NCERT Class 9 Hindi Sparsh Bhaag 1 Fifteenth Chapter Agnipath Exercise Question Solution
अग्नि पथ
(1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए —
(क) कवि ने ‘अग्नि पथ ‘ किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है ?
Ans :- कवि ने ‘अग्नि पथ’ का प्रयोग मानव जीवन में आने वाली कठिनाइयों के प्रतीक स्वरूप किया है। कवि का मानना है कि यह जीवन कठिनाइयों, चुनौतियों और संकटों से भरा है।
(ख) ‘माँग मत ‘ , ‘कर शपथ’ , ‘लथपथ’ इन शब्दों का बार – बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहते है ?
Ans :- कवि का कहना है कि इस मुश्किल भरे रास्ते से घबराकर रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए, घबराकर हार नहीं माननी चाहिए।
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(ग) ‘एक पत्र – छाँह भी माँग मत ‘ इस पंक्ति का स्पष्ट कीजिए।
Ans :- ‘एक पत्र – छाँह भी माँग मत ‘ इस पंक्ति का आशय है कि मनुष्य अपनी प्रकृति के अनुसार माँगने लगता है और अपनी परिस्थितियों से घबराकर दूसरों की सहायता माँगने लगता है। इससे उसका आत्मविश्वास कम होने लगता है।
(2) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए –
(क) तू न थमेगा कभी
तू न मुड़ेगा कभी
Ans :- इसका अर्थ है कि मनुष्य के जीवन में कोई भी कठिनाए आए मनुष्य उस कठिनाइयों से डरना नहीं चाहिए, थमना नहीं चाहिए। निरंतर बिना रोके आगे बढ़ना चाहिए।
(ख) चल रहा मनुष्य है
अश्रु – स्वेद – रक्त से लथपथ , लथपथ , लथपथ
Ans :- घर्षमय जीवन में कई बार व्यक्ति को आँसू भी बहाने पड़ते हैं, थकने पर पसीने से तर भी हो जाता है। इससे शक्ति भी क्षीण हो जाती है परन्तु मनुष्य को किसी भी स्थिति में घबराकर उपने लक्ष्य से नहीं हटना चाहिए, लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना चाहिए।
(3) इस कविता का मूलभाव क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
योग्यता – विस्तार
‘जीवन संघर्ष का ही नाम है ‘ इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा का आयोजन कीजिए।
परियोजना कार्य
‘जीवन संघर्षमय है, इससे घबराकर थमता नहीं चाहिए ‘ इससे संबधित अन्य की कविताओं को एकत्र क्र एक एलबम बनाइए।
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