जैसे यह पास आ रहा था वैसे वैसे प्रकाश पिंड का आकार बढ़ता जा रहा था। यह प्रकाश पिंड सूर्य से कई गुना बड़ा था। उसे पर आकर्षण शक्ति भी बहुत थी। अगर सूर्य उस प्रकाश पिंड से टकरा जाता तो सूर्य चूर-चूर हो जाता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वह सूर्य के सहस्त्र मील दूर से ही घूम कर चला गया। लेकिन उसके आकर्षण शक्ति इतनी थी कि सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला गया। सूर्य से टूटा हुआ भाग इतना खिंचाव संभाल न सका और उसके भी कई टुकड़े हो गए। उन्हें में से एक टुकड़ा मतलब हमारी पृथ्वी है।
प्र.) 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।
1.) मैं आगे बड़ा ही था कि …………………… की झाड़ी पर से मोटी सी एक बूंद मेरे हाथ पर आ पड़ी।
मैं आगे बड़ा ही था कि बेर की झाड़ी पर से मोटी सी एक बूंद मेरे हाथ पर आ पड़ी।
2.) मैं कानों का ……………………. टटोलती फिरती थी कि एकाएक पकड़ी गई।
मैं कानों का हृदय टटोलती फिरती थी कि एकाएक पकड़ी गई।
3.) मैं पत्तों की ………………………….. छेद से होकर जैसे तैसे जान बचाकर भागी।
मैं पत्तों की नन्हे-नन्हे छेद से होकर जैसे तैसे जान बचाकर भागी।
4.) “ठहरो क्या तुम्हारी पुरखे अब …………………….. में नहीं है?”
“ठहरो क्या तुम्हारी पुरखे अब सूर्य मंडल में नहीं है?”
5.) मैं कई मास ……………………. में इधर–उधर घूमती रही।
मैं कई मास समुद्र में इधर-उधर घूमती रही।
6.) मैं अपने दूसरे भाइयों के पीछे–पीछे ………………………. में घुस गई।
मैं अपने दूसरे भाइयों के पीछे-पीछे चट्टान में घुस गई।
7.) वह उसकी बूंद धीरे–धीरे घाटी और …………………………… से ओझल हो गई।
वह उसकी बूंद धीरे-धीरे घाटी और आंखों से ओझल हो गई।
प्र.) 3 दिए गए प्रश्नों के उत्तर एक–एक वाक्य में लिखें।
1.) लेखक के आश्चर्य का ठिकाना क्यों नहीं रहा?
लेखक के हाथ पर मोटी सी एक बूंद गिरी थी। लेखक के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि वह बूंद उनके कलाई से सरक कर हथेली पर आ गई थी।
2.) सितार के तारों की सी झंकार कहां से आ रही थी?
जो बूंद लेखक के हाथ पर गिरी थी उसके दो कान हो गए थे और वह दोनों हल हिल्कर स्वर उत्पन्न कर रहे थे। सितार के तारों की सी झंकार यहां से आ रही थी।
3.) पेड़ों का कौन सा भाग निर्दय होता है ऐसा बूंद कहती है?
पेड़ों की जो रोए होती है वह बड़ी निर्दय होती है ऐसा बूंद कहती है।
4.) बूंद को उड़ने की शक्ति कौन देता है?
बूंद को उड़ाने की शक्ति सूर्य देता है।
5.) बूंद लेखक के हाथ पैर क्यों कूदी थी?
बूंद लेखक के हाथ पर रक्षा पाने के लिए कूदी थी।
6.) बुंदेली कब तक रक्षा मांगी?
जब तक सूर्य ना निकले तब तक बूंद ने रक्षा मांगी।
7.) बूंद के नेत्र क्यों दुखने लगे थे?
बूंद समुद्र में कई अंदर तक जा चुकी थी जहां पर सूर्य का प्रकाश बहुत कम पहुंचता था। इस वजह से वहां पर बाल लगाकर देखना पड़ता था। इसी वजह से बूंद के नेत्र दुखने लगे थे।
8.) पत्थर टूट कर खंड–खंड कैसे हो गया?
जब बंदे बड़ी ऊंची शिखर से एक चट्टान पर गिरी वह पत्थर उनके प्रहार से टूट कर खंड-खंड हो गया।
पाठ से आगे
प्र.) 1 दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखो।
1.) पानी के कौन–कौन से उपयोग होते हैं?
अपनी सभी सजीवों के लिए महत्वपूर्ण रहता है। पानी पीने के लिए, खाना बनाने के लिए, बर्तन धोने के लिए, कपड़े धोने के लिए, पेड़ पौधों में डालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
2.) पानी का हमें सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए पानी बचाना चाहिए ऐसा हमे क्यों सिखाया जाता हैं।
पानी सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज मानव ने पेड़ पौधों की कटाई की है। इस वजह से जंगल नष्ट होने के मार्ग में है। पेड़ पौधों की कटाई करने की वजह से जंगल नष्ट होने की वजह से आज पानी की कमी भी महसूस हो रही है। कई बार गर्मी में किसी-किसी गांव में पानी ही नहीं मिलता। सरकार को इन गांव में टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाना पड़ता है। इस वजह से पानी की कमी महसूस होने लगती है। इस वजह से हमें यह सिखाया जाता है कि पानी की बचत करना जरूरी है।
3.) आप अपने गांव में पानी की बचत किस तरह से करेंगे? लोगों को पानी का महत्व किस तरह से समझाएंगे?
गांव में पहले हम पंचायत के बैठक लेंगे। उन्हें हम पानी का महत्व समझाएंगे। इसके साथ-साथ पेट पौधे क्यों लगाने चाहिए पानी की बचत किस तरह से की जाती है यह भी समझाएंगे। गर्मी के दिनों में जगह-जगह पर खुदाई कर के रखेंगे जिस वजह से बारिश में जहां-जहां खुदाई की गई है वहां पर पानी जमा हो जाए। गर्मी के दिनों में पेड़ पौधे भी लगाएंगे जिसकी वजह से फेल पौधों की जो जेड है वह पानी को पकड़ कर रखें। इसके साथ-साथ पानी हम किस तरह से बहा देते हैं कहां-कहां पानी का गलत इस्तेमाल किया जाता है यह बात लोगों को समझाएंगे। जिस वजह से सारे लोग पानी की बचत करने के लिए आगे आएंगे। गर्मी के दिनों में पानी की कमी महसूस ना हो इसके लिए भी कई उपाय करेंगे।
प्र.) 2 पानी का महत्व इस विषय पर अपने विचार लिखो।
पानी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर पानी नहीं होगा तो मनुष्य का जीवन तहस-नहस हो जाएगा। जब तक इस धरती पर पानी है तब तक ही मनुष्य इस धरती पर जीवित रह सकता है। जब इस धरती पर से पानी नष्ट हो जाएगा तो इस धरती पर से मनुष्य भी नष्ट हो जाएगा। मनुष्य के साथ-साथ सारे सजीव भी नष्ट हो जायेंगे। क्योंकि पानी यह जीवन है। सारे सजीवों को जीने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी के बिना कोई जीवित नहीं रह सकता। हमारे दैनंदिन जीवन में सारे कामों के लिए पानी कम आता है।
पानी पीने के लिए तो काम आता ही है इसके साथ-साथ हम सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक हर एक कामों में पानी का उपयोग करते हैं। जैसे खाना बनाना, साफ-सफाई करना, कपड़े बर्तन धोना, पेड़ – पौधों को भी पानी की जरूरत होती है। ऐसे अनेक कामों के लिए पानी का उपयोग किया जाता है। इस वजह से पानी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका बजाता है।
सिर्फ मनुष्य के लिए ही नहीं सभी सजीवों को जीने के लिए पानी की आवश्यकता लगती है। पशु पक्षी पेड़ पौधे इन्हें दिन प्रतिदिन पानी की आवश्यकता पड़ती है। इतना ही नहीं पानी में भी कई सारे जीव रहते हैं। हम नदियों तालाबों में देखते हैं कि कई सारे मछलियां वहां पर रहती है। मछलियों के सिवा भी अनेक जीव पानियों में रहते हैं। वह तो पानी के बिना ही रह नहीं सकते। उन्हें 24 घंटे पानी की जरूरत पड़ती है। अगर पानी नहीं रहेगा तो नदी तालाब सूख जाएंगे। इसकी वजह से नदी तालाब उनके अंदर जो जीव रहते हैं वह मर जायेंगे।
इसीलिए जो कि पृथ्वी पर रहता है उन सब को पाने की जरूरत पड़ती है। पानी हमारे लिए जीवन के बराबर है। पानी के बाहर भी कई जीव रहते हैं उन्हें भी जीने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है। अगर पानी ही नहीं रहेगा तो सारे लोग प्यासे रहकर मर जायेंगे। सिर्फ मनुष्य ही नहीं पशु पक्षी पेड़ पौधे भी मर जायेंगे। इस वजह से पानी हमारे जीवन में बहुत जरूरत की चीज मानी जाती है।
प्र.) 3 पानी की आत्मकथा। इस विषय पर निबंध लिखें।
नमस्कार मैं हूं पानी। आप सब तो मुझे पहचानते ही होंगे ।क्योंकि जमीन पर जो जो सजीव रहती है उन्हें पानी की जरूरत होती है। उनकी जरूरत मैं पूरी करता हूं। मैं सजीवों के हर एक काम में उपयोग में आता हूं सिर्फ प्यास बुझाने के लिए नहीं कई कामों के लिए मैं उन्हें मदद करता हूं मेरे माध्यम से यह लोग कई कार्य पूर्ण करते हैं।
मतलब मनुष्य पशु पक्षी पौधे इन सबको जीने के लिए मेरी मदद होती है इस वजह से मुझे जीवन भी कहा जाता है। इतना ही नहीं धरती पर नदी तालाबो में मै रहता हूं ।यहां पर मेरे साथ अनेक तरह के मछलियां जीवाणु अनेक तरह के पौधे भी रहते हैं। वह तो घंटे मेरे साथ ही रहते हैं। अगर आप उनको पानी से बाहर निकलते हो तो वह मर जाएंगे।
लेकिन आज मनुष्य मुझे बहुत तकलीफ दे रहा है। मैं मनुष्य की हर एक कार्य करने के लिए मदद करता हूं लेकिन वह है कि मुझे मे सिर्फ गंदगी फैलता रहता है। जब उसे ज्यादा गर्मी लगती है तो वह बारिश का इंतजार जरूर करता है। वह अपने स्वार्थ के लिए पेड़ पौधे भी तोड़ देता है जंगल नष्ट करता है इस वजह से धरती पर पर्याप्त बारिश नहीं होती।
आज मनुष्य ने धरती पर सीमेंट का जंगल खड़ा किया है। नए-नए उद्योग शुरू किए हैं। कारखाने की निर्मित की गई है। इन सब के लिए उसने कई तरह के जंगल तोड होंगे। इसके साथ-साथ एक कारखाने में उद्योगों में जो भी पानी तैयार होता है उसमें बहुत सारे केमिकल मिले हुए होते हैं। ऐसा पानी बहुत नदियों में छोड़ना है। इस वजह से कई तरह के रोग फैलते हैं क्योंकि यही पानी कई लोग पीते हैं। इसके साथ-साथ नदियों में जो मछलियां होती है वह केमिकल की वजह से मर जाती है।
इतना ही नहीं मनुष्य के पास जो भी जानवर होते हैं उन्हें साफ करने के लिए भी वह नदियों में लाता है। कई गांव के लोग आज भी नदियों के किनारे ही कपड़े धोते हैं इस वजह से भी नदी का पानी खराब हो जाता है। यही पानी मनुष्य और इतर जानवर पीते हैं। इस वजह से कई सारी बीमारियां फैलती है। पेट के बड़े-बड़े रोग हो जाते हैं।
मैं मनुष्य के कई तरह से मदद करती हूं लेकिन उसने मुझ में सिर्फ गंदगी फैला रखी है। यह गंदगी काम करने के लिए वह उपाय तो करता है लेकिन अपना मूल स्वभाव कभी नहीं छोड़ता। हमें अगर साफ करना है तो मनुष्य को कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। शेर वह कारखाने में जो पानी तैयार होता है वह हम मे लाकर न छोड़े। कपड़े नदी के किनारे ना धोए। अगर इतना भी वह करेगा तो हम अपने अंदर की गंदगी जो है वह बाहर निकाल सकते हैं।
धन्यवाद आपने मेरी इतनी सारी बात सुनी। लेकिन बात सुनने से कुछ नहीं होगा। आपको पानी बचाने के लिए कुछ ना कुछ प्रयास करते रहना होगा। नहीं तो धरती पर मनुष्य का जीवन खतरे में आ जाएगा।
प्र.) 4 दिए गए शब्दों का वाक्य में प्रयोग करो।
1.) ओझल –
धीरे-धीरे सूर्य की किरणें आंखों से ओझल हो गई और बारिश होने लगी।
2.) पहाड़ –
हम सब पहाड़ चढ़कर मंदिर में गए।
3.) ज्वालामुखी –
कभी-कभी मां के गुस्से का ज्वालामुखी फट जाता है।
4.) गुफा –
लाखों वर्ष पहले मनुष्य गुफाओं में रहता था।
5.) कहानी –
नई हमें रोज कहानियां सुनाती है।
6.) प्रसन्नता –
बच्चों के घर आने से मां प्रसन्नता से झूम उठी।
प्र.) 5 दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखो।
1.) समुद्र – सागर
2.) पर्वत – पहाड़
3.) पृथ्वी – धरा
4.) शक्ति – ताकत
5.) प्रसन्न – खुश
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Aba ka thanks a lot Boal
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Thanks@netexplainations…for providing inside questions
This is so helpful for my exam
I think you have to make long question answer and make sure about spelling mistakes and writing✍️.
For better understanding you have to bring these changes.