Haryana Board Class 6 History Chapter 9 गुप्तकाल शासन समाज संस्कृति Solution

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Haryana State Board Class 6 History Chapter 9 गुप्तकाल शासन समाज संस्कृति Solution:

Haryana Board Class 6 History Chapter 9 गुप्तकाल शासन समाज संस्कृति Solution

अध्याय 9 गुप्तकाल शासन समाज संस्कृति।

 

 प्रश्न 1। सही उत्तर चुने।

1.) _______ और वनस्पति विज्ञान के विषय में वराह मिहिर ने बहुत कुछ स्पष्ट किया।

क.भूगोल      ख. इतिहास      ग.अश्वशास्त्र    घ. अर्थशास्त्र

उत्तर :भूगोल

 

2.) सुल्तानगंज तथा सारनाथ में ______ की भगवान बुद्ध की प्रतिमा है ।

क.लोहा        ख. पत्थर         ग. तांबा      घ. सोना

उत्तर :तांबा

 

3.) नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त सम्राट_______ ने की थी।

क.कुमारगुप्त  ख. स्कंदगुप्त   ग. चंद्रगुप्त  घ.समुद्रगुप्त उत्तर: कुमार गुप्ता

 

4.) ______ की पहाड़ी में वैष्णव और श्वेत मत की गुफाओं में अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई गई है।

क. नालंदा   ख.अजंता   ग. एलोरा   घ. उदयगिरि

उत्तर: उदयगिरि

 

5.) राज्य की आय का मुख्य साधन भूमि कर था जो उपज का एक ______ होता था।

क. 1/2    ख. 1/4     ग.1/5      घ.1/6

उत्तर: 1/6

 

 प्रश्न 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

1.) प्रशासन में कुशलता लाने के लिए राजाओं ने अपने राज्य को विभिन्न प्रांतों में बांटा हुआ था जिन्हें _____कहते थथे।

उत्तर :भुक्ति

 

2.) चीनी यात्री ____ गुप्त काल के सामाजिक जीवन की प्रशंसा करता है।

उत्तर :फाह्यान

 

3.) निम्न जाति के व्यक्ति द्वारा उच्च जाति की स्त्री से विवाह को ______ विवाह कहते थे।

उत्तर :प्रतिलोम

 

4.) ____ व _____  जैसे विश्वविद्यालय बौद्धिक शिक्षा के प्रमुख केंद्र है।  

उत्तर:नालंदा, वल्लभी

 

5.) गुप्त काल में चित्रकला के प्रमाण ____, ___&_____आदि की गुफाओं में बने चित्र है।

उत्तर: अजंता ,एलोरा, बाघ

 

प्रश्न 3 निम्नलिखित कथनों में सही(√) अथवा गलत(×) का निशान लगाएं।

1.) गुप्त काल में शिक्षा को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। 

उत्तर: (×)

 

2.) साहित्य क्षेत्र में कालिदास इस काल के महान साहित्यकार थे।

उत्तर: (√)

 

3.) आर्यभट्ट ने पृथ्वी को गोल बताया।

उत्तर: (√)

 

4.) गुप्त काल में जो शिक्षक के मिलते हैं जींस पर शासकों के नाम पाली भाषा में लिखे होते थे।

उत्तर: (×)

 

5.) हिंदू सनातन संस्कृति और बौद्ध धर्म की भांति चयन मत में  तीर्थंकरों की मूर्तियों की पूजा मंदिरों में नहीं होती थी।

उत्तर:(×)

 

प्रश्न 4 लघु प्रश्नों के उत्तर दें।

1.) जैन धर्म की दो मुख्य शाखाएं कौन सी है?

उत्तर : जैन धर्म की दो मुख्य शाखाएं श्वेतांबर और दिगंबर है। श्वेतांबर के अनुयाई श्वेत वस्त्र धारण करते हैं और दिगंबर शाखा के अनुयाई निर्वस्त्र रहते हैं।

 

2.) कालिदास की प्रमुख रचनाएं कौन सी है?

उत्तर: ऋतुसंहार, रघुवंश, मेघदूत, कुमारसंभव, अभिज्ञानशाकुंतलम्, मालविकाग्निमित्र यह कालिदास की प्रमुख रचनाएं थी।

 

3.) गुप्त काल में शिक्षा के प्रमुख केंद्र कौन से थे?

उत्तर: गुप्त काल में नालंदा और उदयगिरी विश्वविद्यालय प्रमुख थे। इनके अतिरिक्त वल्लभी, पाटलिपुत्र ,बनारस, मथुरा, उज्जैन, सारनाथ  स्थान के शिक्षा के प्रमुख केंद्र है।

 

4.) गुप्त काल में कौन से क्षेत्र में खोज हुई और ग्रंथ लिखे गए?

उत्तर:  गुप्त काल में विज्ञान के क्षेत्र में और विशेष गणित ज्योतिष तथा चिकित्सा  के विषय में खोज हुई और वैज्ञानिक आर्यभट्टा,वराहमीहीर तथा ब्रह्मगुप्त के द्वारा ग्रंथ लिखे गए ।

 

5.) गुप्तकाल में मनोरंजन के साधन क्या थे?

उत्तर:  गुप्त काल में मनोरंजन के लिए संगीत जिसमें गाना बजाना, नाचना प्रचलन में थे। चौपड़ और शतरंज के खेल भी थे और पशुओं की लड़ाई, रथ  दौड़,  शिकार से भी मनोरंजन किया जाता था। नाटक, खेल ,तमाशे भी मनोरंजन के प्रमुख साधन थे।

 

प्रश्न 5 आइए विचार करें

1.) गुप्त काल में वर्ण व्यवस्था कैसे थे?

उत्तर: गुप्त काल में समाज में चार वर्ण थे। ब्राह्मण ,क्षत्रिय, वैश्य ,शूद्र। ब्राह्मणों के कार्य यज्ञ करना, पढाना,तथा दान लेना और दान देना था। साम्राज्य और समाज की सुरक्षा करना क्षत्रियों का कार्य था। कृषि का कार्यभार और व्यापारिक कार्य वैश्य किया करते थे। जिन्हें श्रेष्ठी, वनिक वह सार्थवाह भी कहा जाता था। मिट्टी, लकड़ी ,चमड़े तथा धातु की वस्तुएं बनाना और कृषि के कार्य में भी सहायता करना शुद्र के कार्य माने जाते थे। आपातकाल में चारों वर्ण एक दूसरे के कार्य भी करते थे। उस काल में एक अन्य जाति का भी उल्लेख मिलता है जिसे  अंत्यज (चांडाल) जाति कहा जाता है। यह जाति जंगल में जानवरों के शिकार ,श्मशान घाट की रखवाली करने का कार्य करते थे। इसीलिए इन्हें समाज से बाहर रहना पड़ता था।

 

2.) गुप्त काल में स्त्री और पुरुषों के आभूषण कैसे थे?

उत्तर: गुप्त काल में सामान्य कपड़े सूती है और रेशम कपड़े से बनते थे। पुरुष धोती कुर्ता और पगड़ी धारण करते थे। विदेशी जातियों के प्रभाव से कोट पैजामा का भी प्रयोग होने लगा था। स्त्रियाँ शरीर को ढकने के लिए साड़ी का उपयोग करते थे।  उस समय स्त्री और पुरुष दोनों आभूषणों के। शौकीन थे। स्त्रियों के लिए बालियां मालाए हार हाथों में कंगन चूड़ियां पैरों में पायल आदि आभूषण बनते थे। गले में विभिन्न माला है हाथों में कड़े और अंगूठी पहनने का चलन था। स्त्री और पुरुषों के बाल बनाने केके तरीके भी कई थे ।

 

3.) गुप्त काल में व्यापार किस तरह होता था?

उत्तर: गुप्त काल में व्यापार काफी उन्नत हो गया था। आंतरिक व्यापार और बाह्य व्यापार दोनों चलन में थे। व्यापार के लिए स्थल मार्ग और जलमार्ग का उपयोग होता था। पाटलिपुत्र ,मथुरा ,कौशांबी, वैशाली ,विदिशा ,उज्जैनी, पैठण भरुकछ इत्यादि नदियों के किनारे प्रमुख नगर स्थित है जिन से जल व्यापार होता था। अरब, ईरान ,मिस्र ,रोम, चीन, पूर्वद्वीप समूह तथा यूरोपियन और अफ्रीकी देश व्यापार में प्रमुख थे। व्यापारी और शिल्पी अपने अपने संघ होते थे।

 

4.) गुप्त काल में सैन्य प्रबंध कैसे होता था?

उत्तर: गुप्त शासनकाल में सेना चार भागों में विभाजित की थी थल सेना ,घुड़सवार सेना, रथ सेना और हाथी सेना। राजा प्रधान सेनापति होता था। सेना के मुखिया को महाबालअधिकृत कहते थे। हाथी सेना महापीलपति व घुड़सेना महाअश्वपति के अधीन थी। गुप्त काल में सैनिकों को नकत वेतन मिलता था। परंतु बाद में वेतन के बदले भू- क्षेत्र दिए जाने लगे। गुप्त काल में गुप्त शासकों ने शक्तिशाली सेना तैयार करके साम्राज्य विस्तार किया।

 

5.) गणित ज्योतिष तथा चिकित्सा में कौन सी खोज हुई और कौन-कौन से वैज्ञानिकों ने   ग्रंथ लिखे?

उत्तर:  गुप्त काल में वैज्ञानिक उन्नति भी चरम पर थी। विज्ञान के क्षेत्र में विशेष गणित, ज्योतिष ,चिकित्सा में कई खोजें हुई। महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट, वराहमीहीर तथा ब्रह्मगुप्त आदि होने ग्रंथ भी लिखें। शून्य और दशमलव प्रणाली का खोज आर्यभट्ट ने की। बीजगणित ,पाई का शुद्ध मान, अक्षरों द्वारा लिखने की प्रथा, अंको का स्थानीय मान खोजना यह कार्य आर्यभट्ट ने किये । गणित , बीजगणित और रेखागणित के अनेक सिद्धांत ब्रह्मा गुप्ता ने बनाएं। गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत भी ब्रह्मा गुप्ता ने दिया। आर्यभट्ट ने पृथ्वी को गोल बताया। वृहत्संहिता  तथा ज्योतिष का ग्रंथ तक वराहमीर ने लिखा। भूगोल और वनस्पति विज्ञान के बारे में वहां वराहमीर ने बहुत कुछ स्पष्ट किया। चरक तथा सुश्रुत ने चिकित्सा में अपने संहिता है लिखिए। अष्टांग संग्रह की रचना वाग्भट ने की।

 

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Updated: November 11, 2022 — 1:36 pm

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