NCERT Class 9 Hindi Sparsh Bhaag 1 Fourteenth Chapter Geet – Ageet Exercise Question Solution
गीत – अगीत
(1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए —
(क) नदी का किनारों से कुछ कहते हुए बह जाने पर गुलाब क्या सोच रहा है ? इससे संबधित पंक्तियों को लिखिए।
Ans :- “देते स्वर यदि मुझे विधाता,
अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जग को गीत सुनाता। ”
(ख) जब शुक गाता है , तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Ans :- जब शुक गाता है तब शुकी के हृदय प्रेम से फूल जाता है। शुकी शुक के प्रेम में मग्न हो जाती है। पर शुकी गीत गाकर उत्तर नहीं दे पाता।
(ग) प्रेमी जब गीत गाता है , तब प्रेमिका की क्या इच्छा होती है ?
Ans :- प्रेमी प्रेमभरा गीत गाता है तब उसकी प्रेमिका की यहा इच्छा होती है कि वह भी उस प्रेम गीत का हिस्सा बन जाए।
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(घ) प्रथम छंद में वर्णित प्रकृति – चित्रण को लिखिए।
(ङ) प्रकृति के साथ पशु – पक्षियों के संबंध की व्याख्या कीजिए।
(च) मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करती है ? अपने शब्दों में लिखिए।
(छ) सभी कुछ गीत है , अजित कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या ? स्पष्ट कीजिए।
(ज) ‘ गीत – अगीत ‘ के केंद्रीय भाव को लिखिए।
(2) संदर्भ – सहित व्याख्या कीजिए –
(क) अपने पतझर के सपनों का
में भी जग को गीत सुनाता
(ख) गाता शुक जब किरण वसंती
छूती अंग पर्ण से छनकर
(ग) हुई न क्यों में कड़ी गीत की बिधना यों मन में गुनती है
(3) निम्नलिखित उदाहरण में ‘वाक्य – विचलन ‘ को समझने का प्रयास कीजिए। इसी आधार पर प्रचलित वाक्य – विन्यास लिखिए
उदाहरण : तट पर एक गुलाब सोचता
एक गुलाब तट पर सोचता है।
(क) देते स्वर यदि मुझे विधाता
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(ख) बैठा शुक उस घनी डाल पर
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(ग) गूँज रहा शुक का स्वर वन में
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(घ) हुई न क्यों में कड़ी गीत की
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(ङ) शुकी बैठ अंडे है सेती
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Ans :- (क) देते स्वर यदि मुझे विधाता
यदि विधता मुझे स्वर देते।
(ख) बैठा शुक उस घनी डाल पर
उस धनी डाल पर शुक बैठा है।
(ग) गूँज रहा शुक का स्वर वन में
शुक का स्वर वन में गूँज रहा है।
(घ) हुई न क्यों में कड़ी गीत की
मैं गीत की कड़ी क्यों न हो सकी।
(ङ) शुकी बैठ अंडे है सेती
शुकी बैठ कर अंडे सेती है।
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