Haryana Board (HBSE) Class 6 History Chapter 7 Solution – विदेशियों का आक्रमण एवं उनका भारतीय संस्कृति में समावेश. Here in this post we have provided Class 6 History विदेशियों का आक्रमण एवं उनका भारतीय संस्कृति में समावेश Haryana State Board Solution. Haryana State Board History Class VI Students can download this Solution to Solve out Exercise Questions and Answers. Here in below we have provide Important Inside Question answer from this Chapter.
Haryana State Board Class 6 History Chapter 7 विदेशियों का आक्रमण एवं उनका भारतीय संस्कृति में समावेश Solution:
अध्याय 7 विदेशियों का आक्रमण एवं उनका भारतीय संस्कृति में समावेश।
प्रश्न 1। सही उत्तर चुनिए।
1.) छठी शताब्दी ईसा पूर्व में ईरान के राजा _____ ने भारत पर आक्रमण किया था।
क. मिनांडर ख.साइरस ग.सिकंदर घ. अरसाकोज
उत्तर: साइरस।
2.) मध्ययुगीन जैन ग्रंथ कालका चार्य कथानक में _____के आक्रमण के विषय में एक कथा मिलती है।
क. शक ख.इंडो पार्थियन ग. कुषाण घ.इंडो ग्रीक
उत्तर :शक
3.) कुषाण वंश _______ प्रथम शासक था जिसने देवपुत्र की उपाधि धारण की थी।
क.कनिष्क ख.कैडफिजिस ग.मिहीराकुला घ.साइरस
उत्तर:कैडफिजिस
4.) कनिष्का ने _____से प्रभावित होकर इसका स्वीकार किया था।
क.जैन धर्म ख.हिंदू धर्म ग.क्रिश्चन धर्म घ.बौद्ध धर्म
उत्तर: बौद्ध धर्म
प्रश्न 2। रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
1.) कनिष्क के काल में बौद्ध धर्म की चौथी महासभा _______ में बुलाई गई।
उत्तर: कुंडल वन
2.) भारतीय राजाओं ने यशोधर्मन के नेतृत्व में एक संयुक्त मोर्चा बनाकर _______को पूरी तरह परास्त किया।
उत्तर: मिहिरकुल।
3.) कनिष्क ने कश्मीर में______ नामक नगर की स्थापना की।
उत्तर: कनिष्कपुर।
4.) नासिक के शक वंश का पतन गौतमीपुत्र _____ द्वारा किया गया।
उत्तर : शातकर्णि
प्रश्न 3 उचित मिलान करें।
1.) हुन क. मिनांडर
2.) कुषाण ख. राजुल
3.) इन्डोग्रीक ग. मिथराडेटस
4.) इन्डोपार्थियन घ. मिहिरकुल
5.) शक च. कनिष्क
उत्तर: 1. घ, 2 . च, 3. क, 4. ग, 5. ख
प्रश्न 4 लघु प्रश्नों के उत्तर दें।
1.) भारत पर आक्रमण करने वाले विदेशी जातियां कौन सी थी?
उत्तर:भारत पर आक्रमण करने वाली इंडो ग्रीक, कुषाण, शक, हूण,इंडो पार्थियन यह जातियाँ थी । इन जातियों ने समय-समय पर भारत पर आक्रमण किया।
2.) भारत में शको के कौन से और कितने राज्य थे?
उत्तर: भारत में शको के 4 राज्य मिलते हैं। जो उत्तर पश्चिमी तक्षशिला ,पूर्व में मथुरा, दक्षिण में नाशिक और पश्चिम में उज्जैन है।
3.) कनिष्क की राजधानी कौनसी और कैसे थी?
उत्तर: कनिष्क की राजधानी आधुनिक पेशावर थी, जिसे उसने सार्वजनिक भवनों, महलों और बौद्ध विहार से सजाया था।
4.) बौद्ध धर्म की चौथी महासभा में प्रमुख कौन थे?
उत्तर: बौद्ध धर्म के चौथी महासभा में प्रमुख धर्माचार्य अश्वघोष ,वसुमित्र, नागार्जुन आदि थे।
5.) बौद्ध धर्म में हिनयान और महायान किसे कहा जाता है?
उत्तर: बौद्ध धर्म में बुद्ध के मूल सिद्धांतों को मानने वालों को हीनयान किया जाता है और नए विचारों को अपनाने वाले एवं मूर्ति पूजा करने वालों को महायान कहा जाता है।
अध्याय 7 विदेशियों के आक्रमण एवं उनका भारतीय संस्कृति में।
प्रश्न 5 आइए विचार करें।
1.)भारत पर आक्रमण करने वाली प्रमुख विदेशी जातियां कौन सी थी?
उत्तर: प्राचीन काल से भारत का विदेशों से संबंध रहा है। मध्य एशिया व उत्तर पश्चिमी भाग में अनेक खानाबदोश जातियां थी। छठी शताब्दी में ईरान के राजा साइरस ने आक्रमण। भारत पर आक्रमण किया था। पूर्व में यूनान के राजा सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया था। समय-समय पर भारत पर ऐसे अनेक जातियों ने आक्रमण किया था और अपने राज्य में स्थापित किए परंतु यह भारत के बाहर कब गए इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता है। इसका यही है अभिप्राय निकलता है कि यह जातियां भारत समाज में विलीन हो गई और भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में लग गए। भारत पर आक्रमण करने वाले प्रमुख विदेशी जातियां इंडो -ग्रीक, इंडो पार्थियन, शक ,कुषाण और हूण थे।
2.) मिनांडर के बारे में इतिहास से क्या पता पड़ता है?
उत्तर: पतंजलि के महाभाष्य युग पुराण की गार्गी संहिता व कालिदास के नाटक मालविकाग्निमित्रम् से हमें मिनांडर के पाटलिपुत्र और साकेत के आक्रमणों की पुष्टि होती है।
मिनांडर पूर्ण रूप से अलसन्दा के निकट कलसी का रहने वाला था जिसकी पहचान काकेशस भूभाग के अलेक्जेंड्रिया नगर से की गई है। इसका राज्य पश्चिम में आरा कोशिया से पूर्व में रावि तक उत्तर में स्वात घाटी से दक्षिण में पंचनद तक था,इन विभागों से हमें सिक्के प्राप्त होते हैं। जो उसके साम्राज्य की पुष्टि करते हैं। मिनांडर ने सोटर और डिकेयाय की उपाधियां प्राप्त की थी।
3.) शकों क्या आक्रमण के विषय में कौन सी कथा प्रसिद्ध है?
उत्तर:मध्ययुगीन जैन ग्रंथ कलकाचार्य मे कालका आचार्य नामक आचार्य मालवा के राजा गर्भभिल्ल से नाराज थे। राजा गर्भभिल्ल को सबक सिखाने के लिए वह उत्तर दिशा में शक नेताओं को आक्रमण के लिए प्रेरित करने गए थे। शक राजाओं ने सिंधु नदी पार करके सौराष्ट्र में अपना राज्य स्थापित कीया और सारे प्रदेश को आपस में बांट लिया। आचार्य शक राजा को उज्जैन लेकर वहां गर्भ भिल्ल शासक को परास्त करके बंदी बनाया।
मालवा में स्थापित हुआ चक्र राजा विक्रमादित्य द्वारा समाप्त किया गया।
4.) कुशान वंश का शासक कनिष्क द्वारा प्राप्त सफलताएं कौन सी थी?
उत्तर: कनिष्क ने चीन के राजा के पास अपना देवदूत भेजा परंतु चीन के राजा ने उस देवदूत को बंदी बना लिया। कनिष्क ने चीन के राजा पर आक्रमण कर दिया परंतु इस युद्ध में कनिष्क का पराभव हुआ परंतु 1 साल बाद कनिष्क ने पूरी तैयारी के साथ फिर से आक्रमण किया तो उसको विजय प्राप्त हुआ और उसके साथ-साथ उसे काशगर, यारकंद और खोतान यह राज्य भी प्राप्त हुए। कनिष्क के सफलता में सबसे प्रमुख मगध की विजय है। कनिष्क ने पाटलिपुत्र पर हमला कर विजय प्राप्त किया तब उसने राजा से सबसे अधिक मूल्यवान वस्तु मांगी तब राजा ने उसे बौद्ध भिक्षु अश्वघोष को दे दिया। अश्वघोष को प्राप्त कर उसनेउसके प्रभाव में बौद्ध धर्म को अपना लिया। उसके प्रयासों से ही बौद्ध धर्म का मध्य एशिया ,चीन ,तिब्बत आदि प्रदेश मे प्रचार हुआ। सर्वप्रथम कनिष्क ने कश्मीर पर विजय प्राप्त किया और उसे कश्मीर इतना अच्छा लगा कि उसने वहां पर कनिष्कपुर नामक एक नगर की स्थापना की जो आज भी वहां एक छोटे से गांव के रूप में जाना जाता है। शक राजाओं के साथ युद्ध कर कनिष्क ने पंजाब, मथुरा और उज्जैन को अपने राज्य में जोड़ लिया।
5.) भारत के साहित्य में हूण वंश के बारे में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर: कुषाण वंश के बाद हूण वंश के राजाओं ने भारत पर आक्रमण किया। इनका प्रवेश भारत में पांचवी सदी में हुआ। इन की दो शाखाएं थी एक यूरोप की ओर बढ़ी और दूसरे आक्सस् घाटी में बस गए। इन्हीं लोगों ने पर्शिया ईरान पर हमला किया जिसमें उन्हें हार मिली। इसी हार की वजह से यह लोग भारत की तरफ मुड़े और इन्होंने गांधार को 465 ई. मे जीत लिया। इनके आक्रमण का पहला प्रमाण स्कंदगुप्त के भीतरी स्तंभ में लिखे गए लेख में मिलता है।
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