Gudiya Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Durva Chapter 1 Prepared by Hindi Expert Teacher.
Gudiya Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Durva
Class |
8 |
Book Title |
Durva |
Chapter |
1 |
Chapter Name |
Gudiya |
Topic |
Extra Questions and Answers |
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अ.) दी गई पंक्तियां पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखें।
मेले से लाया हूँ इसको
छोटी सी प्यारी गुड़िया,
बेच रही थी इसे भीड़ में
बैठी नुक्कड़ पर बुढ़िया।
1.) गुड़िया को कहासे लेकर आए थे?
गुड़िया को मेले से लेकर आए थे?
2.) गुड़िया कैसी थी?
गुड़िया छोटी सी, प्यारी सी थी।
3.) गुड़िया को कौन बेच रहा था?
गुड़िया को एक बुढ़िया बेच रहा था?
4.) बुढ़िया कहा पर बैठी थी?
बुढ़िया नुक्कड़ पर बैठी थी।
आ.) दी गई पंक्तियां पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखें।
मोल-भाव करके लाया हूँ
ठोक-बजाकर देख लिया,
आँखें खोल मूँद सकती है
वह कहती है पिया-पिया।
1.) मोल-भाव करके किसे लाया गया?
मोल-भाव करके गुड़िया को लाया गया।
2.) गुड़िया आंखो से किस तरह की हलचल कर सकती है?
गुड़िया अपनी आंखे खोल मूंद सकती हैं।
3.) गुड़िया क्या कहती है?
गुड़िया पिया पिया कहती है।
प्र.) 1 रिक्त स्थानों की पूर्ति करो।
1.) कौन रात में गूँथ गया है
ये ………………………. हीरों की कड़ियाँ?
कौन रात में गूँथ गया है
ये उज्ज्वल हीरों की कड़ियाँ?
2.) ……………………… से जगमग जगमग
ये कौन चमकते हैं यों चमचम?
जुगनू से जगमग जगमग
ये कौन चमकते हैं यों चमचम?
3.) पत्तों पर, फूलों पर, पग पग
बिखरे हुए ………………………. हैं नाना।
पत्तों पर, फूलों पर, पग पग
बिखरे हुए रतन हैं नाना।
4.) वन ……………………… में जला दी है
किसने दीपावली निराली?
वन उपवन में जला दी है
किसने दीपावली निराली?
5.) जी होता, इन ………………………… कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ?
जी होता, इन ओस कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ?
प्र.) 2 पूछे गए प्रश्नों के एक-एक शब्द में उत्तर लिखो।
1.) गुड़िया की चुनरी किस रंग की है?
लाल
2.) गुड़िया की आंखें कैसी है?
काली
3.) गुड़िया को कहां रखा जाएगा?
अलमारी
4.) रंगारंग फुलवारी किस से बनाई गई है?
कागज से
5.) गुड़िया किसकी दुनिया में परी बन जाएगी?
खेल – खिलौनौंकी
6.) गुड्डी अंदर से कैसी है?
सलोनी
कविता से आगे
प्र 1.) दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखो।
1.) आपको खिलौना में सबसे प्यारी चीज कौन सी लगती है?
हमे खिलौनों मे सबसे प्यारी चीज छोटे छोटे बरतन और डांस करने वाली जो गुड़िया होती हैं वह लगती है।
2.) पापा आपके लिए कौन-कौन से खिलौने लेकर आते हैं?
पापा जब हमारे लिए खिलौने लाते हैं तो उसमें गुड्डा गुड़िया, अलग-अलग तरह के फल, छोटे-छोटे बर्तन, बैट – बॉल यह लेकर आते हैं।
3.) छोटे बच्चे अपने छोटे-छोटे बर्तनों के साथ और गुड्डी गुड़ियों के साथ क्या-क्या खेल खेलते हैं?
छोटे बच्चे छोटे-छोटे बर्तनों में अलग-अलग तरह का खाना पकाते हैं। खाना पकाने के लिए पेड़ पौधों की पत्तियां या फिर कागज के टुकड़े लेते हैं। गुड्डी गुड़ियों के साथ वह खेलते हैं। कभी-कभी गुड्डे गुड़ियों की शादी भी कर देते हैं। ऐसे खेल छोटे बच्चे खेलते हैं।
4.) आपके पास कोई गुड़िया है क्या और वह कैसी है?
मेरे पास कई तरह की गुड़िया है। कोई डांस करती है तो कोई गाना गाती है। यह गुड़िया बहुत सुंदर है। किसी के आंखें लाल है तो किसी के नीली है। किसी के बल स्नेहा रहे हैं तो किसी गुड़िया के बाल काले हैं। हर एक को अलग-अलग फ्रॉक पहनाया गया है। कभी-कभी मैं भी उनके कपड़े बदल देता हूं। मां ने उनके लिए छोटे-छोटे फ्रॉक सिलाई है। मेरे पास जो भी गुड़िया है वह बहुत सुंदर है।
5.) आप अपनी गुड़िया को किस तरह से सजाते हो?
मेरी मम्मी ने मेरी गुड़ियाओं के लिए अलग-अलग तरह की फ्रॉक सिलाई है। मैं और मां ने मिलकर उन्हें अलग-अलग तरह के गहने तैयार किए हैं। जब भी मैं खेलने जाती हूं तो पहले गुड़िया को नहलाती हूं और फिर उनकी फ्रॉक बदल देती हूं उनके बाल अच्छे से कंघी करती हो उन्हें अलग-अलग तरह के गहने पहनते हो और उसके बाद में उनके साथ खेलने जाती हूं।
6.) जब आप अपने दोस्तों के साथ खेलते हो तो कौन-कौन सी मस्ती करते हो?
जब मैं मेरे दोस्तों के साथ खेलती हो तब दोस्त भी अपने खिलौने लेकर आते हैं। हम सब मिलकर उन खिलौने के साथ खेलते हैं। उसे वक्त खेलने के लिए मां हम सबको बिस्किट जैसी चीज देती है। जिससे हम खाना तैयार करते हैं। और सब मिल बाटकर कहते हैं। इसके साथ-साथ हम बहुत सारी मस्ती करते हैं धूम मचाते हैं।
7.) आप गुड्डा गुड़िया इसके अलावा कौन कौन से खेल खेलते हो?
लुकाछिपी, पकड़म पकड़ाई, कैरम, सांप सीढी, खो खो, क्रिकेट यह खेल हम खेलते है।
8.) जब आप मेले में जाते हो उस समय कौन कौन सी वस्तुएं खरीदते हो?
खिलौने, खाने की वस्तुएं, गहने, प्रसाद बलून यह सारी वस्तुएं हम मेले में खरीदते हैं।
9.) आपको मेले में जाकर खरीदारी करना अच्छा लगता है या फिर बड़ी-बड़ी दुकानों में जाकर खरीदारी करना अच्छा लगता है?
हमें मेले में जाकर खूब खरीदारी करना अच्छा लगता है क्योंकि वहां पर बहुत सारी दुकान होती है। हमें जो चीज अच्छी लगे वह हम देखकर परख कर ले सकते हैं। लेकिन बड़ी-बड़ी दुकानों में ऐसा नहीं होता। सारी चीज बंद करके रख दी जाती है। इस वजह से हम उन्हें हाथ नहीं लगा सकते। कई बार छोटे से छोटे खिलौने की कीमत भी बहुत बड़ी होती है। लेकिन मेले में जो व्यापारी बैठते हैं वह बड़ी दूर से आते हैं। उनके पास जो खिलौने होते हैं उनकी कीमत ज्यादा होती है लेकिन वह खिलौने अच्छे होते हैं और भी उन्होंने अपने हाथ से बने हुए होते हैं इस वजह से हमें मेले में खरीदारी करना अच्छा लगता है।
प्र.) 2 मेरे गांव का मेला इस विषय पर निबंध लिखो।
मम्मी पापा के काम की वजह से और हम बच्चों की पढ़ाई की वजह से हमें हमारे गांव से दूर रहना पड़ता है। गांव से दूर जाकर हम शहर में रहते हैं। लेकिन हमारा मन हमेशा दादा – दादी, नाना, नानी के पास गांव में होता हैं। हम गांव में जरूर रहते है पर हमारा गांव बहुत बड़ा है। मम्मी पापा और हमारा भी मन हमेशा गांव में ही रहता हैं। इसीलिए कोई भी त्यौहार हो हम हमारे गांव में जाते हैं और हर त्यौहार का मजा उठाते हैं।
ऐसे ही जब हमारे गांव के मंदिर में मेला लगता है उस समय पर भी हम सब मेले में जाते हैं। हमारे गांव में दो छोटे और एक बड़ा सा मंदिर है। इस मंदिर में हर वर्ष मेला होता हैं। मेला बहुत बड़ा होता है। इस मेले के लिए दूर दूर से लोग आते है। कई लोग अपनी मन्नत पूरी करने के लिए आते है। इस वजह से यहां पर मेले में बहुत भीड़ रहती हैं।
मम्मी पापा और हम भी हर वर्ष मेले के लिए गांव में जाते हैं और बहुत मजे करते हैं। दादा दादी और नाना नानी भी मेले में होते हैं इस वजह से हम बच्चों के बहुत मजे होते हैं। पहले हम जब मेले में जाते हैं तब भगवान का दर्शन करते हैं। उन्हें फूल, नारियल चढ़ाते हैं। और सब मंदिर से बाहर आते हैं तो हम बच्चे बहुत मजे करने लगते हैं। वहां पर बहुत सारी दुकानें लगती है। कई खान की दुकान है तो कहीं खिलौने की दुकान। हमारे तो वैसे ही मजे हो जाते हैं। हम जो चाहा ले सकते हैं क्योंकि हमारे साथ दादा-दादी और नाना नानी होते हैं। इस वजह से हम जो भी मांगते हैं हमें मिल जाता है। मंदिर के चारों ओर लाइट लगा दी जाती है। मंदिर के बाहर बड़ी सी रंगोली निकल जाती है। हर तरफ फूलों से सजावट की जाती है। ऐसे लगता है जैसे की दिवाली हो।
मंदिर के बाहर एक छोटा सा आंगन है वहां पर बहुत सारे दिए प्रज्वलित किए जाते हैं। तकरीबन हजार दिए होते हैं। दो दिन के लिए बहुत दिए जला दिए जाते हैं। वहां की रोशनी बहुत अच्छी लगती है। इसे दीपोत्सव कहा जाता है। यह भी उत्सव हम घर वर्ष मनाते हैं। यह दिए जलाने के लिए हम शाम को 6:30 बजे ही घर से निकल जाते हैं। और मंदिर में जाकर कहीं बच्चों की मदद कर देते हैं। गांव के बहुत सारे बच्चे वहां पर दिए जलाने के लिए आते हैं। हम जब मंदिर से बाहर आते हैं तो दुकानों में जाते हैं कई सारे खिलौने लेते हैं। दादा दादी और नाना नानी हम दोनों के ही पैसे दे देते हैं इस वजह से हम वहां पर हमें जो चाहे वह ले लेते हैं।
इस तरह से हमारे गांव का मेला बहुत बड़ा होता है देखने के योग्य होता है। बहुत सारी रोशनी की जाती है। चमक दमक होती है रंगोलिया निकल जाती है।
भाषा की बात
प्र.) 1 पर्यायवाची शब्द लिखो।
1.) कपड़े – वस्त्र
2.) फूल – पुष्प
3.) आंखे – नयन
4.) सितारे – तारे
5.) शिशु – बच्चा
6.) विजय – जीत
प्र.) 2 दिए गए शब्दों से वाक्य तैयार करें।
1.) मेला –
हमारे गांव में हर वर्ष मेला लगता है।
2.) मोल – भाव
मेहर चीज मोल – भाव करके लेती है।
3.) सितारे –
गुड़िया की चुनरी पर सितारे जड़े हुए हैं।
4.) गुड़िया –
दीदी के पास बहुत सारी गुड़िया है।
5.) चुनरी –
रंग बिरंगी चुनरिया बहुत सुंदर लगती है।
प्र.) 3 दिए गए शब्दों के तुकांत शब्द लिखिए।
1.) गुड़िया – बुढ़िया
2.) लिया – पिया
3.) वाली – काली
4.) सजाऊंगा – बनाऊंगा
प्र.) 4 लिंग बदलो।
1.) आंख – आंखे
2.) सितारा – सितारे
3.) खिलौना – खिलौने
4.) परी – परियां
5.) चुनरी – चुनरिया
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