Haryana Board Class 8 History Chapter 1 मुगल सम्राट एवं उनका प्रारंभिक प्रतिरोध Solution

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Haryana State Board Class 8 History Chapter 1 मुगल सम्राट एवं उनका प्रारंभिक प्रतिरोध Solution:

पाठ 1। मुगल सम्राट एवं उनका प्रारंभिक प्रतिरोध।

 प्रश्न एक रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

1.हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप को भील

सरदार  ………. ने सहायता दी थी।

उत्तर राणा पूंजा।

 

2.दुर्गावती ……..की रानी थी ।

उत्तर गोंडवाना।

 

3.महाराणा प्रताप ने ………… को अपनी राजधानी बनाया।

उत्तर चावंड।

 

4.मुगल ……….से भारत आए थे ।

उत्तर मध्य एशिया।

 

5.राजस्थान के प्रसिद्ध सिसोदिया वंश की स्थापना ……….   ने की थी ।

उत्तर बप्पा रावल।

 

 प्रश्न 2 उचित मिलान करें।

1.दिल्ली का अंतिम हिंदू सम्राट      क) राणा सांगा 2.कालिंजर का किला                 ख)औरंगजेब

3.जजिया कर                         ग)रानी दुर्गावती

4.खानवा का युद्ध                     घ)हेमचंद्र विक्रमादित्य

उत्तर:1.  घ    2.  ग     3.  ख     4.   क

 

 प्रश्न 3 आओ विचार करें।

1.) हेमचंद्र विक्रमादित्य के विषय में टिप्पणी लिखें।

उत्तर: हेमचंद्र विक्रमादित्य मुस्लिम शासन के पश्चात एकमात्र अंतिम हिंदू शासक है जो दिल्ली के सिंहासन पर बैठे थे। उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। पहले वे प्रधानमंत्री और बाद में सेनापति के पद पर नियुक्त किए गए। उन्होंने अपने जीवन में 22 युद्ध जीते। हेमचंद्र विक्रमादित्य पानीपत की दूसरी लड़ाई के प्रमुख नायक थे। हेमचंद्र विक्रमादित्य ने लगातार युद्ध जीतने के कारण उनको विक्रमादित्य की उपाधि भी दी गई थी। हेमचंद्र ने गवर्नर दर्दी खान पर्व को परास्त कर दिल्ली पर जीत हासिल की थी। अकबर के साथ लड़ते-लड़ते उनकी बाईं आंख पर तिर लग गया और वे उस युद्ध में हार गए अकबर ने उन्हें बंदी बना कर लाया और उनका सिर धड़ से अलग कर दिया ।

 

2.) हल्दीघाटी युद्ध का विस्तृत वर्णन कीजिए।

उत्तर:  अकबर और मेवाड़ पर आक्रमण करना चाहता था इसीलिए  उसने मान सिंह व राणा के विद्रोही भाई शक्ति सिंह को मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए भेजा। इधर महाराणा प्रताप ने भी अपनी सेना को  लेकर हल्दीघाटी पहुंचा   ।महाराणा प्रताप की सेना में भामाशाह झाला मान, भील सरदार राणा पूंजा ,भीम सिंह डोडिया, रामदास मेड़तिया, रावत किशनदास यह लोग शामिल थे।  चंदावल की घाटी में मुहाने पर भील लोग तीर कमान के साथ मौजूद थे । उनके सेना में अफगान बादशहा शेरशाह सूरी का वंशज हकीम खां सूरी भी था। हकीम खां सूरी को प्रताप ने मेवाड़ का सेनापति बनाया था। महाराणा प्रताप की सेना का आक्रमण इतना तीव्र था कि मुगल सैनिकों ने भागकर अपनी जान बचाई। महाराणा प्रताप ने मानसिंह पर अपने भाले से वार किया लेकिन संयोग से वह बच गया। वह उसका हाथी लेकर वहां से भाग खड़ा हुआ। महाराणा प्रताप को दुश्मनों ने चारों ओर से घेर लिया था फिर भी वह डरे नहीं। झाला मान ने मुगल सेना को रोके रखने में अपना जीवन का बलिदान दे दिया। युद्ध के समय महाराणा प्रताप ने युद्ध की दिशा को मैदानों की बजाय पहाड़ों की तरफ मोड़ने का प्रयास किया । उनके पीछे दो मुगल सरदार भी जा रहे थे परंतु शक्ति सिंह ने उन दोनों को मार दिया। इसे युद्ध में मुगल सैनिकों का मनोबल बहुत टूट चुका था । उनमें इस युद्ध में महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक ने भी अपना दम तोड़ दिया था। हल्दीघाटी का युद्ध भारतीय इतिहास की एक अमर गाथा है।

 

3.) दुर्गावती के प्रतिरोध का वर्णन कीजिए।

उत्तर:  मुगल शासक उत्तर भारत में अत्याचार कर रहे थे हैं और उनके दृष्टि गोंडवाना पर भी पड़ी। अकबर को गोंडवाना की रानी दुर्गावती के खिलाफ आजम खान ने उकसाया और फिर अब अकबर ने गोंडवाना पर आक्रमण के आदेश दे दिए। मुगलों की सेना अधिक थी इस वजह से रानी दुर्गावती का इस युद्ध में पराजित हो गयी।  पराजित होने के बाद अपने सम्मान की रक्षा करने के लिए उसने अपने पेट में छुरा घोंप दिया। मुगल सैनिकों ने वहां पर बड़ी मात्रा में लूट मचा दी थी।

 

4.) महाराणा प्रताप के जीवन पर एक निबंध लिखिए।

उत्तर: कुंभलगढ़ राजस्थान में महाराणा उदय सिंह और जयवंता बाई सोनगरा के बेटे महाराणा प्रताप इनका जन्म 9 मई 1540 इ. हुआ। सिसोदिया वंश के सबसे प्रसिद्ध राजा महाराणा प्रताप थे।वह मान सम्मान और स्वाधीनता को दौलत और धन से ज्यादा महत्व देते थे। 32 वर्ष की आयु में अपने पिता की मृत्यु के बाद वह राजा बने। महाराणा प्रताप मुगलों की योजना समझ गए थे इसलिए उन्होंने अन्य राजपूत सरदारों जैसे मुगलों से दोस्ती नहीं की। अकबर मेवाड़ पर अधिकार करना चाहता था। अकबर के लिए सबसे बड़ी चुनौती महाराणा प्रताप को रास्ते से हटाना था। हल्दीघाटी मे घमासान युद्ध के बाद अकबर की सेना जान बचाकर भागने लगी।इस युद्ध को हम हल्दीघाटी के युद्ध के नाम से जानते हैं।

 

5.) मोहन सिंह मंडार का मुगलों से संघर्ष पर एक नोट लिखिए।

उत्तर: हरियाणा के कैथल जिले में मोहन सिंह रहते थे। उनके गांव को घेरने वाले बाबर के सैनिकों को मोहन सिंह मंडार ने भारी क्षति पहुंचाए। सिपेहसालर तरसम बहादुर और औरंगजेब को बाबर ने उस गांव मैं भेजा। उनकी सेना ने तीन हिस्सों में गांव पर आक्रमण किया। ग्रामीण एक तरफ युद्ध कर रहे थे तब दूसरी तरफ गांव को जलाया गया मोहन सिंह गांव को जलता देख उधर जाने लगे तो उन्हें पकड़कर उन पर मौत का फरमान सुना दिया गया।

 

6.) हकीम खान सूर एवं हसन खान मेवाती के मुगलों के विरुद्ध प्रतिरोध में क्या भूमिका थी?

उत्तर:  हल्दीघाटी के युद्ध में मुगलों के खिलाफ हकीम खां सुर  महाराणा प्रताप के साथ लढते रहा। प्रताप ने उन्हें मेवाड़ का सेनापति बनाया था। वह मेवाड़ के सरकार के प्रमुख थे और इस युद्ध में आगे वाली पंक्ति का नेतृत्व कर रहे थे। राणा सांगा के साथ उन्होंने बाबर से युद्ध किया। इस युद्ध में बाबर ने देहात का सहारा लेकर जीत गया। राणा सांगा ने दोबारा युद्ध करने के लिए सेना में अन्य राजाओं को भी शामिल किया। हसन खान मेवाती और अन्य राजाओं से मिलकर मुगलों को बुरी तरह उखाड़ दिया। जिससे मुगल दोबारा आक्रमण करने का साहस भी नहीं जुटा पाए।

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Updated: March 18, 2023 — 3:14 pm

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