NCERT Class 9 Hindi Sparsh Bhaag 1 Sixteenth Chapter Naye Elake Mai Exercise Question Solution
नए इलाके में
(1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए —
(क) नए बसते इलाके में कवि रास्ता क्यों भूल जाता है ?
Ans :- नए बसते इलाके में कवि रास्ता भूल जाता है क्योंकि वहाँ पर प्रतिदिन नए मकान बनते चले जा रहे हैं। इन मकानों के बनने से पुराने पेड़, खाली ज़मीन, टूटे-फूटे घर सब कुछ खतम हो गए हैं। नए इलाके में नित्य नई इमारतें बनती जा रही हैं। इसलिए कवि रास्ता भूल जाता है।
(ख) कविता में कौन – कौन से पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है ?
Ans :- पीपल का पेड़, ढहा हुआ घर, ज़मीन का खाली टुकड़ा, बिना रंग वाले लोहे के फाटक वाला मकान।
(ग) कवि एक घर पीछे इस दो घर आगे क्यों चल है ?
Ans :- यहाँ रोज़ कुछ बन रहा है , रोज़ कुछ घट रहा है , यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं। इसलिए कवि एक घर पीछे इस दो घर आगे चल है।
(घ) ‘बसंत का गया पतझड़ ‘ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा ‘ से क्या अभिप्राय है ?
Ans :- वंसत का गया पतझड़ और बैसाख का गया भादों को लौटा से अर्थ है कि ऋतु परिवर्तन में समय लगता है। पहले जो परिवर्तन महीनों में होते थे, अब वह दिनों में हो जाते हैं और कवि तो काफी समय बाद आया है।
(ङ) कवि ने इस कविता में ‘ समय की कमी ‘ की ओर क्यों इशारा किया है ?
Ans :- कवि ने इस कविता में समय की कमी की ओर इशारा किया क्योंकि उसने अपना घर ढूँढ़ने में काफी समय बर्बाद कर दिया।समय का अभाव रहता है इसलिए किसी से आत्मीयता भी नहीं बना पाता है।
(च) इस कविता में कवि ने शहरों की किस विड़बना की ओर संकेत किया है ?
Ans :- इस कविता में कवि ने शहरों की इस विडंबना की ओर संकेत किया है कि जीवन की सहजता समाप्त होती जा रही है, बनावटी चीज़ों के प्रति लोगों का लगाव बढ़ता जा रहा है। लोगों की और रहने के स्थान की पहचान खोती जा रही है।आज की चीज़ कल पुरानी पड़ जाती है, कुछ भी स्थाई नहीं है।
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(2) व्याख्या कीजिए –
(क( यहाँ स्मृति भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुराणी पड़ जाती है दुनिया
(ख) समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा आकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर
योग्यता – विस्तार
पाठ में नहीं महीनों के कुछ नाम आए हैं। आप सभी हिंदी महीनों के नाम क्रम से लिखिए।
Ans:- चैत्र, बैशाख, जेठ, अषाढ़, सावन, भादो, क्वार, कार्तिक, अगहन, पूस, माघ, फागुन।
(2) खुशबु रचते हैं हाथ
(1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए —
(क) ‘खुशबु रचनेवाले हाथ ‘ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ – कहाँ रहते है ?
Ans :- खुशबु रचने वाले हाथ दूर दराज के सबसे गंदे और बदबूदार इलाकों में रहते हैं। इनके घर नालों के पास और गलियों के बीच होते हैं। इनके घरों के आस-पास कूड़े-करकट का ढेर होता है। ये सारी दुनिया की गंदगी के बीच रहते हैं जो अत्यन्त दयनीय है।
(ख) कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है ?
Ans :- उभरी नसों वाले हाथ, पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ, गंदे कटे-पिटे हाथ, घिसे नाखुनों वाले हाथ, जूही की डाल से खूशबूदार हाथ, जख्म से फटे हाथ।
(ग) कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबु रचते हैं हाथ ‘ ?
Ans :- कवि ने ऐसा इसलिए कहा कि गंदगी में जीवन-जीने वाले लोगों के हाथ खुशबूदार पदार्थों की रचना करते हैं। ये लोग दूसरों का जीवन खुशहाल बनाते हैं।
(घ) जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं , वहाँ का माहौल केसा होता है ?
Ans :- जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है, वहाँ का माहौल बड़ा ही गन्दा होता है। अगरबत्तियाँ गंदी बस्तियों में बनाई जाती हैं। ये बस्तियाँ अधिकतर गंदे नालों के किनारे पर स्थित होती हैं। यहाँ जगह-जगह कूड़े के ढेर व गन्दगी का राज होता है। चारों तरफ़ बदबू फैली होती है।
(ङ) इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
(2) व्याख्या कीजिए –
(क) (i) पीपल के पत्ते – से नए – नए हाथ
जूही की डाल – से खुशबूदार हाथ
(ii) दुनिया की सारी गंदगी के बिच
दुनिया की सारी खुशबु
रचते रचते हैं हाथ
(ख) कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन ‘ का प्रयोग अधिक किया है ? इसका क्या कारण है ?
Ans :- गलियों, नालों, नाखुनों, गंदे हाथ, अगरबत्तियाँ, मुहल्लों, गंदे लोग में बहुवचन का प्रयोग इसलिए किया गया है कि ऐसे लोग, स्थान, वस्तुएँ एक नहीं अनेकों हैं।
(ग) कवि ने हाथों के लिए कौन – कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है ?
Ans :- उभरी नसों वाले हाथ, गंदे नाखूनों वाले हाथ, पत्तों से नए हाथ, खुशबूदार हाथ, गंदे कटे पिटे हाथ, फटे हुए हाथ, खुशबू रचते हाथ
योग्यता – विस्तार
अगरबत्ती बनाना , माचिस बनाना , मोमबत्ति बनाना , लिफ़ाफ़े बनाना , पापड़ बनाना , मसाले कूटना आदि लघु उद्दोगों के विषय में जानकारी एकत्रित कीजिए।
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