NCERT Class 8 Hindi Vasant Bhag 3 Tenth Chapter Jab Sinema Ne Bolana Sikha Exercise Question Solution
जब सिनेमा ने बोलना सीखा
पाठ से
(1) जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन-से वाक्य छापे गए? उस फिल्म में कितने चेहरे थे? स्पष्ट कीजिए।
Ans :- देश की पहली बोलती फिल्म के विज्ञापन के लिए छापे गए वाक्य इस प्रकार थे-
”वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत–प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इनसान जिंदा हो गए, उनको बोलते, बातें करते देखो।”
पाठ के आधार पर ‘आलम आरा’ में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे। परन्तु इसमें कुछ मुख्य कलाकार नायिका जुबैदा, नायक विट्ठल, सोहराब मोदी, पृथ्वीराज कपूर, याकूब और जगदीश सेठी जैसे लोग भी मौजूद थे।
(2) पहला बोलता सिनेमा बनाने के लिए फिल्मकार अर्देशिर एम. ईरानी को प्रेरणा कहाँ से मिली? उन्होंने आलम आरा फिल्म के लिए आधार कहाँ से लिया? विचार व्यक्त कीजिए।
Ans :- फिल्मकार अर्देशिर एम. ईरानी ने 1929 में हॉलीवुड की एक बोलती फिल्म ‘शो बोट‘ देखी और तभी उनके मन में बोलती फिल्म बनाने की इच्छा जगी। उन्होंने पारसी रंगमंच के एक लोकप्रिय नाटक को फिल्म ”आलम आरा” के लिए आधार बनाकर अपनी फिल्म की पटकथा बनाई।
(3) विट्ठल का चयन आलम आरा फिल्म के नायक के रूप हुआ लेकिन उन्हें हटाया क्यों गया? विट्ठल ने पुन: नायक होने के लिए क्या किया? विचार प्रकट कीजिए।
Ans :- पहले फिल्म के नायक के लिए विट्ठल का चयन किया गया। परन्तु इन्हें उर्दू बोलने में मुश्किलें आती थीं। इसी कमी के कारण उन्हें हटाकर उनकी जगह मेहबूब को नायक बना दिया गया। पुन: अपना हक पाने के लिए उन्होंने मुकदमा कर दिया। विट्ठल मुकदमा जीत गए और भारत की पहली बोलती फिल्म के नायक बनें।
(4) पहली सवाक् फिल्म के निर्माता-निदेशक अर्देशिर को जब सम्मानित किया गया तब सम्मानकर्ताओं ने उनके लिए क्या कहा था? अर्देशिर ने क्या कहा? और इस प्रसंग में लेखक ने क्या टिप्पणी की है? लिखिए।
Ans :- पहली सवाक् फिल्म के निर्माता-निर्देशक अर्देशिर को प्रदर्शन के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर सम्मानित किया गया और उन्हें ”भारतीय सवाक् फिल्मों का पिता” कहा गया तो उन्होंने उस मौके पर कहा था,- ”मुझे इतना बड़ा खिताब देने की जरूरत नहीं है। मैंने तो देश के लिए अपने हिस्से का जरूरी योगदान दिया है।” वे विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे उनसे एक नया युग शुरू हो गया।
पाठ से आगे
(1) मूक सिनेमा में संवाद नहीं होते, उसमें दैहिक अभिनय की प्रधानता होती है। पर, जब सिनेमा बोलने लगा उसमें अनेक परिवर्तन हुए। उन परिवर्तनों को अभिनेता, दर्शक और कुछ तकनीकी दृष्टि से पाठ का आधार लेकर खोजें, साथ ही अपनी कल्पना का भी सहयोग लें।
(2) डब फिल्में किसे कहते हैं? कभी-कभी डब फिल्मों में अभिनेता के मुँह खोलने और आवाज़ में अंतर आ जाता है। इसका कारण क्या हो सकता है?
अनुमान और कल्पना
(1) किसी मूक सिनेमा में बिना आवाज के ठहाकेदार हँसी कैसी दिखेगी ? अभिनय करके अनुभव कीजिए।
(2) मूक फिल्म देखने का एक उपाय यह है कि आप टेलीविजन की आवाज बंद करके फिल्म देखें। उसकी कहानी को समझने का प्रयास करें और अनुमान लगाएँ कि फिल्म में संवाद और दृश्य की हिस्सेदारी कितनी है ?
भाषा की बात
(1) सवाक् शब्द वाक् के पहले ‘स’ लगाने से बना है। स उपसर्ग से कई शब्द बनते हैं। निम्नलिखित शब्दों के साथ ‘स’ का उपसर्ग की भाँति प्रयोग करके शब्द बनाएँ और शब्दार्थ में होने वाले परिवर्तन को बताएँ। हित, परिवार, विनय, चित्रा, बल, सम्मान।
Ans :-
शब्द – उपसर्ग वाले शब्द
(i) हित – सहित
(ii) परिवार –सपरिवार
(iii) विनय – सविनय
(iv) चित्र – सचित्र
(v) बल – सबल
(vi) मान –सम्मान