NCERT Class 10 Hindi Kritika Bhag II First Chapter माता का आँचल Exercise Question Solution

NCERT Class 10 Hindi Kritika Bhag II First Chapter Maata Ka Anchal Exercise Question Solution

माता का आँचल

(1) प्रस्तुत पाठ आधार पर यह खा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था , फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण  लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है ?

Ans :- माँ के आँचल में बच्चा स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था पर जब उस पर विपदा आई तो उसे जो शांति व प्रेम की छाया अपनी माँ की गोद में जाकर मिली वह शायद उसे पिता से प्राप्त नहीं हो पाती। माता से बच्चे का ममत्व का रिश्ता होता है। इसलिए लेखक ने पिता पुत्र के प्रेम को दर्शाते हुए भी इस कहानी का नाम माँ का आँचल रखा है।

(2) आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों देखकर सिसकना क्यों हल जाता है ?

Ans :- भोलनाथ को अपने मित्र मंडली के साथ क्रीड़ा करना अच्छा लगता है। क्रीड़ा करते समय वह सबकुछ भूल जाता हे। गुरू जी द्वारा गुस्सा करने पर वह अपने पिता की गोद में रोने लगता है। परन्तु  वह अपने मित्रों को क्रीड़ा करते देखकर खुद को रोक नहीं पाता। खेल की क्रीड़ा के आगे मार की पीड़ा कुछ नहीं लगती। इसलिए रोना भुलकर वह दुबारा अपनी मित्र मंडली में क्रीड़ा का मजा उठाने लगता है।

 

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(3) आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब – तब खेलते – खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं।आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए।

(4) भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है ?

Ans :- भोलानाथ व उसके साथी खेल के लिए आँगन व खेतों पर पड़ी चीजों को ही अपने खेल का आधार बनाते हैं। उनके लिए मिट्टी के बर्तन, पत्थर, पेड़ों के पत्ते, गीली मिट्टी, घर के समान आदि वस्तुए होती थी जिनसे वह खेलते व खुश होते। परन्तु हमारे खेलने के लिए आज क्रिकेट का सामान, भिन्न−भिन्न तरह के वीडियो गेम व कम्प्यूटर गेम आदि बहुत सी चीज़ें हैं जो इनकी तुलना में बहुत अलग हैं।

(5) पाठ में आए ऐसे प्रसंगों का वर्णन कीजिए जो आपको दिल को छू गए हों ?

Ans :- (1) भोलनाथ जब अपने पिता की गोद में बैठा हुआ आईने में अपने प्रतिबिम्ब को देखकर खुश होता रहता है। वहीं पिता द्वारा रामायण पाठ छोड़कर देखने पर लजाकर व मुस्कुराकर आईना रख देना। उसका शर्माकर आईना रखना बहुत ही सुन्दर वर्णन है।

(2) बच्चों द्वारा बारात का स्वांग रचते हुए दुल्हन को लिवा लाना व पिता द्वारा दुल्हन का घुघंट उटाने पर सब बच्चों का भाग जाना, तो दूसरी और उनकी नाटकीयता, स्वांग उनका बचपना।

(3) बच्चे का अपने पिता के साथ कुश्ती लड़ना।बच्चे का अपने पिता की मूंछ खींचना और पिता का इसमें प्रसन्न होना बड़ा ही आनन्दमयी प्रसंग है।

(6) इस उपन्यास अंश में तिस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का चित्रण है। आज की ग्रामीण संस्कृति में आपको किस तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं।

(7) पाठ पढ़ते – पढ़ते आपको भी अपने माता – पिता का लाड़ – प्यार यद् आ रहा होगा। अपनी इन भावनाओं को डायरी में अंकित कीजिए।

(8) यहाँ माता – पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य व्यक्त हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

(9) माता का अँचल शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए कोई अन्य शीर्षक सुझाइए।

(10) बच्चे माता – पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं ?

(11) इस पाठ में बच्चों की दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है ?

(12) फणीश्वरनाथ रेणु और नागार्जुन की आंचलिक रचनाओं को पढ़िए।

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