Baccho Ke Priye Sri Keshav Shankar Pillai Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Durva Chapter 14 Prepared by Hindi Expert Teacher.
Baccho Ke Priye Sri Keshav Shankar Pillai Extra Questions and Answers Class 8 Hindi Durva
Class |
8 |
Book Title |
Durva |
Chapter |
14 |
Chapter Name |
Baccho Ke Priye Sri Keshav Shankar Pillai |
Topic |
Extra Questions and Answers |
‘
- In case you have missed:- Previous Chapter Extra Questions
- In case you have missed:- Next Chapter Extra Questions
More Extra Questions and Answers:
अ.) परिच्छेद पढ़े और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
बच्चो, तुम डाक टिकट, पुराने सिक्के आदि जमा करते हो न! छोटी लड़कियाँ गुड़ियों का भी संग्रह करती हैं लेकिन ढेर सारी गुड़ियों का संग्रह करना उनके लिए मुश्किल है क्योंकि एक तो गुड़िया महँगी होती है, दूसरे उन्हें सुरक्षित रखने के लिए जगह भी ज्यादा चाहिए।
लेकिन क्या तुमने कभी किसी बड़ी उम्र के पुरुष को गुड़ियों का संग्रह करते देखा है?
यहाँ मैं तुम्हें उस व्यक्ति के बारे में बताने जा रही हूँ, जिसने दो-चार, पाँच-दस नहीं, पाँच हजार से भी अधिक गुड़ियों का संग्रह किया है। सारी दुनिया में घूम-घूमकर विभिन्न देशों से भाँति-भाँति की रंग-बिरंगी खूबसूरत गुड़ियों का संग्रह।
जानते हो, ये इतनी सारी गुड़ियाँ उसने अपने लिए नहीं इकट्ठी कीं। देश-विदेशों की भिन्न-भिन्न वेशभूषा में सजी, अपने-अपने देश के तौर-तरीकों वाली खूबसूरत गुड़ियाएँ उसने भारतीय बच्चों के लिए ही जमा की हैं। इन गुड़ियों को उसने दिल्ली के एक विशाल संग्रहालय में इस तरह सजा रखा है कि बच्चे उन्हें देख सकें। उन्हें बच्चों से प्रेम था, इतना कि वह उनकी खुशी के लिए और भी बहुत सारे काम करते थे और सुबह से शाम तक इन्हीं कामों में लगे रहते थे।
1.) गुड़ियों का संग्रह करना मुश्किल क्यों है?
गुड़ियों का संग्रह करना मुश्किल है क्योंकि एक तो वह महंगी होती है और दूसरा उन्हें रखने के लिए बहुत जगह लगती है।
2.) सारी दुनिया में घूम कर किस वस्तु का संग्रह किया गया था?
सारी दुनिया घूम कर गुड़ियों का संग्रह किया गया था।
3.) इतनी सारी गुड़ियों का संग्रह क्यों किया गया था?
इतनी सारी गुड़ियों का संग्रह भारतीय बच्चों के लिए किया गया था ताकि बच्चे उन गुड़ियों को देख सके।
4.) इन गुड़ियों को कहां रखा गया है?
इन गुड़ियों को विशाल संग्रहालय में रखा गया है।
5.) केशव शंकर पिल्लै सुबह से शाम तक किस तरह का कार्य करते थे?
केशव शंकर पिल्लै यह सुबह से शाम तक बच्चों की खुशी के लिए बहुत सारे कार्य करते थे फुल स्टाफ उन्हें बच्चों से बहुत प्रेम था।
अ.) परिच्छेद पढ़े और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
केशव शंकर पिल्लै का जन्म 1902 में त्रिवेंद्रम में हुआ था। त्रिवेंद्रम विश्वविद्यालय से बी.) ए.) करने के बाद उन्होंने मुंबई में सिंधिया शिपिंग कंपनी के संस्थापक के निजी सचिव के रूप में नौकरी की। साथ ही साथ कानून का अध्ययन और चित्रकला का अभ्यास भी चलता रहा। कार्टून बनाना उनकी हॉबी थी। ‘बाम्बे-क्रॉनिकल’ में उनके कुछ कार्टून छपे तो उन्हें हिंदुस्तान टाइम्स में कार्टूनिस्ट की नौकरी मिल गई। 1932 से 1946 तक उन्होंने वहाँ काम किया। वे भारत के पहले कार्टूनिस्ट थे जिन्हें किसी पत्र ने पूरे समय के लिए नौकरी दी थी। देश-विदेश की बड़ी-बड़ी हस्तियों पर बनाए उनके कार्टूनों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा और शंकर पिल्लै प्रसिद्ध होते गए। प्रतिभा छुपी नहीं रह सकती, उसे प्रकट होना ही था।
1946 में वे ‘इंडियन न्यूज क्रॉनिकल’ में चले गए, जो अब ‘इंडियन एक्सप्रेस’ है। फिर शीघ्र ही उन्होंने अपनी पत्रिका ‘शंकर्स वीकली’ निकालनी शुरू कर दी। यह अपने ढंग की पहली और अनूठी कार्टून पत्रिका थी। ‘शंकर्स वीकली’ के ‘बड़ा साहब’ और ‘मेम साहब’ शीर्षक नियमित कार्टूनों में ‘बड़े लोगों’ की खोखली दुनिया पर हास्य-व्यंग्य को बहुत पसंद किया गया।
1.) केशव शंकर पिल्लै का जन्म कब और कहां हुआ?
केशव शंकर पिल्लै का जन्म 1902 में त्रिवेंद्रम में हुआ।
2.) उनकी हॉबी क्या थी?
कार्टून बनाना उनकी हॉबी थी।
3.) शंकर पिल्लै किस तरह से प्रसिद्ध होते गए?
देश विदेश की बड़ी-बड़ी हस्तियों पर बने उनके कार्टून प्रसिद्ध होते गए और शंकर पिल्लै प्रसिद्ध होते गए।
4.) शंकर पिल्लै इंडियन न्यूज क्रॉनिकल’ में कब चले गए?
शंकर पिल्लै इंडियन न्यूज क्रॉनिकल’ में सन 1946 में चले गए।
5.) शंकर पिल्लै इन्होंने जो अपनी पत्रिका निकाली उसका नाम क्या था?
शंकर पिल्लै इन्होंने जो अपनी पत्रिका निकाली उसका नाम शंकर विकली था।
6.) केशव शंकर पिल्लै इन्होंने बी.) ए कहा से किया था?
केशव शंकर पिल्लै इन्होंने बी.) ए त्रिवेंद्रम विश्वविद्यालय से किया।
7.) केशव शंकर पिल्लै इन्होंने बॉम्बे क्रोनिकल में कितने साल नौकरी की?
केशव शंकर पिल्लै इन्होंने बॉम्बे क्रोनिकल में 1932 – 1946 तक मतलब 14 साल तक नौकरी की।
प्र.) 1 दिए गए प्रश्नों के एक एक वाक्य में उत्तर लिखो।
1.) इंडियन न्यूज़ क्रॉनिकल इस कंपनी का नाम अब क्या है?
इंडियन न्यूज़ क्रॉनिकल इस कंपनी का नाम अब इंडियन एक्सप्रेस है।
2.) शंकर्स वीकली के किस हास्य व्यंग्य को पसंद किया गया ?
शंकर्स वीकली के बड़ा साहब और में सब शीर्षक नियमित कार्टूनों में बड़े लोगों की खोखली दुनिया पर हास्य व्यंग्य को बहुत पसंद किया गया।
3.) शंकर जी को बच्चों के बारे में कौन सी भावनाएं महसूस हुई?
शंकर जी को अचानक से लगाकर यह सुंदर प्यारी भोले से बच्चे यह उपेक्षित रह गए हैं क्यों ना उनके लिए कुछ खुशी का काम किया जाए यह भावना बच्चों के बारे में शंकर जी के मन में आई।
4.) पहली अंतर्राष्ट्रीय चित्रकला स्पर्धा कब हुई?
पहले अंतरराष्ट्रीय बाल चित्रकला प्रतियोगिता साल 1949 में हुई।
5.) केशव शंकर पिल्लै इनकी कमजोरी और ताकत क्या थी?
केशव शंकर पिल्लै इनकी कमजोरी उर ताकत बच्चे ही थे।
6.) केशव शंकर पिल्लै इनकी शंकर वीकली के कौन से हास्य व्यंग्य को बहुत पसंद किया?
केशव शंकर पिल्लै इनकी शंकर वीकली के बड़े लोगों की खोखली दुनिया पर हास्य व्यंग्य को बहुत पसंद किया।
7.) उस समय देश के प्रधानमंत्री कौन थे?
उस समय देश के प्रधानमंत्री बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू थे।
8.) नेहरू स्वर्ण पदक कितने देशों के कितने बच्चों ने जीता था?
नेहरू स्वर्ण पदक 18 देशों के 22 बच्चों ने जीता था।
प्र.) 2 नीचे दिए गए विधान सही है या गलत लिखो।
1.) केशव शंकर पिल्लै को दुनियाभर के बच्चों का प्यार मिला
सही
2.) गुड़िया घर की स्थापना उन्होंने बच्चों के लिए की थी।
सही
3.) केशव शंकर पिल्लै अच्छे जर्नलिस्ट थे।
गलत
4.) हर साल गुड़िया घर को देखने वाले भारतीय बच्चों की संख्या 1 लाख से अधिक होती है।
सही
5.) कीमती गुड़िया खराब होने का डर उनके मन में नहीं था।
गलत
6.) उन्होंने चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट नाम का एक ट्रस्ट स्थापना किया है जो पुस्तकों का प्रकाशन करता है।
सही
7.) शंकर चित्रकला प्रतियोगिता में सिर्फ भारत के बच्चे ही भाग लेते हैं।
गलत
प्र.) 3 तीन से चार वाक्य में उत्तर लिखो।
1.) केशव शंकर पिल्लै यह क्या कार्य करते थे?
केशव शंकर पिल्लै बच्चों के लिए गुड़िया इकट्ठा करते थे। इसके साथ-साथ बच्चों की खुशी के लिए बहुत सारे कार्य करते थे। वे शंकर्स वीकली इसके लिए कार्टून बनाते थे, बच्चों के लिए प्यारी प्यारी पुस्तक की और पत्रिकाएं निकलते थे, बच्चों के लिए चित्रकला की प्रतियोगिता आयोजित करते थे। पूरी दुनिया के बच्चे उन्हें जानते थे।
2.) केशव शंकर पिल्लै इन्होंने कहां-कहां नौकरी की है?
केशव शंकर पिल्लै इन्होंने मुंबई में सिंधिया शिपिंग कंपनी के संस्थापक के नीचे सचिव के रूप में नौकरी की, इसके साथ-साथ मुंबई क्रॉनिकल में उनकी कुछ कार्टून छापे तो उन्हें हिंदुस्तान टाइम्स में कार्टूनिस्ट की नौकरी मिल गई।
3.) शंकर चित्रकला प्रतियोगिता के बारे में जानकारी लिखें।
शंकर चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ढाई साल से 16 साल के बच्चे भारत के स्कूलों में तैयारी करते हैं। भारत के बाहर भी लगभग 100 देश के बच्चे हर वर्ष इस अंतर्राष्ट्रीय बाल चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। सन 1970 में 103 देश के कुल 190000 बच्चों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था और 18 देश के 22 बच्चों ने नेहरू स्वर्ण पदक जीता था। कुल 482 पुरस्कार दिए थे। जब तक नेहरू जीजी भी थे इस वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि बने और बाल लेखन को और बाल चित्रकारों के साथ तस्वीर खिंचवाते रहे।
4.) चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट हर वर्ष कौन सी पुस्तकों का प्रकाशन करता है?
चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट हर वर्ष बहुत सारी पुस्तकों का प्रकाशन करता है। इन पुस्तकों में भारत के लोक कथाएं पौराणिक कथाएं पंचतंत्र और हितों प्रदेश की कहानी इसके साथ-साथ विज्ञान विज्ञान की कहानी भी होती है। इन की छपाई का स्तर बहुत ऊंचा है। इस वजह से वे प्रशिक्षण कोर्स भी चलाते थे।
5.) बच्चों के विकास के लिए शंकर जी ने कौन-कौन सी योजनाएं बनाई?
बच्चों के विकास के लिए शंकर जी ने आर्ट क्लब और हॉबी सेंटर चलाना भारत के बच्चे इस पुस्तक की एक लंबी सीरीज निकलना और हर वर्ष छुट्टियों में तीन-चार कैंप लगाकर सारे भारत के बच्चों को एक जगह मिलने का अवसर देना।अपनी इस योजना को वे बच्चों का जनतंत्र नाम देना चाहते थे।
6.) गुड़िया घर स्थापन करने के पीछे शंकर जी का क्या उद्देश्य था?
शंकर जी ने जो गुड़िया एकत्रित की है वह बहुत आकर्षक है, हंसती, बोलता, काम करती, चलती फिरती सजीव सी वह लगती है। बच्चे उनके बीच जाकर इन्हें देखकर खो जाते हैं। इस संग्रहालय को एक दिन में अच्छी तरह देखा भी नहीं जा सकता और इसे कई बार देखने पर भी किसी का मन नहीं भरता। यह देखते हुए बच्चों का भरपूर मनोरंजन होता है और देश-विदेश के बारे में उनकी जानकारी बढ़ इस वजह से गुड़िया घर की स्थापना की गई थी गुड़िया घर की स्थापना के पीछे शंकर जी का यह उद्देश्य था।
पाठ से आगे
प्र.) 1 दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखो।
1.) गुड़ियों के माध्यम से केशव शंकर केशव शंकर पिल्लै बच्चों तक कौन सी जानकारी पहुंचाना चाहते थे?
केशव शंकर पिल्लई इन्होंने लगभग 85 देश के प्राचीन और आधुनिक गुड़ियों का संग्रह किया था। इसमें भारत के सभी राज्यों के गुड़िया भी शामिल है। इनके माध्यम से वह बच्चों को भारत के हर राज्य और विदेश के रहन-सहन, तौर तरीका, फैशन, वेशभूषा तथा रीति रिवाज उनसे परिचित कराना चाहते थे।
2.) बच्चों को गुड़िया आकर्षक क्यों लगती है?
बच्चों को गुड़िया बहुत आकर्षक लगती है। यह गुड़िया इतनी आकर्षक होती हैं की हंसती – बोलती, काम करती, चलती – फिरती सजीव – सी लगती हैं। बच्चे इनके बीच खो जाते हैं। कई देर इनको देखकर भी बच्चो का मन नहीं भरता। बच्चों को बहुत आनंद आता है।
3.) आपके पास कितनी गुड़ियां है आपको यह कैसी लगती हैं?
मेरे पास बहुत सारी गुड़ियाएं है। मैं उनके साथ बहुत वक्त तक खेलती रहती हूं। मैं इनके साथ बहुत सारी बातें करती हूं। इन्हें खाना भी खिलाती हूं। फिर जब कोई मेरे लिए नई गुड़िया लेकर आता है मुझे बहुत आनंद आता है। मैं उन्हें भी अपने परिवार में शामिल कर लेती हूं।
4.) आप बड़े होकर अगर बच्चों के लिए क्या करना चाहेंगे?
जब हम बड़े हो जाएंगे तो बच्चों के लिए पहले काम यह करेंगे कि उन्हें ऐसी पुस्तक उपलब्ध करके देंगे के जिनसे उन्हें दुनिया की जानकारी तो मिले लेकिन खेल-खेल में। उन्हें यह जानकारी खेल-खेल में प्राप्त होनी चाहिए। ना की किसी भी अभ्यास करने के दबाव में आकर। आज हमारे बच्चों को बहुत अभ्यास दिया जाता है। और यह अभ्यास करने का उनके ऊपर एक दबाव भी रहता है। यह दबाव हम कम कर देंगे। और उनका बचपन खुशहाल बनाएंगे।
5.) आपको कौन-कौन सी बातों का संग्रह करना अच्छा लगता है?
हमें पुराने सिक्के कई अलग-अलग देश की टिकट्स रेलवे टिकट, बस टिकट, छोटे-छोटे शंख इन वस्तुओं का संग्रह करना अच्छा लगता है।
6.) आपके खिलौने में कौन-कौन सी वस्तुएं है?
हमारे खिलौने में बैट बॉल, छोटे-छोटे बर्तन, गुड़िया, अलग-अलग प्रकार के प्राणी, पक्षी यह सब है।
7.) पाठशाला में आप कौन-कौन सी प्रतियोगिता में भाग लेते हो?
पाठशाला में हम फेंकी हुई चीजों से नई-नई चीज बनाना, चित्रकला प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, कथा लेखन, नाटक प्रतियोगिता ऐसे प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।
प्र.) 2 बच्चों को दिन भर में कौन-कौन से कार्य करने अच्छे लगते हैं? सूची तैयार करो।
1.) गुड्डा गुड्डी उनसे खेलना
2.) चित्रकार करना
3.) बच्चों के साथ मिलजुलकर छोटे छोटे बर्तनों से खेलना
4.) गाने सुनना
प्र.) 3 आपको दिन भर में कौन-कौन से कार्य करने पसंद है?
हम सुबह उठकर पहले नाश्ता करके स्कूल जाते हैं। वहां पर हम बहुत सारी पढ़ाई करते हैं। दोस्तों के साथ बहुत सारी मस्ती भी करते हैं। घर जाकर मैदान में खेलने के लिए जाते हैं। उसके बाद फिर पढ़ाई करते हैं। पढ़ाई करना मैदान में जाकर खेलना यह करना पसंद है लेकिन इसके साथ-साथ अलग-अलग किताबें पढ़ना भी हमें बहुत पसंद है। इसके साथ चित्र निकालना कागज से नए-नए वस्तुएं बनाना कथाएं पढ़ना और लिखना भी हमें बहुत पसंद है।
प्र.) 4 हम कई सारे उपयोग की वस्तु कूड़ेदान में फेंक देते हैं ऐसी कौन-कौन सी वस्तुएं होती है जिनके हम फिर से उपयोग कर सकते हैं?
1.) कागज –
इससे हम कई तरह के वस्तुएं तैयार कर सकते हैं।
2.) प्लास्टिक बोतल –
इससे हम सुशोभनीय वस्तुएं तैयार कर सकते है।
3.) नारियल करवंटी –
इस से भी हम शोभानिय वस्तुए तैयार कर सकते हैं।
4.) खराब नारियल –
इसका तेल बनाया जाता हैं।
5.) बचा हुआ खाना –
इस से खाद बनाया जाता हैं।
भाषा की बात
प्र.) 1 पर्यायवाची शब्द लिखें।
1.) प्रेम – प्यार
2.) विकास – प्रगति
3.) मुश्किल – कठिन
4.) उपहार – भेट
5.) पुस्तक – किताब
6.) निकट – पास
7.) दुनिया – जगत
प्र.) 2 वचन बदलकर वाक्य फिर से लिखो।
1.) उन्होंने अपनी गुड़िया का प्रदर्शन लगाया।
उन्होंने अपनी गुड़ियों का प्रदर्शन लगाया।
2.) गुड़िया को विदेशी बच्चे के पास भेजा जाता था।
गुड़ियों को विदेशी बच्चों के पास भेजा जाता था।
3.) केशव शंकर पिल्लै इन्होंने बच्चे के लिए योजना बनाई।
केशव शंकर पिल्लै इन्होंने बच्चों के लिए योजनाएं बनाई।
4.) उन्होंने पुस्तक का निर्माण किया।
उन्होंने पुस्तकों का निर्माण किया।
5.) केशव शंकर पिल्लै इन्होंने कहानी लिखी।
केशव शंकर पिल्लै इन्होंने कहानीयां लिखी।
6.) उन्होंने प्रतियोगिता लेनी शुरू की।
उन्होंने प्रतियोगिताएं लेनी शुरू की।
Hope above Baccho Ke Priye Sri Keshav Shankar Pillai Extra Questions and Answers will help you to practice more for school exam. All Questions and answers are made by our Hindi Sir. You can share through your friend circle.