Haryana Board (HBSE) Class 6 History Chapter 5 Solution – गौतम बुद्ध, महावीर और जगतगुरू आदि शंकराचार्य का जीवन और शिक्षाएं. Here in this post we have provided Class 6 History गौतम बुद्ध, महावीर और जगतगुरू आदि शंकराचार्य का जीवन और शिक्षाएं Haryana State Board Solution. Haryana State Board History Class VI Students can download this Solution to Solve out Exercise Questions and Answers. Here in below we have provide Important Inside Question answer from this Chapter.
Haryana State Board Class 6 History Chapter 5 गौतम बुद्ध, महावीर और जगतगुरू आदि शंकराचार्य का जीवन और शिक्षाएं Solution:
अध्याय 5. गौतम बुद्ध, महावीर और जगतगुरू आदि शंकराचार्य का जीवन और शिक्षाएं।
प्रश्न.1सही उत्तर चुनिए।
1.) गौतम बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा के दिन लुंबिनी _______ में हुआ था।
क. भूटान ख. नेपाल ग.श्रीलंका घ. बांग्लादेश
उत्तर: नेपाल।
2.) बौद्ध धर्म का आधार _________ है इस मार्ग पर चलकर मनुष्य की सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
क. नवमार्ग ख. दशम् मार्ग ग.अष्टमार्ग घ. सप्तमार्ग
उत्तर: अष्टमार्ग।
3.) जैन धर्म के संस्थापक महावीर स्वामी का मूल नाम _______था।
क.वर्धमान ख. ऋषभदेव ग.प्रियदर्शी घ.सिद्धार्थ
उत्तर: वर्धमान।
4.) महावीर स्वामी की शिक्षाएं ______ भाषा में थी ताकि लोग उन्हें आसानी से समझ सके।
क. हिंदी ख.पाली ग.प्राकृत घ. संस्कृत
उत्तर: प्राकृत
5.) आदि शंकराचार्य ने आरंभिक शिक्षा गुरु गोविंद भागवत पाल से लीजन का आश्रम ______ नदी के तट पर ओम्कारेश्वर स्थल पर था।
क. नर्मदा ख.गंगा ग.यमुना घ.कृष्णा
उत्तर: नर्मदा
प्रश्न 2.रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
1.) आदि शंकराचार्य का जन्म दक्षिण भारत के ______ राज्य में हुआ।
उत्तर:केरल
2.) जैन धर्म के संस्थापक महावीर का जन्म ________,बिहार गणतंत्र के कुंडग्राम में हुआ था।
उत्तर :वैशाली।
3.) शिक्षा ग्रहण करने के बाद 16 साल की आयु में राजकुमारी _______ के साथ गौतम बुद्ध का विवाह हुआ था।
उत्तर यशोधरा।
4.) जैन धर्म के अनुसार पहले तीर्थंकर_________थे।
उत्तर :ऋषभदेव।
5.) 30 साल की आयु में भाई _________ से आज्ञा लेकर वर्धमान ने घर का त्याग कर दिया।
उत्तर :नंदी वर्धन।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में सही अथवा गलत का निशान लगाओ।
1.) महावीर स्वामी पुनर्जन्म में विश्वास नहीं रखते थे।
उत्तर: ×
2.) महावीर स्वामी की शिक्षा है प्राकृत भाषा में थे ताकि लोग उन्हें आसानी से समझ सके।
उत्तर: √
3.) बुद्ध का मानना था कि कर्मों के अनुसार मनुष्य छोटा या बड़ा हो सकता है न कि जन्म से।
उत्तर :√
4.) गौतम बुद्ध का बचपन का नाम वर्तमान था।
उत्तर :×
5.) सिद्धार्थ गौतम सांसारिक मोह माया से बंधे हुए थे।
उत्तर: ×
प्रश्न। लघु प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
1.) गौतम बुद्ध के बारे में दृष्टा आशित ने क्या भविष्यवाणी की थी?
उत्तर :गौतम बुद्ध के बारे में उस समय के प्रसिद्ध दृष्टा आशित ने भविष्यवाणी की गई कि यह बच्चा है या तो एक महान राजा बनेगा या एक महान पथ प्रदर्शक बनेगा।
2.) महात्मा बुद्ध के कर्म सिद्धांत क्या थे?
उत्तर: महात्मा बुद्ध कहते थे की प्रत्येक व्यक्ति स्वयं अपने भाग्य का निर्माता है जैसे व कार्य करता हैं वैसे ही वह फल भोगता है।
3.) महावीर स्वामी ने कौन से तीन रत्नों के बारे में कहा गया?
उत्तर: महावीर स्वामी ने अपने पापों से बचने के लिए तीन आदर्श के बारे में बताया है। वह है सच्ची श्रद्धा ,सच्चा ज्ञान और सच्चा आचरण।
4.) महावीर स्वामी का पुनर्जन्म के बारे में क्या कहना था?
उत्तर:महावीर स्वामी के अनुसार कर्म तथा पुनर्जन्म साथ साथ चलते हैं। वह पुनर्जन्म में विश्वास भी रखते थे।
5.) आदि शंकराचार्य जी ने सन्यासियों का एकीकरण कैसे किया?
उत्तर: आदि शंकराचार्य जी ने भारत में विविध संतो को 10 भागों में बांटा। जिनमें अरण्य, पूरी, गिरी ,वन, पर्वत, सागर, तीर्थ ,आश्रम, भारती और सरस्वती थे।
प्रश्न 5.आइए विचार करें।
1.) आदि शंकराचार्य के हिंदू धर्म की अवनति को कैसे अपनी शिक्षा उसे बदल दिया?
उत्तर:आदि शंकराचार्य जी का जन्म जब बुद्ध और जैन धर्म अपनी उन्नति पर थी तब हुआ। उस समय हिंदू धर्म अवनति की तरफ अग्रसर हो रहा था। शंकराचार्य जी ने 8 वर्ष की अवस्था में ही सन्यास ग्रहण कर लिया था। जो ध्यान हिंदू धर्म के अनुसार वेदों में दिया गया है वहीं ज्ञान शंकराचार्य जी ने अपनी सरल भाषा में लोगों को समझाया। उन्होंने अद्वैतवाद दिया है जिसमें ब्रह्म सत्य जगत मिथ्या के अनुसार शरीर व्याप्त है और आत्मा स्थिर है। शंकराचार्य जी ने भक्ति मार्ग का खूब प्रचार किया और उनका कर्मों पर भी अटूट विश्वास था। उन्होंने हिंदू की सारी विचारधाराओं को एकत्रित कर पांच भागों में बांट दिया था। जिनमें वैष्णव, शैव, सूर्य , शाक्त और गणपति संप्रदाय थे। उन्होंने इसे पंचदेव उपासना का नाम दिया और इसे पांच देवताओं का संबंध पंचभूत से जोड़ दिया। इस तरह उन्होंने हिंदू संस्कृति को एक धागे में पिरो दिया। शंकराचार्य जी ने योग साधना और सन्यासियों के एकीकरण से हिंदू धर्म के लोगों को एक साथ लाने की कोशिश की।
2.) आदि शंकराचार्य जी ने हिंदू धर्म की उपासना के लिए चार धर्म दुर्ग की स्थापना की थी?
उत्तर। आदि शंकराचार्य जी ने भारत के चारों कोने में चार मूर्ति की स्थापना की थी इन्हें धर्म दुर्गा भी कहा जाता है। पहला धर्म दुर्गा उत्तर भारत के बद्रीनाथ केदारनाथ में स्थित है जो उत्तराखंड राज्य में है। दूसरा दूध धर्मा दुर्गा दक्षिण भारत के कर्नाटक में स्थित श्रृंगेरी मठ है। तीसरा धर्म दुर्गापुर भारत के जगन्नाथपुरी में स्थित गोवर्धन मठ है जो उड़ीसा राज्य में स्थित है। चौथा पश्चिम भारत के द्वारका में स्थित शारदा मठ जो गुजरात में स्थित है।
3.) महावीर स्वामी ने पांच महाव्रत बताए थे वह क्या थे?
उत्तर:महावीर स्वामी ने पांच महाव्रत पर बल देते थे और तथा उनके पालन भी करने के लिए कहते थे। वह महाव्रत अहिंसा, चोरी ना करना संग्रहण करना ब्रह्मचर्य और सत्य थे। किसी भी प्राणी को तन से यह मन से इंसान नहीं करनी चाहिए और अहिंसा के प्रत्येक व्यक्ति का परम धर्म होना चाहिए। मनुष्य को दूसरों की चीजों को चुराना नहीं चाहिए। जो उनके पास होता है उसी में संतुष्टि रहने रखनी चाहिए। तीसरा महाव्रत का संग्रहण ना करना। महावीर स्वामी ने कहा था की आवश्यकता से अधिक धन की राशि का। संग्रह नहीं करना चाहिए। अनावश्यक राशि का दान कर देना चाहिए। चौथा महाव्रत था सत्य। महावीर जी ने कहा था कि ऐसी बातें ना करें जिसमें कटुता हो और उन्हें सत्य बोलने पर सदा ही बल दिया है। पांचवा महाव्रत था ब्रम्हचर्य। महावीर जी कहते हैं मनुष्य को हम हमेशा बातों से दूर रहना चाहिए। ब्रह्मचारी वही है जो वासना के बारे में ना बात करता हूं ना सोचता हो।
4.) भगवान बुद्ध ने कौन से अष्ट मार्ग दिए हैं जिन पर चलकर मनुष्य के सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है?
उत्तर: भगवान बुद्ध ने निर्वाण प्राप्ति के लिए। अष्ट मार्ग पर चलने की बात की है। अष्ट मार्गो को मध्य मारकर भी कहा जाता है। कस्टमर के बौद्ध धर्म का आधार है जिस पर चलकर मनुष्य सभी समस्याओं का समाधान पा सकता है।
- सम्यक मार्ग: मनुष्य के कर्मों में शुद्धि होनी चाहिए।
- सम्यक विचार: सभी मनुष्य के विचारों में सत्यता होनी चाहिए और उन्हें सांसारिक बुराइयों से दूर रहना चाहिए।
- सम्यक जीविका: किसी भी मनुष्य को किसी भी रूप में हानिकारक व्यापार नहीं करना चाहिए।
- सम्यक प्रयास:हर मनुष्य को अपने आप को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए।
- सम्यक स्मृति: मनुष्य को हर चीज़ को स्पष्ट ज्ञान के साथ मानसिक योग्यता पाने की कोशिश करनी चाहिए।
- सम्यक ध्यान: मनुष्य को अपना जीवन सारा एवं पवित्र रखने की कोशिश करनी चाहिए।
- सम्यक विश्वास: इच्छाओं का त्याग करने से सुख की प्राप्ति होती है और दुखों का अंत होता है इस चीज का इंसान को सच्चा विश्वास होना चाहिए।
- सम्यक समाधि: निर्वाण पाना।
5.) भगवान बुद्ध का प्राथमिक जीवन कैसा था?
उत्तर: भगवान बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक है। परंतु उनका बचपन एक राजकुमार की भांति बीता था। उनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था। उनका जन्म नेपाल में लुंबिनी स्थान पर हुआ था। उनके जन्म के बाद उनकी माता का निधन हो गया था। जिनका नाम महामाया था। पिता का नाम शुद्धोधन था। जो एक राजा थे। सिद्धार्थ की माता के निधन के बाद उनका पालन पोषण उनकी माता के छोटी बहन न प्रजापति गौतमी ने किया था। इसीलिए सिद्धार्थ को गौतम भी कहा जाता है। उस समय के प्रसिद्ध भविष्य दृष्टा आसित ने एक भविष्यवाणी कि यह बच्चा एक तो महान राजा बनेगा यह एक महान पथ प्रदर्शक। 16 साल की उम्र में राजकुमारी यशोधरा से सिद्धार्थ का विवाह हुआ। उनके पुत्र का नाम राहुल था। परंतु यह बातें उन्हें सांसारिक मोह माया से नहीं बांध सके। ज्ञान प्रप्ति के लिए 29 साल की आयु में आधी रात को अपनी पत्नी यशोधरा और पुत्र राहुल को छोड़कर वह घर का त्याग कर वनों की ओर प्रस्थान कर गए
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