NCERT Solutions Class 6 Hindi Malhar Chapter 7 – जलाते चलो
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 7 ‘जलाते चलो’ question answers solutions available here. This chapter is very important written by Dwarika Prasad Maheshwari.
जलाते चलो
पाठ से
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए
(1) निम्नलिखित में से कौन-सी बात इस कविता में मुख्य रूप से कही गई है?
- भलाई के कार्य करते रहना
- दीपावली के दीपक जलाना
- बल्ब आदि जलाकर अंधकार दूर करना
- तिमिर मिलने तक नाव चलाते रहना
उत्तर -•भलाई के कार्य करते रहना
(2) “जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की, चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी” यह वाक्य किससे कहा गया है?

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- तूफ़ान से
- मनुष्यों से
- दीपकों से
- तिमिरों से
उत्तर – •मनुष्यों से
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
इस कविता में अंधेरा मिटाकर उजियाला फैलाने की बात की गई है। कवि कहते है की हमे सभी प्रकार के अंधेरे को मिटाना चाहिए। इस कविता में मनुष्यों को कहा है कि तुमने ही पहला दिया जलाया था।
मिलकर करें मिलान
कविता में से चुनकर कुछ शब्द यहाँ दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

उत्तर –
शब्द |
अर्थ या संदर्भ |
अमावस |
अमावस्या, जिस चंद्रमा दिखाई रात आकाश में नहीं देता। |
पूर्णिमा |
पूर्णमासी, वह तिथि जिस रात चंद्रमा पूरा दिखाई देता है। |
विद्युत दिए |
विद्युत दिये अर्थात बिजली से जलने वाले दीपक, बल्ब आदि उपकरण। |
युग |
समय, काल, युग संख्या में चार माने गए हैं – सत्ययुग (सतयुग), त्रेता युग, द्वापर युग और कलियुग। |
पंक्तियों पर चर्चा
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
“दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।।
रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा।।”
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
(क) कविता में अँधेरे या तिमिर के लिए किन वस्तुओं के उदाहरण दिए गए हैं?
कविता में अंधेरे या तिमिर के लिए अमावस और निशा यह उदाहरण दिए गए हैं।
(ख) यह कविता आशा और उत्साह जगाने वाली कविता है। इसमें क्या आशा की गई है? यह आशा क्यों की गई है?
इस कविता में हमारे जीवन में जो अंधियारा है वह मिट जायेगा और नया सवेरा आएगा। जीवन के बारे में जो हमारे नकारात्मक विचार है वह दूर होकर सकारात्मक विचारों से हमारा जीवन भर जाएगा। हमारे आसपास जो तूफान चल रहा है वह मिट जाएगा और हमारे जीवन को एक नई दिशा मिलेगी यह आशा की गई है।
(ग) कविता में किसे जलाने और किसे बुझाने की बात कही गई है?
कविता में दीयों को जलाने और बुझाने की बात कही गई है।
मिलान
स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा खींचकर जोड़िए-

उत्तर
स्तंभ 1 |
स्तंभ 2 |
कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा। |
विश्व की समस्याओं से एक न एक दिन छुटकारा अवश्य मिलेगा। |
जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर। |
दूसरों के सुख-चैन के लिए प्रयास करते रहिए। |
मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में घिरी आ रही है अमावस निशा-सी। |
विश्व में सुख-शांति क्यों कम होती जा रही है? |
बिना स्नेह विद्युत-दिये जल रहे जो बुझाओ इन्हें, यों न पथ मिल सकेगा। |
विश्व की भलाई का ध्यान रखे बिना प्रगति करने से कोई लाभ नहीं होगा। |
अनुमान या कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए
(क) “दिये और तूफान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी”
दीपक और तूफ़ान की यह कौन-सी कहानी हो सकती है जो सदा से चली आ रही है?
जीवन में सदा ही हार और जीत चलती रहती हैं। इससे डरना नहीं चाहिए। जो दीपक जलते हैं उन्हें तूफान, आंधी बुझाती है। लेकिन दिये फिरसे जल उठाते हैं। इसी तरह हमारे जीवन में भी आंधी आती है लेकिन हमे हमेशा उठकर खड़ा होना है और आगे बढ़ना है।
(ख) “जली जो प्रथम बार लौ दीप की स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”
दीपक की यह सोने जैसी लौ क्या हो सकती है जो अनगिनत सालों से जल रही है?
कवि कहते है की हमारे जीवन का अंधेरा मिटाने स्वर्णमय युग आएगा और इसका शुरवात जब होगी तब यह निरंतर जलता हो रहेगा।
शब्दों के रूप
“कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा-सी”
‘अमावस’ का अर्थ है ‘अमावस्या’। इन दोनों शब्दों का अर्थ तो समान है लेकिन इनके
लिखने-बोलने में थोड़ा-सा अंतर है। ऐसे ही कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इनसे मिलते-जुलते दूसरे शब्द कविता से खोजकर लिखिए। ऐसे ही कुछ अन्य शब्द आपस में चर्चा करके खोजिए और लिखिए।
1.) दिया – दिये
2.) उजेला – उजेला
3.) अनगीन – अनगिनत
4.) सरित – सरिता
5.) यों – ऐसे
6.) स्वर्ण – सोना
अर्थ की बात
(क) “जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर”
इस पंक्ति में ‘चलो’ के स्थान पर ‘रहो’ शब्द रखकर पढ़िए। इस शब्द के बदलने से पंक्ति के अर्थ में क्या अंतर आ रहा है? अपने समूह में चर्चा कीजिए।
“जलाते रहो ये दिये स्नेह भर-भर”
“जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर” इसका अर्थ है की तुम एक ही दिया जलाकर रुक मत जाना। हमे स्नेह और प्रेम की भावना हमे सारे संसार में फैलानी है। इसीलिए हमे आगे बढ़ते रहना चाहिए।
“जलाते रहो ये दिये स्नेह भर-भर” इसका अर्थ है की हमे हमारे आसपास स्नेह और प्रेम के दिये जलाने है।
(ख) कविता में प्रत्येक शब्द का अपना विशेष महत्व होता है। यदि वे शब्द बदल दिए जाएँ तो कविता का अर्थ भी बदल सकता है और उसकी सुंदरता में भी अंतर आ सकता है। नीचे कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। पंक्तियों के सामने लगभग समान अर्थों वाले कुछ शब्द दिए गए हैं। आप उनमें से वह शब्द चुनिए, जो उस पंक्ति में सबसे उपयुक्त रहेगा-
1.) बहाते चलो ………………………… तुम वह निरंतर (नैया, नाव, नौका)
कभी तो तिमिर का …………………….. मिलेगा।। (तट, तीर, किनारा)
बहाते चलो नाव तुम वह निरंतर
कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा
2.) रहेग………………….. पर दिया एक भी यदि (धरा, धरती, भूमि)
कभी तो निशा को ……………….. मिलेगा। (प्रातः, सुबह, सवेरा)
रहेगा धरती पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा।
3.) जला दीप पहला तुम्हीं ने.) ………………… की (अंधकार, तिमिर, अँधेरे)
चुनौती ………………………. बार स्वीकार की थी। (प्रथम, अव्वल, पहली)
जला दीप पहला तुम्ही ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी।
प्रतीक
(क) “कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा”
निशा का अर्थ है- राता
सवेरा का अर्थ है- सुबह।
आपने अनुभव किया होगा कि कविता में इन दोनों शब्दों का प्रयोग ‘रात’ और ‘सुबह’ के लिए नहीं किया गया है। अपने समूह में चर्चा करके पता लगाइए कि ‘निशा’ और ‘सवेरा’ का इस कविता में क्या-क्या अर्थ हो सकता है।
(संकेत- निशा से जुड़ा है ‘अँधेरा’ और सवेरे से जुड़ा है ‘उजाला’)
(ख) कविता में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में मिलकर इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें उपयुक्त स्थान पर लिखिए।

(ग) अपने समूह में मिलकर ‘निशा’ और ‘सवेरा’ के लिए कुछ और शब्द सोचिए और लिखिए।
निशा – अंधेरा, अमावस, तिमिर, पूर्णिमा, दिये
सवेरा – ज्योति, उजेला, लौ,
सा/सी/से का प्रयोग
“घिरी आ रही है अमावस निशा-सी
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”
इन पंक्तियों में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खिंची है। इनमें ‘सी’ शब्द पर ध्यान दीजिए। यहाँ ‘सी’ शब्द समानता दिखाने के लिए प्रयोग किया गया है। ‘सा/सी/से’ का प्रयोग जब समानता दिखाने के लिए किया जाता है तो इनसे पहले योजक चिह्न (-) का प्रयोग किया जाता है। अब आप भी विभिन्न शब्दों के साथ ‘सा/सी/से’ का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से पाँच वाक्य अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
1.)राधा का अक्षर मोतियों – सा है।
2.) उसकी मुस्कान फूल – सी है।
3.) चांद – सी रोशनी बिखरी है पर्वत पर।
4.) किरण हवा – सा दौड़ता है।
5.) उसकी ऊंचाई ऊंट – सी है।
पाठ से आगे
आपकी बात
(क) “रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा” यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य समझ ले और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करे तो पूरी दुनिया सुंदर बन जाएगी। आप भी दूसरों के लिए प्रतिदिन बहुत-से अच्छे कार्य करते होंगे। अपने उन कार्यों के बारे में बताइए।
दिन में मां की मदद करना
नौकरी पर अपने सहपाठियों की मदद करना
आसपास के बच्चों को पढ़ाई में मदद करना
बूढ़े बुजुर्ग लोगों की मदद करना
(ख) इस कविता में निराश न होने, चुनौतियों का सामना करने और सबके सुख के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया है। यदि आपको अपने किसी मित्र को निराश न होने के लिए प्रेरित करना हो तो आप क्या करेंगे? क्या कहेंगे? अपने समूह में बताइए।
हम हमारे मित्र को समझाएंगे की जीवन सुख दुःख, हार जीत चलती ही रहती है। इससे हमे परेशान नहीं होना है। जो भी हुआ उससे तुमने सिख ले ली है। अब आगे के बारे में सोचो। तुम्हारी तकलीफ हमे बताओ। हम उस परेशानी का हल सोचेंगे। तुम्हे मदद भी करेंगे।
(ग) क्या आपको कभी किसी ने कोई कार्य करने के लिए प्रेरित किया है? कब? कैसे? उस घटना के बारे में बताइए।
मेरी मां ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह कहती हैं कि हमेशा आगे बढ़ना चाहिए। बीती हुई घटनाओं से कुछ सीखो और आगे बढ़ो। मुझे खेल की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना था। लेकिन मुझे डर भी बहुत लग रहा था। तब मेरी मां ही है जिसने मुझे प्रोत्साहित किया। उसने कहा की निराश मत होना हार, जीत तो चलता ही रहता है। लेकिन डर की वजह से खेल में शामिल ही ना होना यह गलत बात है। तुम हिस्सा लो और आज से खेल की तैयारी करनी शुरू करो।
तिथिपत्र
आपने तिथिपत्र (कैलेंडर) अवश्य देखा होगा। उसमें साल के सभी महीनों की तिथियों की जानकारी दी जाती है।
नीचे तिथिपत्र के एक महीने का पृष्ठ दिया गया है। इसे ध्यान से देखिए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) दिए गए महीने में कुल कितने दिन हैं?
दिए गए महीने में कुल इकतीस दिन हैं
(ख) पूर्णिमा और अमावस्या किस दिनाँक और वार को पड़ रही है?
पूर्णिमा 6 जनवरी और अमावस्या 21 जनवरी को पद रही है।
(ग) कृष्ण पक्ष की सप्तमी और शुक्ल पक्ष की सप्तमी में कितने दिनों का अंतर है?
कृष्ण पक्ष की सप्तमी और शुक्ल पक्ष की सप्तमी में पंद्रह दिनों का अंतर है।
(घ) इस महीने में कृष्ण पक्ष में कुल कितने दिन हैं?
इस महीने में कृष्ण पक्ष में कुल पंद्रह दिन हैं?
(ङ) ‘वसंत पंचमी’ की तिथि बताइए।
वसंत पंचमी’ की तिथि 26 जनवरी है।
आज की पहेली
समय साक्षी है कि जलते हुए दीप अनगिन तुम्हारे पवन ने बुझाए।
‘पवन’ शब्द का अर्थ है हवा।
नीचे एक अक्षर-जाल दिया गया है। इसमें ‘पवन’ के लिए उपयोग किए जाने वाले अलग-अलग नाम या शब्द छिपे हैं। आपको उन्हें खोजकर उन पर घेरा बनाना है, जैसा एक हमने पहले से बना दिया है। देखते हैं, आप कितने सही नाम या शब्द खोज पाते हैं।
मारूत
वात
समिर
वायु
पवन
Chapter 6 मेरी माँ