NCERT Class 7 Hindi Fourteenth Chapter खानपान की बदलती तसवीर Exercise Question Solution

NCERT Class 7 Hindi Fourteenth Chapter Khanpan Ki Badalti Tasbir Exercise Question Solution

खानपान की बदलती तसवीर

निबंध से

(1) खानपान की मिश्रित संस्कृति से लेखक का क्या मतलब है ? अपने घर के उदाहरण देकर इसकी व्याख्या करें ?

(2) खानपान में बदलाव के कौन से फ़ायदे हैं ? फिर लेखक इस बदलाव  को लेकर चिंतित क्यों है ?

Ans :- खानपान में बदलाव से –

(i) हमारी रूचि बनी रहती है। हमें अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों को खाने का मज़ा मिलता है।

(ii) इससे भारत की एकता बनी रहती है।

(iii) समय की बचत होती है।

(iv) इसमे परिश्रम भी कम लगता है।

खानपान के इस बदलाव से स्थानीय व्यंजनों का अस्तित्व खतरें में है, उनकी लोकप्रियता कम हो रही है तथा यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक नहीं है। लेखक की चिंता का यही मूल कारण है।

(3) खानपान के मामले में स्थानीयता का क्या अर्थ है ?

Ans :- यहाँ स्थानीयता का अर्थ किसी विशेष प्रांत के लोकप्रिय व्यंजन से है। जैसे- बम्बई की पाव-भाजी, दिल्ली के छोले कुलछे, मथुरा के पेड़े और आगरा के पेठे, नमकीन आदि। लेकिन खानपान के बदलते नए रूप के कारण अब इनकी लोकप्रियता कम होती जा रही है।

निबंध से आगे

(1) घर में बातचीत करके पता कीजिए कि आपके घर में क्या चीज़ें पकती हैं और क्या चीज़ें बनी – बनाई बाज़ार से आती हैं ? इणमें से बाजार से आनेवाली कौन सी चीज़ें  आपके माँ – पिता जी के बचपन में घर में बनती थीं ?

(2) यहाँ खाने, पकाने और स्वाद से संबंधित कुछ शब्द दिए गए हैं।  इन्हें ध्यान से देखिए और इनका वर्गीकरण कीजिए –

उबलता , तलना , भूनना , सेंकना , दाल , भात , रोटी , पापड़ , आलू , बैंगन , खट्टा , मीठा , तीखा , नमकीन , कसैला

भोजन    कैसे पकाया     स्वाद

दाल       उबालना      नमकीन

भात       उबालना      मीठा

रोटी       सेंकना       मीठा

पापड़      तलना       नमकीन

आलू      उबालना      मीठा

बैंगन     भूनना        नमकीन

(3) छौंक    चावल      कढ़ी

इन शब्दों में अंतर है ? समझाइए। इन्हें बनाने के तरिके विभिन्न प्रांतों में अलग – अलग हैं।  पता करें कि आपके प्रांत में इन्हें कैसे बनाया जाता है।

(4) पिछली शताब्दी में खानपान की बदलती हुई तसवीर का खाका खींचें तो इस प्रकार होगा –

सन साठ का दशक – छोले – भटूरे

सन सत्तर का दशक – इडली , डोसा

सन अस्सी का दशक – तिब्बती (चीनी) भोजन

सन नब्बे का दशक – पिज़ा , पाव – भाजी

इसी प्रकार आप कुछ कपड़ों या पोशाकों की बदलती तसवीर का खाका खींचिए।

Ans :- सन्‌ साठ का दशक – साड़ी, सलवार कुर्त्ता

सन्‌ सत्तर का दशक – टाइट कपड़े

सन्‌ अस्सी का दशक – पैन्ट, शर्ट, सूट

सन्‌ नब्बे का दशक – जींस, टॉप

  1. मान लीजिए कि आपके घर कोई मेहमान आ रहे हैं जो आपके प्रांत का पारंपरिक भोजन करना चाहते हैं। उन्हें खिलाने के लिए घर के लोगों की मदद से एक व्यंजन – सूची (मेन्यू) बनाइए।

अनुमान और कल्पना

(1) ‘फ़ास्ट फ़ूड’ यानि तुरंत भोजन के नफ़े – नुकसान पर कक्षा में वाद – विवाद करें।

(2) हर शहर, कस्बे में कुछ ऐसी जगहें होती हैं जो अपने किसी खास व्यंजन के लिए जानी जाती हैं। आप अपने शहर, कस्बे का नक्शा बनाकर उसमें ऐसी सभी जगहों को दर्शाइए।

(3) खानपान के मामले में शुध्दता का मसला काफ़ी पुराना है। आपने अपने अनुभव में इस तरह की मिलावट को देखा है? किसी फ़िल्म या अखबारी खबर के हवाले से खानपान में होनेवाली मिलावट के नुकसानों की चर्चा कीजिए।

भाषा की बात

(1) खानपान शब्द, खान और पान दो शब्दों को जोड़कर बना है। खानपान शब्द में और छिपा हुआ है। जिन शब्दों के योग में और, अथवा, या जैसे योजक शब्द छिपे हों, उन्हें द्वंद्व समास कहते हैं। नीचे द्वंद्व समास के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। इनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए और अर्थ समझिए

सीना-पिरोना     भला-बुरा      चलना-फिरना

लंबा-चौड़ा       कहा-सुनी      घास-फूस

Ans :- (i) सीना – पिरोना – सीने–पिरोने की कला बहुत कठिन होती है।

(ii) भला–बुरा – गुस्से में मैंनें उसे बहुत भला–बुरा कह दिया।

(iii) चलना–फिरना – बीमारी के कारण अब चलना–फिरना बंद हो गया है।

(iv) लंबा–चौड़ा – नदी के पास वाला इलाका बहुत लम्बा–चौड़ा है।

(v) कहा–सुनी – दोनों दोस्तों में कहा–सुनी हो जाने से बात-चीत बंद है।

(vi) घास–फूस – शाकाहारी जानवर ज़्यादातर घास–फूस खाते हैं।

(2) कई बार एक शब्द सुनने या पढ़ने पर कोई और शब्द याद आ जाता है। आइए शब्दों की ऐसी कड़ी बनाएँ। नीचे शुरुआत की गई है। उसे आप आगे बढ़ाइए।

कक्षा में मौखिक सामूहिक गतिविधि के रूप में भी इसे दिया जा सकता है-

इडली–दक्षिण–केरल–ओणम्‌–त्योहार–छुट्ठी–आराम…

कुछ करने को

उन विज्ञापनों को इकट्ठा कीजिए जो हाल ही के ठंडे पेय पदार्थो से जुड़े हैं।  उनमें स्वास्थ और सफ़ाई पर दिए गए ब्योरों को छाँटकर देखें कि हकीकत क्या है ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *