Haryana Board Class 6 History Chapter 8 गुप्त काल विजयनगर राज्य विस्तार Solution

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Haryana State Board Class 6 History Chapter 8 गुप्त काल विजयनगर राज्य विस्तार Solution:

Haryana Board Class 6 History Chapter 8 गुप्त काल विजयनगर राज्य विस्तार Solution

अध्याय 8 गुप्त काल विजयनगर राज्य विस्तार।

 

 प्रश्न 1। सही उत्तर छोटे।

1.) _______साम्राज्य के विघटन के पश्चात  कुषाण और सातवाहनों का साम्राज्य स्थापित हो गया।

क.गुप्ता          ख. मौर्य          ग. कुषाण        घ. शक

उत्तर :मौर्य

 

2.) ______ की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र घटोत्कच ने शासन किया।

क. समुद्रगुप्त     ख.चंद्रगुप्त   ग. कुमारगुप्त  घ.श्रीगुप्त

उत्तर: श्रीगुप्त

 

3.) चंद्रगुप्त प्रथम ने अपने जीवन काल में ही कुमार देवी के पुत्र ________ को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया।

क. बुद्धगुप्त  ख.चंद्रगुप्त  ग.कुमारगुप्त   घ.समुद्रगुप्त

उत्तर :समुद्रगुप्त

 

4.) समुद्रगुप्त ने चक्रवर्ती सम्राट बनने के उद्देश्य से_______ किया।

क. वाजपेई यज्ञ  ख.राजस्व यज्ञ  ग.अश्वमेध यज्ञ  घ.आग्निष्टोम यज्ञ

उत्तर :अश्वमेध यज्ञ

 

5.) _____ यात्री फाह्यान भारत के संबंध में ‘ फो- कुओ- की’ की नामक ग्रंथ लिखा।

क.चीनी    ख.जापानी   ग.ईरानी    घ. अफगानी

उत्तर: चीनी

 

 प्रश्न 2। रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

 

1.)समुद्र गुप्ता ने अपने शासनकाल में सौराष्ट्र में चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा बनवाई गई _______ की मरम्मत करवाई।

उत्तर:सुदर्शन झील

 

2.) _______जैसे महान कवि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार की शोभा बढ़ाते थे।

उत्तर :कालिदास।

 

3.) ________ने दर्शन धर्म और राजनीति शास्त्र का गहन अध्ययन किया था।

उत्तर: समुद्रगुप्त

 

4.) चंद्रगुप्त द्वितीय को विक्रमादित्य तथा _____ की उपाधि भी दी गई थी।

उत्तर :शकारी

 

5.) विजय अभियान में _______ने 12 शासकों को पराजित किया।

उत्तर:  समुद्रगुप्त

 

प्रश्न 3 उचित मिलान करें।

1.) महेंद्र गिरी                  क.कुंतलपुर

2.) उग्रसेन                      ख. कांची

3.) धनंजय                      ग. पिष्टपुर

4.) स्वामी दत्ता                 घ.पल्लक

5.) विष्णुगोप                   च. कोट्टर

उत्तर:1. ग,  2. घ, 3. क, 4.च,  5.  ख

 

 प्रश्न 4 लघु प्रश्न के उत्तर दीजिए।

1.) गुप्त वंश के प्रमुख शासक कौन थे?

उत्तर:गुप्त वंश के प्रमुख शासक चंद्रगुप्त प्रथम ,समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त विक्रमादित्य, कुमार गुप्त ,स्कंद गुप्त, बुद्धगुप्त आदि थे।

 

2.)  समुद्रगुप्त ने दक्षिण भारत के जीते हुए राज्यों को। उन्हें वापस क्यों कर दिया?

उत्तर: समुद्रगुप्त की अधीनता स्वीकार करने के पश्चात दक्षिण भारत के राजाओं को उनके राज्य वापस कर दिए गए क्योंकि आधुनिक संचार संसाधनों के अभाव के कारण प्रत्यक्ष शासन संभव नहीं था।

 

3.)  चंद्रगुप्त द्वितीय ने साम्राज्य विस्तार के लिए क्या कदम उठाए?

उत्तर: चंद्रगुप्त द्वितीय ने विभिन्न शासकों से वैवाहिक संबंध स्थापित करके अपनी स्थिति को सुदृढ़ की और उन्होंने साम्राज्य विस्तार के लिए अनेक युद्ध भी किये।

 

4.) चंद्रगुप्त विक्रमादित्य कौन सी उपाधि दी गई थी?

उत्तर:चंद्रगुप्त विक्रमादित्य को सिंह विक्रम ,सिंह चंद्र, विक्रमांक देवराज आदि उपाधियां भी धारण। की थी।

 

5.)  गुप्त काल में कौन से महान विज्ञानिक है?

उत्तर:  गुप्त काल में आर्यभट्टा, ब्रह्मगुप्त, वाग्भट्ट जैसे महान विज्ञानिक गुप्त काल को विकास की चरम सीमा पर ले गए।

 

प्रश्न 5 आइए विचार करें।

 

1.) गुप्त साम्राज्य की स्थापना कैसे हुई? और गुप्त साम्राज्य को विशाल बनाने में कौन से शासकों ने अपना सहभाग दिया?

उत्तर:  मौर्य साम्राज्य और सातवाहन का साम्राज्य  तीसरी शताब्दी में समाप्त हो गए। कुषाण साम्राज्य के पतन के बाद भारत में राजनीतिक अव्यवस्था फैल गई। शासकों तथा सामंतो ने अपने क्षेत्रों को राज्य के रूप में संगठित करना शुरू कर दिया। इसी समय मगध में श्रीगुप्त ने गुप्त साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने महाराज की उपाधि धारण कर शासन किया। गुप्त वंश के शासकों ने छोटे-छोटे स्वतंत्र राज्यों को अपने अधीन कर भारतवर्ष को एक राजनीतिक सूत्र में बांधा और शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की। गुप्त काल को भारतीय इतिहास में स्वर्ण युग के नाम से जाना जाता है। गुप्त साम्राज्य के महान शासन चंद्रगुप्त प्रथम ,समुद्रगुप्त ,चंद्रगुप्त विक्रमादित्य, कुमार गुप्ता व स्कंदगुप्त ऐसे वीर शासकों ने अपनी योग्यता से विशाल साम्राज्य में गुप्त साम्राज्य को परावर्तित कर दिया।

 

2.) स्कंद गुप्त और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से लिखें।

उत्तर:  स्कंद गुप्त अपने पिता कुमारगुप्त के मृत्यु के बाद सिंहासन पर बैठे। स्कंदगुप्त वीर योद्धा थे। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। उनका शासनकाल संघर्षों से भरपूर रहा। सबसे अधिक परेशानी उन्हें मध्य एशिया में जाती हूण से हुई। स्कंदगुप्त ने उनको शिकस्त दी है और अगले 50 सालों तक हूण भारत सीमा से दूर रहें। उसके छोटे चाचा गोविंदगुप्त ने मालवा के विद्रोह को दबाया। स्कंदगुप्त ने विष्णु स्तंभ की स्थापना भीतरी गाज़ीपुर जिला नामक गाव में बनवाया। चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा बनवाई गई सुदर्शन झील की मरम्मत भी स्कंदगुप्त ने अपने शासनकाल में करवाई। झील के तट पर भगवान विष्णु जी का मंदिर बनवाया। अपनी वीरता जनकल्याण की भावना व चारित्रिक अच्छाई के लिए स्कंदगुप्त विख्यात था।  धर्मराज युधिष्ठिर से उसकी तुलना करके उसको ‘परहितकारी’ बतलाया गया।

 

3.) समुद्रगुप्त का विजय अभियान क्या था?

उत्तर:  समुद्रगुप्त ने साम्राज्य विस्तार के लिए उत्तर भारत और दक्षिण भारत  के विजय की योजना बनाई।  समुद्रगुप्ता का प्रथम उत्तर भारत पर 2 बार आक्रमण किया। प्रथम तीन शासक अच्युत, नागसेन व कोटकुलज को पराजित कर उनके राज्य को अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। उत्तर भारत की प्रथम आक्रमण के बाद समुद्रगुप्त ने दक्षिण की ओर प्रस्थान किया। परंतु उत्तर भारत में 9 राजाओं ने समुद्रगुप्त के विरुद्ध संघ बनाकर उनका विरोध करने का निश्चय किया। इनमें रुद्रदेव का शासन बुंदेलखंड ,  अच्युत का बरेली, नागसेन का ग्वालियर, गणपति नाग का मथुरा, मातिल का बुलंदशहर,  चंद्रवर्मन  का बंगाल ,बलवर्मा का असम, नंदीनाग का मध्यभारत व नागदत्त का मध्य प्रदेश   यह राज्य थे । इन सभी राज्यों को चंद्रगुप्त ने पराजित कर इन राज्यों को अपने राज्य में शामिल कर लिया।  समुद्रगुप्त की विजय अभियान में 12 शासकों को पर पराजित किया। विजय अभियान में उन्हें 4800 किलोमीटर के जंगलों की दूरी तय करनी पड़े। उनके उच्च कोटि के नेतृत्व क्षमता से दक्षिण भारत का विजय अभियान सफल रहा है।

 

4.) चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने अपना साम्राज्य विस्तार कैसे किया?

उत्तर:  380 ई. से 414 ई. तक चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने शासन किया।  अपने राज्य का विस्तार करने के लिए उन्होंने शक्तिशाली राज्य के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए। उन्होंने स्वयं नागवंशी की राजकुमारी कुबेर नागा के साथ विवाह किया। कालांतर में उन्होंने वाकाटक राजा रुद्रदेव द्वितीय के साथ कन्या प्रभावती का विवाह किया। कुंतल राजा की पुत्री के साथ अपने पुत्र का विवाह किया। इन विवाह संबंधों से उनकी ख्याति में वृद्धि हुई। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का शासन प्रबंध धर्म शास्त्रों पर आधारित  और जनकल्याणकारी था। उनके शासनकाल में यात्री फाह्यान भी उनकी और कालिदास जैसे महान कवि उनके दरबार में होते थे। विक्रमादित्य एक अच्छे विजेता होने के साथ-साथ एक पिता की तरह कुशल शासन प्रबंध भी थे । उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार दूर-दूर तक किया, उनके साम्राज्य की सीमाएं उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में नर्मदा तक और पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी से पश्चिम में अरब सागर तक फैली हुई थी। चंद्रगुप्ता विक्रमादित्य ने अपने शासनकाल में बहुत खूब समृद्धि की। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के कार्यों की वजह से उन्हें और ‘विक्रमादित्य’ के साथ-साथ ‘सिंह विक्रम’ ,  ‘सिंह चंद्र ‘,  ‘विक्रमार्का देवराज’ ऐसी उपाधियां  भी धारण की और उन्होंने अश्वमेध यज्ञ करवाया।

 

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Updated: November 11, 2022 — 1:35 pm

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